सारांश : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कनाडा और मैक्सिको पर प्रस्तावित 25% टैरिफ को 30 दिनों के लिए स्थगित करने के फैसले से वैश्विक बाजारों में तेजी आई। इस निर्णय का सकारात्मक असर भारतीय शेयर बाजार पर भी पड़ा, जहां सेंसेक्स 700 अंकों की बढ़त के साथ खुला। इस तेजी से निवेशकों को लगभग 3 लाख करोड़ रुपये का लाभ हुआ, जिससे बाजार में उत्साह का माहौल देखा गया।


Stock Market में जबरदस्त उछाल : Sensex -Nifty में तेजी, निवेशकों को मिली राहत


ट्रंप के फैसले से शेयर बाजार में राहत

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कनाडा और मैक्सिको पर 25% टैरिफ लगाने की योजना की घोषणा के बाद वैश्विक शेयर बाजारों में गिरावट देखी गई थी। लेकिन अब ट्रंप ने इन टैरिफ को 30 दिनों के लिए स्थगित करने का फैसला किया है, जिससे निवेशकों को राहत मिली है। इस फैसले के कारण एशियाई और यूरोपीय बाजारों में भी सकारात्मक रुझान देखा गया।


भारतीय बाजार ने इस फैसले पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी। बेंचमार्क बीएसई सेंसेक्स 715.74 अंकों की बढ़त के साथ 77,902.48 पर खुला, जबकि निफ्टी 50 इंडेक्स 204.60 अंकों की तेजी के साथ 23,565.65 पर पहुंचा। इस उछाल के कारण बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 3.11 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 423.43 लाख करोड़ रुपये हो गया।


हालांकि, शुरुआती बढ़त के बाद बाजार में हल्की गिरावट भी देखी गई। सुबह 10:38 बजे सेंसेक्स 338.71 अंक गिरकर 77,525.45 पर आ गया, जबकि निफ्टी 96.65 अंक बढ़कर 23,457.70 पर बना रहा।


वैश्विक बाजारों पर प्रभाव

ट्रंप के इस फैसले के असर से वैश्विक बाजारों में भी मजबूती दिखी। जापान का निक्केई 1.6% चढ़कर 39,140.41 पर पहुंच गया, जबकि हांगकांग का हैंग सेंग इंडेक्स 2.5% उछलकर दो महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया।


इसके अलावा, अमेरिकी बाजारों में भी सकारात्मक रुझान देखा गया। एसएंडपी 500 फ्यूचर में 0.4% की बढ़त दर्ज की गई, जिससे यह संकेत मिलता है कि अमेरिकी बाजार भी इस फैसले को सकारात्मक रूप में ले रहे हैं। चीन के बाजार फिलहाल बंद हैं और वे बुधवार को खुलेंगे।


डॉलर और रुपये की स्थिति

इस फैसले के बाद डॉलर इंडेक्स में गिरावट आई, जो 0.56% घटकर 108.90 पर आ गया। डॉलर की कमजोरी के कारण भारतीय रुपये में मजबूती दर्ज की गई। विदेशी निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ने से रुपये को समर्थन मिला और यह डॉलर के मुकाबले बेहतर स्थिति में पहुंच गया।


बाजार विश्लेषकों की राय

शेयर बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, ट्रंप की रणनीति अन्य देशों को वार्ता के लिए मजबूर करने की है। पहले टैरिफ लगाने की घोषणा करना और फिर बातचीत के जरिए सौदेबाजी करना उनकी आम रणनीति मानी जाती है।


जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार डॉ. वी. के. विजयकुमार का कहना है, "कल वैश्विक बाजारों में भारी बिकवाली के बाद आज निवेशकों को राहत मिली है। ट्रंप की नीति व्यापारिक भागीदारों पर दबाव बनाने और वार्ता को मजबूती देने की है। इस रणनीति का अगला चरण चीन के साथ देखने को मिल सकता है।"


निवेशकों को क्या करना चाहिए?

बाजार में बढ़त के बावजूद, निवेशकों को सतर्कता बरतनी चाहिए क्योंकि टैरिफ को केवल 30 दिनों के लिए स्थगित किया गया है। अगर इस अवधि के बाद अमेरिका इन टैरिफ को लागू करता है, तो बाजार में एक बार फिर अस्थिरता आ सकती है।


विशेषज्ञों का मानना है कि दीर्घकालिक निवेशकों को मजबूत कंपनियों में निवेश जारी रखना चाहिए, जबकि अल्पकालिक निवेशकों को मुनाफावसूली के लिए अवसरों की तलाश करनी चाहिए।


निष्कर्ष

डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ स्थगन के फैसले से वैश्विक और भारतीय बाजारों में राहत मिली है। निवेशकों की चिंताएं थोड़ी कम हुई हैं, और बाजार में सकारात्मकता देखी जा रही है। हालांकि, यह तेजी कितनी स्थायी होगी, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि आगे चलकर टैरिफ नीति में और क्या बदलाव होते हैं। निवेशकों को सतर्कता और सूझबूझ के साथ अपने फैसले लेने की जरूरत है।


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