ऑप्शन ट्रेडिंग में दिमाग और अनुशासन ही असली हथियार हैं। चार्ट और इंडिकेटर तो सबको पता होते हैं, लेकिन जब मार्केट तेजी से ऊपर-नीचे होता है, तब जो ट्रेडर अपने इमोशन्स को कंट्रोल करता है, वही जीतता है।
यह है ₹25,000 की ट्रेडिंग साइकोलॉजी का सार, जिसे हर ऑप्शन ट्रेडर को अपनी डेस्क या वॉल पर लगाना चाहिए।
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ऑप्शन ट्रेडर की 13 गोल्डन रूल्स:
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दूर के OTM ऑप्शन से बचें। सस्ते जरूर लगते हैं, लेकिन जीतने की संभावना बेहद कम होती है।
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सारा पैसा एक ही सेटअप में मत लगाओ। हर ट्रेड में कुछ मार्जिन छोड़ो ताकि आप लचीलापन रख सको।
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दिशा के साथ स्पीड भी ज़रूरी है। केवल ट्रेंड नहीं, मोमेंटम ही असली फायदा देता है।
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वॉलेटाइल मार्केट में डीप स्टॉपलॉस रखें। छोटे SL बार-बार हिट होते हैं, जिससे "हज़ार छोटे घाव" वाली मौत मिलती है।
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कुछ ट्रेड परफॉर्मेंस तय नहीं करते। 100 से ज़्यादा ट्रेड का डेटा देखकर ही अपनी स्ट्रैटेजी जाँचें।
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प्रॉफिट दिखे तो कैपिटल बचाओ। SL को कॉस्ट के पास लाकर प्रोटेक्ट करें। नो प्रॉफिट, नो लॉस भी जीत ही है।
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लालच और डर को खत्म करो। मार्केट में ट्रेड्स की कोई कमी नहीं है। हर दिन नया मौका मिलेगा।
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हर ट्रेड को समान भाव से लो। पिछला ट्रेड हारा या जीता, अगला ट्रेड नई शुरुआत है।
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लॉस आने पर शांति से स्वीकार करो। स्क्रीन से उठो, बाहर घूमो, कुछ अच्छा खाओ, खुद को रिफ्रेश करो।
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शरीर का ध्यान रखो। साफ प्रोटीन खाओ, नींद न आए तो नेचुरल Melatonin या L-Theanine सप्लीमेंट ले सकते हो।
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विनर्स को चलने दो। ट्रेलिंग स्टॉपलॉस (TSL) से प्रॉफिट लॉक करते हुए ट्रेड को लंबा चलने दो।
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हर दिन ट्रेड करना जरूरी नहीं। महीने में कुछ दिन ही सबसे अच्छे मौके देते हैं — बस वही चुनो।
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सही लड़ाई चुनो। अगर ऑप्शन ट्रेडिंग तुम्हारे लिए नहीं है, तो छोड़ देना भी समझदारी है।
निष्कर्ष:
ट्रेडिंग का असली खेल चार्ट नहीं, आपका माइंडसेट है। मार्केट का भविष्य कोई नहीं जानता, लेकिन जो अपनी मानसिक स्थिति को संभाल लेता है — वही लगातार कमाता है।
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