सारांश: वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन, निगरानी और प्रशासन को पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 में 14 अहम बदलाव किए गए हैं। इस विधेयक को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच मतभेद बने हुए हैं।


वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024: 14 बड़े बदलाव और आगे की राह


नई दिल्ली: सोमवार को संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के अध्यक्ष जगदंबिका पाल लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर आधारित समिति की रिपोर्ट पेश करेंगे। यह रिपोर्ट हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में उपलब्ध होगी और इसमें विधेयक के विभिन्न प्रावधानों का गहन अध्ययन किया गया है।


विधेयक में किए गए 14 प्रमुख संशोधन:


  1. गैर-मुस्लिम सदस्यों का समावेश: अब राज्य वक्फ बोर्ड और केंद्रीय वक्फ परिषद में दो गैर-मुस्लिम सदस्यों की नियुक्ति अनिवार्य होगी।
  2. महिला प्रतिनिधित्व: वक्फ अधिनियम की धारा 9 और 14 में संशोधन कर महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की गई है।
  3. सत्यापन प्रक्रिया में सुधार: वक्फ संपत्तियों के दावों के लिए अनिवार्य सत्यापन प्रक्रिया लागू की जाएगी।
  4. जिला मजिस्ट्रेट की भूमिका: वक्फ संपत्तियों की निगरानी में जिला मजिस्ट्रेट की भूमिका बढ़ाई जाएगी।
  5. वक्फ बोर्ड की शक्तियों में कटौती: वक्फ बोर्ड बिना जांच के किसी संपत्ति को वक्फ घोषित नहीं कर सकेगा।
  6. डिजिटलीकरण: वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन हेतु डिजिटलीकरण किया जाएगा।
  7. बेहतर ऑडिट प्रणाली: वित्तीय पारदर्शिता बढ़ाने के लिए ऑडिट प्रणाली को मजबूत किया जाएगा।
  8. अवैध कब्जों की रोकथाम: अवैध रूप से कब्जाई गई वक्फ संपत्तियों को वापस लेने के लिए सख्त कानूनी प्रावधान जोड़े जाएंगे।
  9. नियुक्ति प्रक्रिया में सुधार: राज्य सरकार को वक्फ बोर्ड के सभी सदस्यों की नियुक्ति का अधिकार मिलेगा।
  10. वक्फ न्यायाधिकरण की शक्तियां बढ़ेंगी: वक्फ संपत्तियों से जुड़े मामलों का शीघ्र समाधान होगा।
  11. अनधिकृत हस्तांतरण पर रोक: संपत्तियों के अनधिकृत हस्तांतरण पर कड़ी सजा के प्रावधान होंगे।
  12. मुख्य कार्यकारी अधिकारी की नियुक्ति: वरिष्ठ स्तर के अधिकारी को वक्फ बोर्ड का मुख्य कार्यकारी अधिकारी बनाया जाएगा।
  13. कंप्यूटरीकरण: वक्फ संपत्तियों के रिकॉर्ड को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर डाला जाएगा।
  14. वक्फ बोर्ड की संरचना में बदलाव: इसे अधिक प्रभावी बनाया जाएगा और विभिन्न समुदायों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जाएगा।


विपक्ष और सत्ता पक्ष की प्रतिक्रियाएं


जेपीसी की रिपोर्ट लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को सौंपी जा चुकी है। सत्ता पक्ष के सांसदों का मानना है कि यह विधेयक वक्फ संपत्तियों के प्रशासन में पारदर्शिता लाएगा, जबकि विपक्ष ने इसे असंवैधानिक बताते हुए विरोध किया है।


आगे की राह


विधेयक को लेकर संसद में बहस जारी है। यदि इसे मंजूरी मिलती है, तो यह वक्फ संपत्तियों की बेहतर निगरानी और प्रबंधन में मदद करेगा।

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