निशाद कुमार एक भारतीय पैरा एथलीट हैं, जो ऊंची कूद में विशेषज्ञता रखते हैं। निशाद ने अपनी खेल यात्रा में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल की हैं, जिनमें टोक्यो 2020 पैरालंपिक खेलों में सिल्वर मेडल जीतना शामिल है। निशाद का प्रदर्शन उन्हें भारत के सबसे प्रमुख पैरा एथलीट्स में से एक बनाता है।
प्रारंभिक जीवन
निशाद कुमार का जन्म 3 अक्टूबर 1999 को हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के एक छोटे से गाँव में हुआ था। निशाद के जन्म के समय ही उनकी एक बांह नहीं थी, लेकिन इस चुनौती के बावजूद उन्होंने अपने जीवन में कभी हार नहीं मानी। निशाद ने अपनी पढ़ाई के साथ-साथ खेलों में भी रुचि दिखाई, और जल्द ही उन्होंने एथलेटिक्स में अपना करियर बनाने का निर्णय लिया। निशाद ने ऊंची कूद में अपनी खासियत बनाई और राष्ट्रीय स्तर पर पहचान प्राप्त की।
खेल करियर
निशाद कुमार ने पहली बार 2019 में दुबई में आयोजित विश्व पैरा एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, जहां उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने 2021 में टोक्यो पैरालंपिक खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया और ऊंची कूद में सिल्वर मेडल जीतकर इतिहास रच दिया। उन्होंने T47 कैटेगरी में 2.06 मीटर की छलांग लगाकर न केवल मेडल जीता, बल्कि एशियाई रिकॉर्ड की बराबरी भी की।
निशाद की यह उपलब्धि उनके कठोर परिश्रम और अद्वितीय प्रतिभा का परिणाम है। टोक्यो पैरालंपिक में उनकी सफलता ने उन्हें रातों-रात एक स्टार बना दिया और देशभर में उनकी सराहना की गई।
सम्मान और पुरस्कार
निशाद कुमार को उनकी उपलब्धियों के लिए कई पुरस्कारों और सम्मानों से नवाजा गया है। उन्हें टोक्यो पैरालंपिक में उनकी सफलता के बाद कई राज्य और राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार मिले। निशाद की इस उपलब्धि ने उन्हें न केवल एथलेटिक्स के क्षेत्र में, बल्कि समाज में भी एक प्रेरणा का स्रोत बना दिया है।
व्यक्तिगत जीवन
निशाद कुमार का व्यक्तिगत जीवन सादगीपूर्ण है। वह अपने परिवार के साथ ऊना में रहते हैं और अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और कोच को देते हैं। निशाद अपने गाँव और आसपास के बच्चों के लिए एक प्रेरणा हैं और वह उन्हें खेलों में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं।