सारांश : गुरुवार को भारतीय शेयर बाजार ने शुरुआती बढ़त के साथ शुरुआत की, लेकिन जल्द ही यह गिरावट की ओर मुड़ गया। सेंसेक्स और निफ्टी ने शुरुआती बढ़त खो दी और निचले स्तरों पर कारोबार करने लगे। वहीं, भारतीय रुपया भी 87.57 प्रति डॉलर के अपने सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंच गया। विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली और वैश्विक आर्थिक दबाव ने बाजार पर नकारात्मक असर डाला।
शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव: शुरुआती बढ़त के बाद गिरावट
भारतीय शेयर बाजार में गुरुवार को बहुत ही तेज शुरुआत देखने को मिली, लेकिन यह गति ज्यादा देर तक नहीं चल सकी। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ने शुरुआती कारोबार में अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन कुछ ही समय बाद दोनों सूचकांकों ने अपनी बढ़त खो दी और गिरावट की ओर बढ़ने लगे।
बीएसई सेंसेक्स ने शुरुआती कारोबार में 280.38 अंक की बढ़त के साथ 78,551.66 अंक का स्तर छुआ, वहीं एनएसई निफ्टी ने 77.25 अंकों की बढ़त के साथ 23,773.55 अंक पर कारोबार शुरू किया। हालांकि, समय के साथ दोनों प्रमुख सूचकांकों ने अपनी बढ़त खो दी और गिरावट का सामना करना पड़ा। अंत में सेंसेक्स 126.78 अंक की गिरावट के साथ 78,141.80 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी भी 42.85 अंक गिरकर 23,653.45 पर बंद हुआ।
विदेशी निवेशकों की बिकवाली से बाजार में दबाव
शेयर बाजार की इस गिरावट में एक महत्वपूर्ण कारण विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की बिकवाली रही। बुधवार को FII ने 1,682.83 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जिससे बाजार पर नकारात्मक दबाव पड़ा। इस बिकवाली का असर बाजार पर साफ तौर पर देखा गया, जिससे निवेशकों का विश्वास कुछ कमजोर हुआ और बाजार में गिरावट आई।
सेंसेक्स के प्रमुख शेयरों की स्थिति
सेंसेक्स में सूचीबद्ध 30 कंपनियों में से कुछ कंपनियों के शेयरों ने भारी नुकसान उठाया, जबकि कुछ कंपनियों के शेयरों में मामूली लाभ हुआ।
नुकसान में रहने वाले प्रमुख शेयर:
महिंद्रा एंड महिंद्रा
टाइटन
टाटा स्टील
आईटीसी
एनटीपीसी
भारती एयरटेल
एचडीएफसी बैंक
कोटक महिंद्रा बैंक
फायदे में रहने वाले प्रमुख शेयर:
पावर ग्रिड
बजाज फाइनेंस
इंफोसिस
टेक महिंद्रा
एचसीएल टेक्नोलॉजीज
रिलायंस इंडस्ट्रीज
हिंदुस्तान यूनिलीवर
रुपया 87.57 प्रति डॉलर पर पहुंचा, सर्वकालिक गिरावट
गुरुवार को भारतीय रुपया ने एक और ऐतिहासिक गिरावट का सामना किया। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा ब्याज दरों में कटौती की आशंका और कमजोर आर्थिक आंकड़ों के कारण रुपये की कीमत में 14 पैसे की गिरावट आई और यह 87.57 प्रति डॉलर के नए निचले स्तर पर पहुंच गया।
रुपया गुरुवार को अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में 87.54 प्रति डॉलर पर खुला, लेकिन जल्द ही यह गिरकर 87.57 के सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंच गया। यह पिछले बंद स्तर से 14 पैसे की गिरावट को दर्शाता है। बुधवार को भी रुपया 36 पैसे टूटकर 87.43 के निचले स्तर पर बंद हुआ था।
बाजार की दिशा में बदलाव की संभावना
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर वैश्विक बाजारों में दबाव जारी रहता है और विदेशी निवेशकों की बिकवाली बढ़ती है, तो भारतीय बाजारों में और गिरावट हो सकती है। इसके साथ ही, भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा लिए गए निर्णयों और घरेलू आर्थिक आंकड़ों का भी बाजार पर प्रभाव पड़ सकता है।
निवेशक इस समय सतर्कता बरतते हुए अपनी रणनीति बनाएं। यदि रुपया और गिरता है और वैश्विक आर्थिक दबाव बढ़ता है, तो यह भारतीय कंपनियों के निर्यातकों के लिए फायदेमंद हो सकता है। हालांकि, आयात पर निर्भर कंपनियां इस गिरावट से प्रभावित हो सकती हैं।
निवेशकों के लिए सलाह
सतर्कता बनाए रखें : शेयर बाजार में उथल-पुथल का माहौल बना रह सकता है, इसलिए निवेशकों को ध्यानपूर्वक निर्णय लेना चाहिए।
मजबूत कंपनियों में निवेश करें : उन कंपनियों में निवेश करें जिनकी फंडामेंटल मजबूत हों और जो बाजार की अस्थिरता का सामना करने में सक्षम हों।
रुपये की गिरावट से सतर्क रहें : रुपया गिरने से कुछ सेक्टर्स को फायदा हो सकता है, जबकि अन्य को नुकसान हो सकता है।
दीर्घकालिक निवेश का ध्यान रखें : जब बाजार अस्थिर हो, तो दीर्घकालिक निवेश की रणनीति अपनाना अच्छा हो सकता है।
निष्कर्ष
गुरुवार को शेयर बाजार ने सकारात्मक शुरुआत की, लेकिन विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली और रुपये में गिरावट के कारण बाजार में अस्थिरता आई। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ने अपनी शुरुआती बढ़त खो दी और गिरावट की ओर बढ़े। रुपये ने भी नया ऐतिहासिक निचला स्तर हासिल किया, जो भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए चुनौतीपूर्ण समय का संकेत है। निवेशकों को इस अस्थिर माहौल में सतर्क रहना होगा और अपनी रणनीतियों को ध्यान से बनाना होगा
एक टिप्पणी भेजें