सारांश : संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव की चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने ‘मेक इन इंडिया’ को असफल बताया, चीन के साथ संबंधों को लेकर सवाल उठाए और महाराष्ट्र के चुनावों में वोटर लिस्ट में गड़बड़ी का मुद्दा उठाया। उनके तीखे हमलों पर भाजपा सांसदों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी, जिससे सदन में भारी हंगामा हुआ।


Parliament में Rahul Gandhi का हंगामा : 'Make in India फेल', China और विदेश नीति पर सरकार को घेरा


संसद में राहुल गांधी का हमला: मेक इन इंडिया, चीन और विदेश नीति पर उठाए सवाल

संसद का बजट सत्र इन दिनों चर्चा में है, खासकर राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच तीखी बहस देखने को मिल रही है। इसी क्रम में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने भाषण में सरकार की नीतियों पर करारा हमला किया। उन्होंने 'मेक इन इंडिया' योजना को पूरी तरह विफल बताया, चीन के मुद्दे पर सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए और महाराष्ट्र में मतदाता सूची में गड़बड़ी का गंभीर आरोप लगाया। उनके इन बयानों के बाद सदन में भारी हंगामा हुआ और भाजपा सांसदों ने तीखी प्रतिक्रिया दी।


राष्ट्रपति के अभिभाषण पर उठाए सवाल

राहुल गांधी ने अपने भाषण की शुरुआत में ही राष्ट्रपति के अभिभाषण को लेकर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि इस अभिभाषण में बेरोजगारी, महंगाई और युवाओं के मुद्दे का कोई जिक्र नहीं था। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार उन विषयों पर बात करने से बच रही है, जो आम जनता के लिए सबसे अधिक महत्वपूर्ण हैं।


मेक इन इंडिया: अच्छा आइडिया, लेकिन असफल प्रयास

राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘मेक इन इंडिया’ योजना पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि यह एक अच्छा विचार था, लेकिन इसकी सफलता के लिए जो कदम उठाए जाने चाहिए थे, वह सरकार नहीं उठा पाई। उन्होंने कहा कि देश में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर 60 साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि ‘मेक इन इंडिया’ पूरी तरह से विफल हो गया है।


'सिर्फ असेंबलिंग हो रही, असली मैन्युफैक्चरिंग नहीं'

राहुल गांधी ने सदन में मोबाइल फोन दिखाते हुए कहा कि सरकार यह दावा करती है कि भारत में मोबाइल फोन बनाए जा रहे हैं, लेकिन हकीकत यह है कि इन मोबाइलों के सभी पुर्जे चीन से आते हैं और भारत में केवल असेंबलिंग होती है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने असली मैन्युफैक्चरिंग पर ध्यान नहीं दिया, जिससे भारत को केवल उपभोक्ता बाजार बना दिया गया है और इससे असमानता बढ़ रही है।


चीन के मुद्दे पर सरकार को घेरा

राहुल गांधी ने अपने भाषण में चीन के मुद्दे पर भी सरकार को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने आरोप लगाया कि चीन ने भारतीय सीमा में घुसपैठ की है और सरकार इस पर सही जानकारी नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि सेना और सरकार के बयान इस मुद्दे पर अलग-अलग हैं। सेना प्रमुख ने खुद स्वीकार किया है कि चीन ने भारतीय क्षेत्र में अतिक्रमण किया है, लेकिन प्रधानमंत्री इस तथ्य को मानने के लिए तैयार नहीं हैं।


राहुल के इस बयान के बाद सदन में भाजपा सांसदों ने जमकर विरोध किया। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने राहुल गांधी से ठोस सबूत पेश करने की मांग की और कहा कि विपक्ष महज आरोप लगाकर जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है।


विदेश नीति पर सरकार की आलोचना

राहुल गांधी ने भारत की विदेश नीति को लेकर भी सरकार पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने अमेरिका से संबंध सुधारने के लिए हमारे विदेश मंत्री को तीन बार वहां भेजा, ताकि प्रधानमंत्री को अमेरिका का आधिकारिक न्योता मिल सके। उन्होंने इसे भारतीय कूटनीति की कमजोरी करार दिया और कहा कि देश की प्रतिष्ठा के साथ इस तरह का समझौता नहीं किया जाना चाहिए।


महाराष्ट्र चुनाव और मतदाता सूची में गड़बड़ी का आरोप

राहुल गांधी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर एक गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि चुनाव से ठीक 5 महीने पहले महाराष्ट्र में 70 लाख नए मतदाता जोड़े गए, जो काफी संदिग्ध है। उन्होंने दावा किया कि महाराष्ट्र के शिरडी क्षेत्र की एक इमारत में 7000 नए मतदाता जोड़े गए, जो मतदाता सूची में गड़बड़ी की ओर इशारा करता है। उन्होंने सरकार से इस मामले की जांच कराने की मांग की और कहा कि निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करना लोकतंत्र की मजबूती के लिए जरूरी है।


संसद में भारी हंगामा, भाजपा ने किया पलटवार

राहुल गांधी के इन बयानों के बाद संसद में हंगामा मच गया। भाजपा सांसदों ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह झूठे आंकड़े पेश कर रही है और देश को गुमराह कर रही है। किरेन रिजिजू और अन्य भाजपा नेताओं ने राहुल गांधी से चीन पर सबूत देने की मांग की और कहा कि भारत की संप्रभुता से जुड़ी बातों पर राजनीति करना उचित नहीं है।


निष्कर्ष : सरकार बनाम विपक्ष की जोरदार बहस

राहुल गांधी का यह भाषण एक बार फिर से सरकार और विपक्ष के बीच तीखी बहस का कारण बन गया। उनके आरोपों से जहां कांग्रेस ने सरकार को घेरने की कोशिश की, वहीं भाजपा ने भी पलटवार करते हुए विपक्ष को कटघरे में खड़ा कर दिया। संसद में इस मुद्दे पर आगे भी तीखी बहस होने की संभावना है, क्योंकि सरकार और विपक्ष दोनों अपनी-अपनी स्थिति पर अड़े हुए हैं।

Post a Comment

और नया पुराने