चक्रवात फेंगल भारतीय उपमहाद्वीप में 2024 में आया एक गंभीर चक्रवाती तूफान है, जिसने तमिलनाडु और पुडुचेरी के तटीय क्षेत्रों में व्यापक प्रभाव डाला। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, यह चक्रवात बंगाल की खाड़ी में विकसित हुआ और तेज हवाओं व भारी बारिश के साथ तटों से टकराया। चक्रवात के कारण व्यापक बाढ़, जन-धन की हानि और बुनियादी ढांचे को भारी क्षति हुई।
विकास और प्रगति
चक्रवात फेंगल ने अपनी शुरुआत बंगाल की खाड़ी में कम दबाव वाले क्षेत्र के रूप में की। यह धीरे-धीरे एक गहरे दबाव में परिवर्तित हुआ और फिर चक्रवात का रूप ले लिया। 30 नवंबर 2024 को इसने पुडुचेरी के तट पर दस्तक दी, जिससे तेज हवाएं (90-100 किमी/घंटा) और मूसलाधार बारिश हुई। चक्रवात के दौरान समुद्र में ऊंची लहरें उठीं, जिसने तटीय क्षेत्रों को गंभीर रूप से प्रभावित किया।
प्रभावित क्षेत्र
चक्रवात फेंगल ने मुख्य रूप से तमिलनाडु और पुडुचेरी को प्रभावित किया।
तमिलनाडु : चेन्नई और इसके आस-पास के क्षेत्रों में भारी बारिश और तेज हवाओं के कारण बाढ़ आ गई। चेन्नई हवाईअड्डे का संचालन बंद करना पड़ा और सैकड़ों उड़ानें रद्द कर दी गईं।
पुडुचेरी : निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया। चक्रवात के कारण कई घर, फसलें और बुनियादी ढांचा नष्ट हो गए।
श्रीलंका : इस चक्रवात का प्रभाव श्रीलंका में भी देखा गया, जहां 12 लोगों की मौत हो गई और कई गांव प्रभावित हुए।
जान-माल का नुकसान
चक्रवात फेंगल के कारण तमिलनाडु और पुडुचेरी में:
मृत्यु : कम से कम 3 लोगों की जान गई।
विस्थापन : हजारों लोग राहत शिविरों में शरण लेने को मजबूर हुए।
उड़ान सेवाएं : चेन्नई और हैदराबाद हवाईअड्डे पर 50 से अधिक उड़ानें रद्द की गईं।
इंफ्रास्ट्रक्चर : सड़कें, पुल, और बिजली की आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई।
सरकारी प्रतिक्रिया
तमिलनाडु सरकार : मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने स्थिति का जायजा लेने के लिए राहत कार्यों की निगरानी की और राहत शिविर स्थापित करने का आदेश दिया।
पुडुचेरी प्रशासन : मुख्यमंत्री एन रंगास्वामी ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और बचाव दल को तेजी से काम करने का निर्देश दिया।
राहत उपाय : निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। प्रशासन ने राहत शिविर और वार रूम स्थापित किए।
मौसम विभाग की चेतावनी
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने चक्रवात के दौरान और बाद में भारी बारिश की संभावना जताई। अगले 2-3 दिनों तक तमिलनाडु और पुडुचेरी में तेज बारिश और तेज हवाओं की चेतावनी जारी की गई।
आर्थिक प्रभाव
चक्रवात फेंगल के कारण आर्थिक नुकसान का आकलन जारी है। प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, कृषि क्षेत्र को भारी क्षति हुई है, और तमिलनाडु व पुडुचेरी के कई हिस्सों में बुनियादी सेवाएं ठप हो गईं।
निवारक उपाय और तैयारी
सरकार और प्रशासन ने:
निचले इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।
राहत केंद्रों में भोजन, पानी और चिकित्सा सेवाओं की व्यवस्था की।
बचाव कार्यों के लिए सेना और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीमों को तैनात किया।
भविष्य की रणनीति
चक्रवात फेंगल से हुए नुकसान से निपटने के लिए:
पुनर्वास कार्य तेज किए जाएंगे।
बुनियादी ढांचे की मरम्मत और पुनर्निर्माण पर जोर दिया जाएगा।
चक्रवात प्रबंधन और तैयारी के लिए दीर्घकालिक योजनाएं बनाई जाएंगी।
निष्कर्ष
चक्रवात फेंगल ने दक्षिण भारत के तटीय क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर तबाही मचाई। हालांकि, सरकार और प्रशासन की सक्रियता से नुकसान को कम करने में मदद मिली। आने वाले समय में ऐसी आपदाओं से निपटने के लिए बेहतर तैयारी और प्रभावी नीतियों की आवश्यकता है।