सारांश: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी दो दिवसीय राजकीय यात्रा के तहत 11 मार्च को मॉरीशस पहुंचे। इस यात्रा के दौरान वे मॉरीशस के 57वें राष्ट्रीय दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे। पीएम मोदी द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने के लिए मॉरीशस के शीर्ष नेतृत्व के साथ कई अहम बैठकों में भाग लेंगे और व्यापार, रक्षा, वित्तीय अपराध नियंत्रण और समुद्री सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे। उनके इस दौरे में भारतीय समुदाय से मुलाकात, महत्वपूर्ण परियोजनाओं का उद्घाटन और रणनीतिक साझेदारी को नई दिशा देने पर भी जोर रहेगा।


पीएम मोदी का मॉरीशस दौरा: द्विपक्षीय सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की तैयारी


राष्ट्रीय दिवस समारोह में पीएम मोदी की भागीदारी:मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम के निमंत्रण पर पीएम मोदी इस द्वीप राष्ट्र के दौरे पर हैं। उनके मॉरीशस पहुंचने पर एयरपोर्ट पर भव्य स्वागत किया गया। इस यात्रा का प्रमुख आकर्षण मॉरीशस का 57वां राष्ट्रीय दिवस समारोह है, जिसमें भारतीय नौसेना के युद्धपोत और भारतीय वायुसेना की आकाश गंगा स्काइडाइविंग टीम भी भाग लेगी। यह भारत और मॉरीशस के बीच रक्षा और सामरिक सहयोग को उजागर करता है।


महत्वपूर्ण द्विपक्षीय वार्ताएं और समझौते:

पीएम मोदी अपनी यात्रा के दौरान मॉरीशस के शीर्ष नेतृत्व, राष्ट्रपति और अन्य प्रमुख गणमान्य व्यक्तियों से मुलाकात करेंगे। इस दौरान कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे, जिनमें शामिल हैं:


क्षमता निर्माण और व्यापार सहयोग

भारत और मॉरीशस के बीच द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने तथा छोटे और मध्यम उद्यमों को समर्थन देने पर विशेष जोर दिया जाएगा।


सीमा पार वित्तीय अपराध से निपटने के लिए सहयोग:

 भारत का प्रवर्तन निदेशालय (ED) और मॉरीशस का वित्तीय अपराध आयोग एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर करेंगे। इसका उद्देश्य मनी लॉन्ड्रिंग और अन्य वित्तीय अपराधों से निपटने के लिए सूचना और तकनीकी सहायता साझा करना होगा।


व्हाइट शिपिंग सूचना साझेदारी:

 भारतीय नौसेना और मॉरीशस के अधिकारी समुद्री सुरक्षा को बढ़ाने के लिए व्हाइट शिपिंग सूचना साझा करने पर एक तकनीकी समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे।


समुद्री क्षेत्र प्रबंधन और अनुसंधान: 

भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र और मॉरीशस के प्रधान मंत्री कार्यालय के बीच समुद्री अवलोकन और अनुसंधान सहयोग को लेकर एक समझौता होगा।


भारतीय समुदाय के साथ पीएम मोदी की बातचीत:

प्रधानमंत्री मोदी मॉरीशस में भारतीय मूल के लोगों से भी मिलेंगे, जो वहां की कुल जनसंख्या का लगभग 70% हैं। यह भारत और मॉरीशस के बीच घनिष्ठ सांस्कृतिक और सामाजिक संबंधों का प्रमाण है। इस दौरान, पीएम मोदी भारतीय समुदाय के नेताओं से संवाद करेंगे और दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक सहयोग को और मजबूत करने पर चर्चा करेंगे।


महत्वपूर्ण परियोजनाओं का उद्घाटन:

पीएम मोदी अपनी यात्रा के दौरान भारत के अनुदान से निर्मित सिविल सेवा कॉलेज और एक क्षेत्रीय स्वास्थ्य केंद्र का उद्घाटन करेंगे। ये दोनों परियोजनाएं मॉरीशस में सार्वजनिक सेवा और स्वास्थ्य सेवा को बेहतर बनाने की दिशा में भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।


भारत-मॉरीशस संबंधों का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य:

भारत और मॉरीशस के संबंध ऐतिहासिक रूप से बहुत गहरे रहे हैं। भारत मॉरीशस का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और इस द्वीप राष्ट्र की आजादी के बाद से ही दोनों देशों के बीच सहयोग मजबूत होता रहा है। पीएम मोदी इससे पहले 2015 और 1998 में भी मॉरीशस का दौरा कर चुके हैं। 2015 की यात्रा के दौरान, उन्होंने SAGAR (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) सिद्धांत की घोषणा की थी, जिसका उद्देश्य हिंद महासागर क्षेत्र में भारत के समुद्री सहयोग को बढ़ाना था।


चागोस द्वीप समूह मुद्दे पर भारत का समर्थन:

प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा से पहले भारत ने स्पष्ट किया कि वह हिंद महासागर में चागोस द्वीप समूह पर ब्रिटेन के साथ पारस्परिक रूप से लाभकारी समझौते तक पहुंचने के मॉरीशस के प्रयासों का समर्थन करता है। यह मुद्दा पीएम मोदी और मॉरीशस के प्रधानमंत्री रामगुलाम के बीच वार्ता में भी उठने की संभावना है। पिछले साल अक्टूबर में, ब्रिटेन ने घोषणा की थी कि वह ऐतिहासिक समझौते के तहत चागोस द्वीप समूह की संप्रभुता मॉरीशस को सौंपने के लिए तैयार है। भारत के इस समर्थन को मॉरीशस के साथ उसके मजबूत संबंधों के प्रतीक के रूप में देखा जा रहा है।

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