सारांश : उत्तराखंड के चमोली जिले में माणा गांव के पास शुक्रवार सुबह हिमस्खलन की भयावह घटना हुई, जिसमें सड़क निर्माण कार्य में लगे 55 मजदूर फंस गए। अब तक 50 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है, लेकिन 4 की मौत हो गई है। 5 मजदूर अभी भी बर्फ के नीचे दबे हुए हैं और उनका रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस पूरे अभियान पर नजर बनाए हुए हैं। सेना, आईटीबीपी, एसडीआरएफ और अन्य बचाव दल राहत कार्यों में जुटे हुए हैं।
माणा में हिमस्खलन का कहर
शुक्रवार सुबह करीब 7:15 बजे चमोली जिले के माणा गांव में भारी हिमस्खलन हुआ, जिससे इलाके में सड़क निर्माण में लगे 55 मजदूर फंस गए। हादसे के तुरंत बाद बचाव अभियान शुरू किया गया। शनिवार सुबह तक 50 मजदूरों को सुरक्षित निकाला गया, लेकिन उनमें से 4 ने दम तोड़ दिया। 5 मजदूर अब भी बर्फ के नीचे दबे हुए हैं और उनकी तलाश जारी है।
सूत्रों के अनुसार, शनिवार सुबह 14 और लोगों को बचाया गया, जिनमें से एक की हालत गंभीर है। राज्य सरकार और आपदा प्रबंधन विभाग लगातार हालात पर नजर बनाए हुए हैं। मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद रेस्क्यू टीमों ने बचाव कार्य जारी रखा है।
रेस्क्यू ऑपरेशन पर पीएम मोदी की नजर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बचाव अभियान पर पूरी तरह नजर रखे हुए हैं। उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बात कर हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। मुख्यमंत्री धामी ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन तेजी से चलाया जा रहा है और जल्द ही लापता मजदूरों को खोज लिया जाएगा।
आईटीबीपी कमांडेंट विजय कुमार के अनुसार, जिन मजदूरों को बचाया गया है, उनमें से 2-3 को फ्रैक्चर और सिर में चोटें आई हैं। उन्हें तुरंत जोशीमठ अस्पताल में भर्ती कराया गया है। आईजी स्तर के अधिकारी पूरे ऑपरेशन की निगरानी कर रहे हैं, और डीआईजी ग्राउंड पर खुद स्थिति का जायजा ले रहे हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि शाम तक अच्छी खबर मिल सकती है।
200 से ज्यादा जवान राहत कार्य में जुटे
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि बचाव कार्य में 200 से अधिक जवान लगे हुए हैं। सेना, आईटीबीपी, एसडीआरएफ, बीआरओ, वायुसेना और फायर सर्विस की टीमें लगातार काम कर रही हैं। इस ऑपरेशन में हवाई मार्ग से भी मदद पहुंचाई जा रही है।
बचाव दलों को बर्फबारी के कारण काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। घटना स्थल से 30 किलोमीटर तक की सड़क बर्फ से ढकी हुई है, जिससे राहत टीमों को वहां पहुंचने में मुश्किल हो रही है। प्रदेश के आपदा प्रबंधन और पुनर्वास सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि हिमस्खलन स्थल पर करीब सात फीट बर्फ जमा है, जिससे रेस्क्यू अभियान चुनौतीपूर्ण बन गया है।
बर्फ में दबे मजदूरों की पहचान
उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने माणा में फंसे मजदूरों की सूची जारी कर दी है। इनमें बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और जम्मू-कश्मीर के मजदूर शामिल हैं। शुक्रवार रात को निकाले गए मजदूरों को सेना के कैंप में लाया गया, जहां 3 मजदूरों की हालत गंभीर होने के कारण उन्हें आर्मी अस्पताल ज्योर्तिमठ में भर्ती कराया गया है।
बर्फबारी से बाधित हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन
शुक्रवार को भारी बर्फबारी के कारण बचाव कार्य में कई बाधाएं आईं। जोशीमठ से एसडीआरएफ की टीमों को हेलीकॉप्टर से भेजा गया, लेकिन जमीन पर बर्फ जमा होने के कारण बचाव कार्य में देरी हुई। चमोली पुलिस के अनुसार, बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर अनिमथ और पागलनाला में भूस्खलन के कारण रास्ता अवरुद्ध हो गया है। जल्द ही सड़क मार्ग को साफ कर यातायात बहाल करने का प्रयास किया जा रहा है।
कैसे हुआ हादसा?
जानकारी के अनुसार, यह हादसा शुक्रवार सुबह 7:15 बजे हुआ। सभी 55 मजदूर स्टील कंटेनरों में सो रहे थे, तभी अचानक एक बड़ा हिमस्खलन हुआ और कंटेनर बर्फ के नीचे दब गए। यह घटना बद्रीनाथ से लगभग 3 किमी दूर चमोली जिले के माणा गांव में हुई।
सीएम धामी का दौरा और बचाव कार्यों की समीक्षा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार इस घटना की निगरानी कर रहे हैं। शनिवार सुबह वह बद्रीनाथ पहुंचे और वहां बचाव कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने आईटीबीपी और सेना के अधिकारियों से रेस्क्यू ऑपरेशन की स्थिति की जानकारी ली और मजदूरों से मुलाकात कर उनका हालचाल जाना।
शुक्रवार देर रात सीएम धामी राज्य आपदा परिचालन केंद्र भी पहुंचे और अधिकारियों के साथ बचाव कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने वायुसेना, युकाडा और निजी हेलीकॉप्टर सेवाओं को भी रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल करने के निर्देश दिए, ताकि मजदूरों को जल्द से जल्द बचाया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार हर संभव प्रयास कर रही है कि सभी मजदूर सुरक्षित वापस लौटें।
निष्कर्ष
माणा गांव में हुआ यह हिमस्खलन उत्तराखंड में आए अब तक के सबसे बड़े हादसों में से एक माना जा रहा है। सरकार और बचाव दल लगातार राहत कार्यों में जुटे हुए हैं। मौसम की कठिनाइयों के बावजूद, रेस्क्यू ऑपरेशन तेजी से चल रहा है और जल्द ही लापता मजदूरों को भी बाहर निकालने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और हरसंभव सहायता देने का आश्वासन दिया है।
एक टिप्पणी भेजें