सारांश : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी तीन दिवसीय यात्रा के तहत फ्रांस पहुंचे, जहां वे एआई एक्शन समिट की सह-अध्यक्षता करेंगे और न्यूक्लियर एनर्जी सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करेंगे। इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात करेंगे और भारत-फ्रांस सीईओ फोरम को संबोधित करेंगे। यात्रा के समापन के बाद वे अमेरिका रवाना होंगे, जहां उनकी मुलाकात डोनाल्ड ट्रंप से होगी।
फ्रांस यात्रा का मुख्य उद्देश्य
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी तीन दिवसीय यात्रा के तहत सोमवार (10 फरवरी) को फ्रांस की राजधानी पेरिस पहुंचे। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य भारत और फ्रांस के बीच तकनीकी, व्यापारिक और रणनीतिक सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाना है। दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), न्यूक्लियर एनर्जी, रक्षा और व्यापार जैसे प्रमुख विषयों पर चर्चा होगी।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस शिखर सम्मेलन में भारत की भूमिका
फ्रांस यात्रा के दौरान पीएम मोदी और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों AI एक्शन समिट के तीसरे संस्करण की सह-अध्यक्षता करेंगे। इस शिखर सम्मेलन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के नैतिक और जिम्मेदार उपयोग को बढ़ावा देने पर विशेष जोर दिया जाएगा। एआई तकनीक दुनिया भर में कई उद्योगों में क्रांति ला रही है और भारत इसमें अग्रणी भूमिका निभाना चाहता है।
भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने इस यात्रा के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि यह सम्मेलन एआई के भविष्य को लेकर वैश्विक स्तर पर सहयोग की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। भारत इस क्षेत्र में अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन करेगा और एआई आधारित टेक्नोलॉजी में नवाचार को बढ़ावा देने पर चर्चा करेगा।
व्यापार और निवेश को मिलेगा नया बढ़ावा
पीएम मोदी इस यात्रा के दौरान भारत-फ्रांस सीईओ फोरम को भी संबोधित करेंगे, जहां वे विभिन्न क्षेत्रों के शीर्ष उद्योगपतियों और व्यापारिक नेताओं से मिलेंगे। इस फोरम में दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश के नए अवसरों पर विचार किया जाएगा।
भारत और फ्रांस पहले से ही रक्षा, ऑटोमोबाइल, एयरोस्पेस, फार्मास्यूटिकल्स और टेक्नोलॉजी जैसे कई क्षेत्रों में मजबूत साझेदार हैं। यह बैठक दोनों देशों के आर्थिक संबंधों को और अधिक गहराई देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
परमाणु ऊर्जा में बढ़ेगा सहयोग
प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के दौरान भारत-फ्रांस न्यूक्लियर एनर्जी सहयोग को भी एक नई दिशा मिलने की उम्मीद है। पीएम मोदी फ्रांस के कैडारेच क्षेत्र का दौरा करेंगे, जहां इंटरनेशनल थर्मोन्यूक्लियर एक्सपेरिमेंटल रिएक्टर (ITER) स्थित है।
ITER एक वैश्विक वैज्ञानिक परियोजना है, जिसका उद्देश्य स्वच्छ और टिकाऊ परमाणु संलयन ऊर्जा विकसित करना है। भारत इस परियोजना का एक प्रमुख साझेदार है और इस दौरे के माध्यम से दोनों देशों के बीच विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहयोग को और मजबूत किया जाएगा।
रणनीतिक और रक्षा संबंधों पर भी होगी चर्चा
फ्रांस और भारत के बीच रक्षा क्षेत्र में लंबे समय से सहयोग बना हुआ है। राफेल लड़ाकू विमान सौदा इसका एक बड़ा उदाहरण है। इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच रक्षा साझेदारी को और मजबूत करने पर चर्चा होगी। भारत अपनी सुरक्षा क्षमताओं को बढ़ाने के लिए फ्रांस के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास, रक्षा उत्पादन और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर जैसे विषयों पर सहयोग को आगे बढ़ाना चाहता है।
संयुक्त रूप से भारतीय वाणिज्य दूतावास का उद्घाटन
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मैक्रों मार्सिले में भारतीय वाणिज्य दूतावास (Consulate General of India) का संयुक्त रूप से उद्घाटन करेंगे। इससे भारत और फ्रांस के बीच राजनयिक और व्यावसायिक संबंधों को और मजबूती मिलेगी।
अमेरिका के लिए होंगे रवाना
फ्रांस यात्रा समाप्त करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी बुधवार (12 फरवरी) को अमेरिका के लिए रवाना होंगे। वहां वे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से उनके दूसरे कार्यकाल में पहली बार व्हाइट हाउस में मुलाकात करेंगे। यह बैठक भारत-अमेरिका संबंधों को लेकर महत्वपूर्ण मानी जा रही है, जहां व्यापार, रक्षा और वैश्विक रणनीति जैसे विषयों पर चर्चा होगी।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा भारत-फ्रांस संबंधों को और मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। चाहे वह एआई तकनीक हो, परमाणु ऊर्जा, रक्षा, व्यापार या निवेश – इस यात्रा में हर क्षेत्र को नया बढ़ावा मिलने की संभावना है। दोनों देशों की बढ़ती साझेदारी वैश्विक स्तर पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव डालेगी।
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