सारांश: सरकार ने 17 फरवरी से FASTag से जुड़ी नई गाइडलाइंस लागू कर दी हैं। इन नए नियमों के तहत, यदि किसी वाहन का FASTag पहले से ब्लैकलिस्टेड है, तो टोल प्लाजा पर पहुंचने के बाद तुरंत रिचार्ज करने पर भी भुगतान अस्वीकार किया जाएगा। इसके अलावा, यदि लेन-देन 15 मिनट से अधिक समय में पूरा होता है, तो अतिरिक्त शुल्क लिया जाएगा। इन बदलावों का उद्देश्य टोल प्लाजा पर ट्रैफिक को कम करना और पेमेंट प्रक्रिया को अधिक सुव्यवस्थित बनाना है।


17 फरवरी से FASTag के नए नियम लागू: जानिए बदलाव और बचें अतिरिक्त शुल्क से


FASTag नियमों में बड़ा बदलाव: क्या है नई गाइडलाइंस?


भारत में डिजिटल टोल भुगतान प्रणाली FASTag को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए 17 फरवरी से नए नियम लागू कर दिए गए हैं। राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने मिलकर इन बदलावों को जारी किया है, ताकि टोल कलेक्शन प्रणाली में हो रही परेशानियों को कम किया जा सके।


नई गाइडलाइंस के तहत, अगर कोई वाहन टोल प्लाजा पहुंचने से पहले ही ब्लैकलिस्टेड FASTag के साथ आता है, तो उसे तुरंत रिचार्ज करने के बावजूद भुगतान करने की अनुमति नहीं मिलेगी। इस स्थिति में वाहन मालिक को टोल प्लाजा पर नकद भुगतान करना होगा और उससे दोगुना टोल शुल्क वसूला जाएगा।


FASTag निष्क्रिय होने पर क्या होगा?


नए नियमों के अनुसार, अगर कोई FASTag 60 मिनट से अधिक समय तक निष्क्रिय रहता है और टोल प्लाजा पार करने के 10 मिनट बाद तक भी सक्रिय नहीं होता है, तो यह सिस्टम द्वारा अस्वीकार कर दिया जाएगा। ऐसे मामलों में ‘एरर कोड 176’ दिखाकर लेन-देन को रिजेक्ट किया जाएगा।


इसके अलावा, यदि टोल लेन-देन 15 मिनट से अधिक समय में किया जाता है, तो अतिरिक्त शुल्क वसूला जाएगा। इस तरह के बदलावों का मुख्य उद्देश्य FASTag लेन-देन में पारदर्शिता लाना और विवादों को कम करना है।


FASTag उपयोगकर्ताओं के लिए नई शर्तें


नई गाइडलाइंस में यह भी स्पष्ट किया गया है कि टोल लेन-देन के लिए 70 मिनट की विंडो दी जाएगी। यदि वाहन का FASTag ब्लैकलिस्ट है, लेकिन टोल पर स्कैन होने से पहले 60 मिनट के भीतर या टोल पार करने के 10 मिनट के अंदर इसे रिचार्ज कर लिया जाता है, तो यह सामान्य भुगतान की तरह स्वीकार कर लिया जाएगा।


हालांकि, यदि वाहन पहले से ब्लैकलिस्टेड FASTag के साथ टोल प्लाजा पहुंचता है और वहां रिचार्ज किया जाता है, तो यह पेमेंट स्वीकार नहीं किया जाएगा और दोगुना टोल वसूला जाएगा।


चार्जबैक और कूलिंग अवधि में भी बदलाव


FASTag से जुड़ी चार्जबैक प्रक्रिया में भी बदलाव किए गए हैं। टोल लेनदेन में देरी और अन्य समस्याओं के कारण विवाद होने पर उपयोगकर्ता को आसानी से रिफंड मिल सकेगा। हालांकि, इसके लिए नई कूलिंग अवधि निर्धारित की गई है, जिससे FASTag कंपनियों को विवाद निपटाने में अधिक समय मिल सकेगा।


FASTag लेन-देन में वृद्धि: दिसंबर में 38.2 करोड़ लेनदेन


नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर 2024 में FASTag के माध्यम से टोल भुगतान में भारी वृद्धि देखी गई। नवंबर की तुलना में दिसंबर में 6 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, जिससे FASTag लेनदेन की कुल संख्या 38.2 करोड़ तक पहुंच गई।


वित्तीय आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर में FASTag के जरिए कुल 6,642 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया, जो कि नवंबर के 6,070 करोड़ रुपये की तुलना में 9 प्रतिशत अधिक है। यह दर्शाता है कि डिजिटल टोल भुगतान प्रणाली लगातार लोकप्रिय हो रही है और लोगों के लिए सहूलियत बढ़ा रही है।


FASTag से जुड़े नए नियमों का असर


FASTag के नए नियम सीधे तौर पर उन उपयोगकर्ताओं को प्रभावित करेंगे, जिनके टैग ब्लैकलिस्टेड होते हैं या जिनके खाते में पर्याप्त बैलेंस नहीं होता है।


1.ब्लैकलिस्टेड FASTag:

  • टोल प्लाजा पर पहुंचने से पहले ब्लैकलिस्टेड FASTag को तुरंत रिचार्ज करने पर भी भुगतान नहीं होगा।
  • दोगुना टोल शुल्क देना होगा।

2.निष्क्रिय FASTag:

  • यदि 60 मिनट से अधिक समय तक FASTag निष्क्रिय रहता है, तो लेन-देन अस्वीकार कर दिया जाएगा।
  • टोल पार करने के 10 मिनट बाद तक रिचार्ज न होने पर भी पेमेंट रिजेक्ट होगा।

3.लेट लेन-देन पर अतिरिक्त शुल्क:

  • यदि टोल भुगतान 15 मिनट से अधिक समय में किया जाता है, तो अतिरिक्त शुल्क लगेगा।

4.चार्जबैक नीति में बदलाव:

  • कूलिंग अवधि को संशोधित किया गया है ताकि विवादों का शीघ्र समाधान हो सके।


FASTag उपयोगकर्ताओं के लिए सुझाव


FASTag से जुड़ी इन नई गाइडलाइंस को ध्यान में रखते हुए वाहन चालकों को कुछ महत्वपूर्ण बातों का पालन करना चाहिए:

  • हमेशा पर्याप्त बैलेंस रखें: यह सुनिश्चित करें कि आपके FASTag खाते में पर्याप्त बैलेंस हो, ताकि टोल प्लाजा पर कोई समस्या न हो।
  • समय पर रिचार्ज करें: अगर FASTag निष्क्रिय हो जाता है, तो निर्धारित समय सीमा के भीतर रिचार्ज करें, ताकि लेन-देन अस्वीकार न हो।
  • ब्लैकलिस्टेड FASTag से बचें: यदि आपका FASTag ब्लैकलिस्ट हो जाता है, तो इसे टोल प्लाजा पर पहुंचने से पहले ही अपडेट करें, ताकि दोगुना शुल्क न देना पड़े।
  • टोल पार करते समय सावधानी बरतें: FASTag रीडर से गुजरते समय यह सुनिश्चित करें कि टैग सही ढंग से स्कैन हो रहा है।

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