सारांश : रूस-यूक्रेन युद्ध और मध्य पूर्व के बढ़ते तनाव के बीच चीन ने न्यूक्लियर, बायोलॉजिकल और केमिकल (NBC) रक्षा अभ्यास किया। इसमें ड्रोन, रोबोटिक डॉग्स और विस्फोटक नष्ट करने वाले रोबोट्स का उपयोग किया गया। इस अभ्यास को चीन की भविष्य की सैन्य रणनीति के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।


China की सैन्य तैयारी : Nuclear, बायोलॉजिकल और केमिकल युद्ध अभ्यास से क्या संकेत?


चीन का बड़ा सैन्य अभ्यास: आखिर क्या संदेश देना चाहता है बीजिंग?

दुनिया इस समय गंभीर सैन्य संकटों से गुजर रही है। एक तरफ रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जारी है, तो दूसरी ओर मध्य पूर्व में तनाव अपने चरम पर है। ऐसे में चीन की सेना द्वारा न्यूक्लियर, बायोलॉजिकल और केमिकल (NBC) रक्षा अभ्यास करना वैश्विक स्तर पर चर्चा का विषय बन गया है। यह अभ्यास चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) द्वारा किया गया, जिसमें ड्रोन, रोबोटिक डॉग्स और एक्सप्लोसिव डिस्पोजल रोबोट्स का इस्तेमाल किया गया।


इस सैन्य अभ्यास की जानकारी चीन की सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स द्वारा साझा की गई, जिसमें इसे चीन की सुरक्षा नीति का हिस्सा बताया गया। हालांकि, कई विशेषज्ञों का मानना है कि यह केवल एक डिफेंस ड्रिल नहीं बल्कि चीन की भविष्य की रणनीति का संकेत है।


चीन के इस अभ्यास के पीछे क्या मकसद?

PLA की 73वीं ग्रुप आर्मी से जुड़ी एक ब्रिगेड ने अपने ट्रेनिंग ग्राउंड पर न्यूक्लियर, बायोलॉजिकल और केमिकल रक्षा तथा आपातकालीन बचाव (इमरजेंसी रेस्क्यू) से जुड़ा अभ्यास किया। इस अभ्यास में आधुनिक तकनीकों का भरपूर इस्तेमाल किया गया, जिसमें मानव रहित हवाई वाहन (UAV), रोबोटिक डॉग्स और विस्फोटक निष्क्रिय करने वाले रोबोट्स प्रमुख थे।


चीनी मीडिया CCTV की रिपोर्ट के अनुसार, इस ड्रिल की सटीक लोकेशन को उजागर नहीं किया गया, लेकिन इसमें अत्याधुनिक सैन्य तकनीकों को आजमाया गया। सैन्य विशेषज्ञों का मानना है कि चीन NBC युद्ध की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए अपनी सेना को नई रणनीतियों से लैस कर रहा है।


नई सैन्य तकनीकों का परीक्षण

ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन की सेना ने इस अभ्यास में अपनी युद्ध क्षमता को बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक ट्रेनिंग तकनीकों को अपनाया। इस अभ्यास में सिमुलेशन तकनीक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और नेटवर्क सिस्टम का व्यापक रूप से इस्तेमाल किया गया।


PLA के एक अधिकारी क्यूई ह्यूली ने बताया कि यह अभ्यास युद्ध की नई परिस्थितियों के अनुसार सेना को तैयार करने के लिए किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि मानव रहित उपकरणों का उपयोग बढ़ाने से चीन की युद्ध रणनीति और अधिक प्रभावी हो सकती है।


चीन के सैन्य रणनीतिकारों की राय

चीनी सैन्य विशेषज्ञ सोंग जोंगपिंग का कहना है कि इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य युद्ध की नई तकनीकों का परीक्षण और मानव रहित हथियारों को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि भविष्य के युद्धों में ड्रोन, रोबोटिक सिस्टम और AI की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण होगी।


सोंग के अनुसार, ड्रोन के प्रयोग से युद्ध के दौरान सैनिकों की जान को कम से कम खतरा होगा और सैन्य अभियानों को ज्यादा प्रभावी बनाया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और अन्य उभरती तकनीकों को सैन्य उपकरणों में शामिल करना आने वाले समय की बड़ी जरूरत होगी।


चीन की बढ़ती सैन्य शक्ति और वैश्विक चिंता

चीन पहले से ही अपनी सैन्य क्षमताओं को लेकर दुनिया में चर्चा का केंद्र बना हुआ है। बीते कुछ वर्षों में उसने अपने रक्षा बजट को कई गुना बढ़ाया है और हाई-टेक युद्ध रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित किया है।


विशेषज्ञों का मानना है कि इस अभ्यास के जरिए चीन यह संदेश देना चाहता है कि वह हर प्रकार के सैन्य संघर्ष के लिए तैयार है। ऐसे में अमेरिका, भारत और अन्य देशों को भी चीन की इस गतिविधि पर पैनी नजर बनाए रखनी होगी।


निष्कर्ष

चीन का यह NBC रक्षा अभ्यास केवल एक सामान्य ड्रिल नहीं, बल्कि उसकी वैश्विक सैन्य रणनीति का हिस्सा हो सकता है। यह ड्रिल दिखाती है कि चीन अपने सैन्य उपकरणों और युद्ध तकनीकों को अत्यधिक आधुनिक बना रहा है।


ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या चीन भविष्य के युद्धों की तैयारी कर रहा है? क्या वह अपनी सैन्य ताकत को और अधिक उन्नत करने के लिए नए प्रयोग कर रहा है? और सबसे महत्वपूर्ण, क्या दुनिया को चीन की इस रणनीति से चिंतित होना चाहिए? 

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