सारांश : 2026-27 शैक्षणिक सत्र से, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) अपनी बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन साल में दो बार करने की योजना बना रहा है। साथ ही, सीबीएसई वैश्विक पाठ्यक्रम भी शुरू करेगा। इसका ड्राफ्ट जल्द ही जारी किया जाएगा और लोगों से सुझाव लिए जाएंगे। शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस निर्णय पर चर्चा की गई। यह कदम छात्रों को तनावमुक्त शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है।


सीबीएसई बोर्ड परीक्षा साल में दो बार, नई पहल 2026 से लागू होने की संभावना


सीबीएसई बोर्ड परीक्षा के लिए बड़ी घोषणा

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने छात्रों के लिए एक नई पहल का ऐलान किया है, जो आने वाले साल 2026-27 से लागू होगी। इस पहल के तहत, बोर्ड परीक्षा का आयोजन अब साल में दो बार किया जाएगा। इसका उद्देश्य छात्रों पर परीक्षा के दबाव को कम करना और उन्हें बेहतर तरीके से अपनी तैयारी करने का अवसर देना है। जल्द ही सीबीएसई इस मसौदे का ड्राफ्ट जारी करेगा, जिसमें जनमत संग्रह के लिए सुझाव भी आमंत्रित किए जाएंगे।


नए परीक्षा संचालन की प्रक्रिया

शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 18 फरवरी को इस मसौदा योजना की घोषणा की। उनके मुताबिक, यह कदम छात्रों को तनावमुक्त वातावरण में अध्ययन करने का अवसर प्रदान करने के लिए उठाया गया है। मंत्री ने यह भी कहा कि वे सीबीएसई के अधिकारियों के साथ मिलकर इस मसौदे पर विस्तृत विचार-विमर्श कर रहे हैं, और इसका ड्राफ्ट जल्द ही लोगों के सामने लाया जाएगा। उनका मानना है कि साल में दो बार परीक्षा आयोजित करने से छात्रों को अपनी कमजोरियों पर काम करने का मौका मिलेगा और उन्हें परीक्षा से पहले तैयारी का और समय मिलेगा।


वैश्विक पाठ्यक्रम की शुरुआत

सीबीएसई के लिए यह साल 2026 में और भी एक नई दिशा में कदम रखने का समय है, क्योंकि इसके तहत बोर्ड विदेशी छात्रों के लिए वैश्विक पाठ्यक्रम भी शुरू करने जा रहा है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में हाल ही में हुई एक बैठक में यह निर्णय लिया गया कि सीबीएसई अब एक वैश्विक पाठ्यक्रम तैयार करेगा, जो दुनिया भर के छात्रों को लाभान्वित करेगा। यह पाठ्यक्रम सीबीएसई ग्लोबल स्कूलों में लागू होगा और इसे विदेशी छात्रों के लिए तैयार किया जाएगा। इस बैठक में सीबीएसई ग्लोबल स्कूलों के अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया था और इस नए पाठ्यक्रम को तैयार करने के लिए आवश्यक योजनाओं पर चर्चा की गई थी।


सीबीएसई का उद्देश्य

शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस नई पहल का उद्देश्य बच्चों को मानसिक दबाव से मुक्त रखना है। बोर्ड परीक्षा की परंपरागत व्यवस्था में छात्रों को काफी तनाव और दबाव का सामना करना पड़ता है, खासकर यदि उन्हें एक ही बार में सभी विषयों की परीक्षा देनी हो। इस प्रकार, साल में दो बार परीक्षा आयोजित होने से छात्रों को एक और मौका मिलेगा, जिससे वे अपनी परीक्षा को सही ढंग से दे सकेंगे और बेहतर प्रदर्शन कर पाएंगे।


परीक्षाओं के समय में बदलाव

सीबीएसई के इस कदम से यह भी संभावना है कि परीक्षा का आयोजन अब समय-समय पर किया जाएगा, जिससे छात्रों को अपनी तैयारी के हिसाब से उचित समय मिल सकेगा। उदाहरण के तौर पर, यदि कोई छात्र पहली परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाता है, तो वह दूसरी बार परीक्षा दे सकता है, जिससे उसके लिए मौके की संख्या बढ़ जाएगी। इससे छात्रों का आत्मविश्वास भी बढ़ेगा और वे अधिक बेहतर तरीके से अपनी पढ़ाई को समझ पाएंगे।


सीबीएसई बोर्ड परीक्षा 2025

इस समय, सीबीएसई की 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा 15 फरवरी से शुरू हो चुकी हैं और 4 अप्रैल तक चलेंगी। हालांकि, इन परीक्षाओं के बीच पेपर लीक जैसी अफवाहें भी फैलने लगी हैं। हाल ही में, सीबीएसई ने एक नोटिस जारी कर छात्रों को आगाह किया था कि वे ऐसी अफवाहों से सावधान रहें। बोर्ड ने यह स्पष्ट किया कि कुछ असामाजिक तत्व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे यूट्यूब, फेसबुक, और एक्स पर पेपर लीक होने की अफवाहें फैला रहे हैं, जो पूरी तरह से निराधार हैं। छात्रों को सलाह दी गई है कि वे ऐसी अफवाहों को नजरअंदाज करें और अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करें।


सुझावों के लिए आमंत्रण

सीबीएसई बोर्ड परीक्षा के इस नए पहल पर अधिक जानकारी और सुझाव प्राप्त करने के लिए बोर्ड एक सार्वजनिक परामर्श प्रक्रिया शुरू करेगा। सीबीएसई ने इसे एक महत्वपूर्ण कदम बताया है, जिससे छात्रों, शिक्षकों, और अभिभावकों के विचारों को ध्यान में रखा जा सके। इस मसौदे पर जनता से सुझाव लिए जाएंगे ताकि इसे और बेहतर तरीके से लागू किया जा सके। यह प्रक्रिया न केवल छात्रों के हित में होगी, बल्कि शिक्षा प्रणाली को भी और मजबूत करेगी।


सीबीएसई की ओर से लंबे समय से अपेक्षित बदलाव

सीबीएसई द्वारा परीक्षा प्रणाली में यह बदलाव लंबे समय से अपेक्षित था। कई छात्रों ने बार-बार यह सुझाव दिया था कि यदि परीक्षाएं साल में दो बार हों तो उन्हें बेहतर तैयारी करने का मौका मिलेगा और वे मानसिक दबाव से मुक्त रह पाएंगे। इस प्रकार, सीबीएसई ने अब इसे लागू करने का निर्णय लिया है, जिससे छात्रों की मेहनत और कठिनाई दोनों को कम किया जा सके।

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