सारांश : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा स्टील और एल्यूमिनियम के आयात पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा के बाद भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट देखी गई। सेंसेक्स और निफ्टी में तेज गिरावट आई, जिससे निवेशकों को लगभग 5 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। मेटल सेक्टर पर सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ा, जबकि रुपये की कीमत डॉलर के मुकाबले रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गई।


Trump के Tariff फैसले से Indian Stock Market में हाहाकार, Tata Steel में भारी गिरावट


भारतीय शेयर बाजार पर ट्रंप के फैसले का गहरा असर

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के स्टील और एल्यूमिनियम के आयात पर 25% टैरिफ लगाने के फैसले का असर वैश्विक बाजारों के साथ-साथ भारतीय शेयर बाजार पर भी पड़ा है। सोमवार को भारतीय शेयर बाजार भारी गिरावट के साथ खुला और पूरे दिन बिकवाली के दबाव में रहा। सेंसेक्स करीब 600 अंक गिरकर 77,210 पर आ गया, जबकि निफ्टी 200 अंकों की गिरावट के साथ 23,360 के स्तर पर कारोबार करता दिखा।


बाजार में मेटल सेक्टर के स्टॉक्स पर सबसे ज्यादा असर देखा गया। टाटा स्टील के शेयर में 3.54% की भारी गिरावट आई, जबकि पावर ग्रिड और एनटीपीसी के शेयर भी दबाव में रहे। इसके अलावा, मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स में भी भारी गिरावट दर्ज की गई, जिससे निवेशकों को बड़ा नुकसान हुआ।


सेक्टोरल प्रदर्शन: हर सेक्टर पर बिकवाली का दबाव

शेयर बाजार की गिरावट का असर लगभग सभी सेक्टरों पर दिखा। मेटल, बैंकिंग, आईटी, एनर्जी, ऑटो, फार्मा, मीडिया, हेल्थकेयर और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स के स्टॉक्स में भारी बिकवाली देखी गई। केवल एफएमसीजी सेक्टर के स्टॉक्स में हल्की तेजी बनी रही।


नुकसान का आकलन:

मिडकैप इंडेक्स 800 अंकों की गिरावट के साथ 52,821 पर पहुंच गया।

स्मॉलकैप इंडेक्स 300 अंक लुढ़ककर 16,715 पर कारोबार कर रहा है।

बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप 4.81 लाख करोड़ रुपये घटकर 419.12 लाख करोड़ रुपये रह गया।


किन कंपनियों के शेयरों में गिरावट?

सोमवार को सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 26 में गिरावट रही। प्रमुख गिरावट वाले स्टॉक्स में शामिल हैं:

टाटा स्टील: 3.54% की गिरावट

पावर ग्रिड : 2.89% की गिरावट

जोमैटो : 2.61% की गिरावट

एनटीपीसी : 1.81% की गिरावट

रिलायंस इंडस्ट्रीज : 1.58% की गिरावट

बजाज फाइनेंस : 1.49% की गिरावट

टाइटन : 1.26% की गिरावट

इन कंपनियों के शेयरों में गिरावट से निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा।


रुपये में ऐतिहासिक गिरावट

शेयर बाजार की गिरावट के साथ ही भारतीय मुद्रा भी कमजोर हुई। डॉलर के मुकाबले रुपया गिरकर 87.95 के स्तर पर आ गया, जो पिछले कारोबारी सत्र में 87.42 पर था। यह रुपये का अब तक का सबसे निचला स्तर है।


डोनाल्ड ट्रंप के फैसले के बाद विदेशी निवेशकों में चिंता बढ़ी है, जिससे रुपये पर दबाव बना है। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि यदि अमेरिकी सरकार अपने इस फैसले पर कायम रहती है, तो रुपये में और गिरावट देखने को मिल सकती है।


निवेशकों के लिए आगे की रणनीति

विशेषज्ञों का कहना है कि फिलहाल बाजार में अस्थिरता बनी रहेगी। मेटल सेक्टर की कंपनियों पर दबाव और रुपये में कमजोरी के कारण निवेशकों को सतर्कता बरतनी होगी। अगर ट्रंप का यह फैसला लागू होता है, तो इसका असर लंबे समय तक बाजार पर बना रह सकता है।


हालांकि, एफएमसीजी और कुछ अन्य सेक्टर्स में स्थिरता बनी हुई है, जिससे दीर्घकालिक निवेशकों को अवसर मिल सकता है। बाजार में स्थिरता आने में कुछ समय लग सकता है, लेकिन निवेशकों को सोच-समझकर निवेश करने की सलाह दी जा रही है।


निष्कर्ष:

डोनाल्ड ट्रंप के स्टील और एल्यूमिनियम आयात पर टैरिफ लगाने के फैसले से भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट देखी गई। मेटल सेक्टर के साथ-साथ अन्य सेक्टर्स भी प्रभावित हुए, और निवेशकों को भारी नुकसान हुआ। सेंसेक्स और निफ्टी में बड़ी गिरावट के अलावा, रुपया भी रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया। बाजार की अनिश्चितता को देखते हुए निवेशकों को सतर्क रहने और दीर्घकालिक निवेश पर ध्यान देने की सलाह दी जा रही है।

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