सारांश: दिल्ली की नई मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कार्यभार संभालते ही बड़ा प्रशासनिक फैसला लिया है। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी के निजी स्टाफ की सेवाएं समाप्त कर दीं और अन्य विभागों में प्रतिनियुक्त अधिकारियों को उनके मूल विभागों में लौटने का आदेश दिया। इसके साथ ही, रेखा गुप्ता सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में दो बड़े फैसले लिए—दिल्ली में आयुष्मान योजना लागू करने और CAG की 14 रिपोर्ट सदन में पेश करने का निर्णय लिया गया।
नई सरकार का पहला कड़ा प्रशासनिक कदम
दिल्ली में सत्ता परिवर्तन के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) की नई सरकार ने प्रशासनिक स्तर पर पहली महत्वपूर्ण कार्रवाई की है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शपथ ग्रहण के बाद सबसे पहले आतिशी सरकार के सभी निजी स्टाफ को हटा दिया। इसके अलावा, पूर्व सरकार के कार्यकाल में प्रतिनियुक्ति पर तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से उनके मूल विभागों में लौटने का निर्देश दिया गया है।
रेखा गुप्ता की इस कार्रवाई को नई सरकार की सख्त नीति के रूप में देखा जा रहा है। सरकार के इस निर्णय का असर कई अधिकारियों और कर्मचारियों पर पड़ेगा, जिन्हें पूर्व सरकार के दौरान विभिन्न विभागों, बोर्ड और निगमों में तैनात किया गया था।
बदलाव की प्रक्रिया और नई सरकार की रणनीति
सूत्रों के अनुसार, एक सप्ताह पहले ही विभिन्न विभागों से पूर्व सरकार द्वारा नियुक्त किए गए संविदा और निजी स्टाफ की जानकारी मांगी गई थी। इसके बाद मुख्य सचिव द्वारा एक नोटिस जारी कर सभी गैर-आधिकारिक कर्मचारियों की सूची तैयार करने का निर्देश दिया गया था। इस लिस्ट को देखते हुए नई सरकार ने त्वरित निर्णय लिया और सभी गैर-आधिकारिक कर्मचारियों को उनके पदों से मुक्त कर दिया।
भाजपा सरकार के इस कदम को प्रशासनिक सुधार की दिशा में पहला बड़ा फैसला माना जा रहा है। पार्टी का दावा है कि पूर्ववर्ती सरकार में कई नियुक्तियां राजनीतिक आधार पर की गई थीं और इनसे सरकारी संसाधनों पर अनावश्यक भार पड़ रहा था।
रेखा गुप्ता के साथ 6 मंत्रियों ने संभाला कार्यभार
दिल्ली में 27 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद भारतीय जनता पार्टी की सत्ता में वापसी हुई है। गुरुवार को आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में रेखा गुप्ता ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। वह दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री बनी हैं। उनसे पहले सुषमा स्वराज, शीला दीक्षित और आतिशी इस पद पर रह चुकी हैं।
रेखा गुप्ता के साथ उनकी कैबिनेट के छह मंत्रियों ने भी शपथ ली। इनमें परवेश वर्मा, आशीष सूद, मनजिंदर सिंह सिरसा, कपिल मिश्रा, रविंद्र इंद्राज और पंकज सिंह शामिल हैं। नई सरकार के शपथ ग्रहण के साथ ही दिल्ली की राजनीति में एक नया अध्याय शुरू हो गया है।
पहली कैबिनेट बैठक में दो बड़े फैसले
सरकार के गठन के बाद शाम को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक बुलाई, जिसमें दो अहम निर्णय लिए गए।
दिल्ली में आयुष्मान भारत योजना लागू होगी
अब तक यह योजना दिल्ली में लागू नहीं थी, लेकिन नई सरकार ने इसे तुरंत प्रभाव से लागू करने का फैसला किया है। इस योजना के तहत गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिलेगा।
CAG रिपोर्ट सदन में पेश होगी
कैग (CAG) की 14 रिपोर्ट को आगामी विधानसभा सत्र में पेश किया जाएगा। इन रिपोर्टों में पूर्ववर्ती सरकार के वित्तीय प्रबंधन और खर्चों की समीक्षा की गई है। माना जा रहा है कि इन रिपोर्टों के जरिए भाजपा सरकार पूर्व सरकार की नीतियों पर सवाल उठाएगी।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में BJP की बड़ी जीत
इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 48 सीटों पर जीत दर्ज की। आम आदमी पार्टी (AAP) को करारी हार का सामना करना पड़ा और वह केवल 22 सीटें ही जीत सकी।
BJP की इस जीत को केंद्र सरकार की नीतियों और दिल्ली में बदलाव की जनता की इच्छा के रूप में देखा जा रहा है। अब नई सरकार अपनी नीतियों के जरिए दिल्ली में प्रशासनिक और बुनियादी सुधार करने की दिशा में तेजी से काम कर रही है।
नई सरकार के फैसलों का संभावित असर
रेखा गुप्ता सरकार द्वारा लिए गए त्वरित निर्णयों के दूरगामी प्रभाव हो सकते हैं।
- सरकारी विभागों में अनुशासन और पारदर्शिता बढ़ेगी।
- राजनीतिक आधार पर हुई नियुक्तियों की समीक्षा होगी।
- प्रशासनिक व्यवस्था को अधिक प्रभावी बनाया जाएगा।
सरकारी खर्चों में कटौती की जा सकेगी।
नई सरकार के यह फैसले आने वाले दिनों में दिल्ली की राजनीति और प्रशासन में बड़े बदलावों का संकेत दे रहे हैं। अब देखने वाली बात होगी कि रेखा गुप्ता सरकार आगे कौन-कौन से कदम उठाती है और जनता की उम्मीदों पर कितनी खरी उतरती है।
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