राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS)

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) भारत का एक प्रमुख हिन्दू राष्ट्रवादी, सांस्कृतिक और स्वयंसेवी संगठन है। इसकी स्थापना 27 सितंबर 1925 को नागपुर में डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार द्वारा की गई थी। आरएसएस का उद्देश्य भारतीय समाज में हिंदुत्व और सांस्कृतिक पुनर्जागरण को बढ़ावा देना है। यह संगठन अपने अनुयायियों के बीच 'स्वयंसेवक' भावना का विकास करने के साथ-साथ राष्ट्रीय एकता, सामाजिक सुधार और व्यक्तिगत चरित्र निर्माण पर भी जोर देता है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS)


स्थापना और इतिहास

आरएसएस की स्थापना डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने देश की स्वतंत्रता और सामाजिक सुधार के प्रति युवाओं को जागरूक करने के उद्देश्य से की थी। उस समय भारत ब्रिटिश शासन के अधीन था, और राष्ट्रीय आंदोलन अपनी ऊँचाइयों पर था। हेडगेवार का मानना था कि भारत को एक मजबूत और संगठित समाज की आवश्यकता है, जो हिंदू संस्कृति और आदर्शों पर आधारित हो।


शुरुआत में आरएसएस ने हिंदू समाज को एकजुट करने और देशभक्ति की भावना को बढ़ावा देने के उद्देश्य से छोटे समूहों के रूप में शाखाओं का आयोजन किया। आरएसएस की "शाखा" नामक दैनिक गतिविधियों में शामिल होने के लिए स्वयंसेवक नियमित रूप से मिलते हैं, जहाँ वे शारीरिक व्यायाम, अनुशासन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेते हैं।


संगठनात्मक ढांचा

आरएसएस एक स्वयंसेवी संगठन है, जिसका नेतृत्व एक "सरसंघचालक" करता है। यह पद संगठन के सर्वोच्च पद के रूप में देखा जाता है, और वर्तमान में इस पद पर मोहन भागवत (2024) कार्यरत हैं। संगठन की संरचना शाखाओं के माध्यम से फैली हुई है, जो देश भर के विभिन्न शहरों और गांवों में संचालित होती हैं। प्रत्येक शाखा का नेतृत्व एक स्वयंसेवक द्वारा किया जाता है, जो स्थानीय स्तर पर संगठन की गतिविधियों का संचालन करता है।


आरएसएस की प्रमुख इकाइयाँ निम्नलिखित हैं:


सरसंघचालक: आरएसएस का सर्वोच्च नेता।

सरकार्यवाह: संगठन के प्रमुख कार्यकारी अधिकारी।

प्रांत कार्यवाह: राज्य स्तर के संगठन प्रमुख।

विचारधारा

आरएसएस की विचारधारा हिंदुत्व पर आधारित है, जो भारत को एक "हिंदू राष्ट्र" के रूप में देखता है। इसका उद्देश्य हिंदू समाज के भीतर एकता को बढ़ावा देना और धार्मिक, सांस्कृतिक, और सामाजिक पुनर्जागरण की दिशा में काम करना है। हालांकि, आरएसएस का हिंदुत्व धार्मिक न होकर सांस्कृतिक और राष्ट्रीयता पर केंद्रित है। इसके अनुयायी भारत की विविधताओं को स्वीकार करते हैं, लेकिन वे मानते हैं कि भारतीय समाज की मूल पहचान हिंदू संस्कृति पर आधारित होनी चाहिए।


आरएसएस समाज में जातिगत भेदभाव को समाप्त करने, शिक्षा और स्वास्थ्य में सुधार, और पर्यावरण संरक्षण जैसे मुद्दों पर भी जोर देता है। संगठन का मानना है कि राष्ट्र की प्रगति के लिए सामाजिक सुधार अनिवार्य हैं।


राजनीतिक प्रभाव

आरएसएस का राजनीतिक क्षेत्र में भी व्यापक प्रभाव रहा है। यह संगठन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वैचारिक और संगठनात्मक आधार के रूप में देखा जाता है। भाजपा के कई शीर्ष नेता आरएसएस से जुड़े रहे हैं, और यह संगठन भाजपा के चुनाव अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है। आरएसएस का राजनीतिक दृष्टिकोण राष्ट्रवादी और सांस्कृतिक रूप से हिंदू परंपराओं पर आधारित है, और यह संगठन भारत की राजनीति में हिंदुत्व को एक प्रमुख विचारधारा के रूप में स्थापित करने में मददगार रहा है।


सामाजिक सेवाएं और गतिविधियाँ

आरएसएस केवल राजनीतिक और सांस्कृतिक गतिविधियों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह संगठन सामाजिक सेवा के विभिन्न क्षेत्रों में भी सक्रिय है। इसके तहत कई संगठनों और संस्थानों का संचालन होता है, जो शिक्षा, स्वास्थ्य, आपदा राहत और ग्रामीण विकास में योगदान देते हैं। उदाहरण के लिए, आरएसएस के सहयोगी संगठनों में वनवासी कल्याण आश्रम, सेवा भारती, और विद्या भारती शामिल हैं, जो शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को गांवों और दूरदराज के इलाकों में पहुंचाने का काम करते हैं।


आलोचना और विवाद

आरएसएस की आलोचना इसके हिंदुत्व के विचारों और राजनीति में प्रभाव को लेकर होती रही है। कई आलोचक इसे सांप्रदायिकता और धार्मिक असहिष्णुता को बढ़ावा देने वाला संगठन मानते हैं। इसके अलावा, आरएसएस पर समय-समय पर हिंसा और साम्प्रदायिक तनाव को भड़काने के आरोप भी लगाए गए हैं। हालांकि, संगठन इन आरोपों को खारिज करता है और खुद को एक सांस्कृतिक और सामाजिक संगठन के रूप में प्रस्तुत करता है।


प्रमुख घटनाएं

आरएसएस ने भारतीय इतिहास में कई महत्वपूर्ण घटनाओं में अपनी भूमिका निभाई है, जिनमें 1947 का विभाजन, 1975-77 का आपातकाल, और राम जन्मभूमि आंदोलन शामिल हैं। इन घटनाओं में संगठन की गतिविधियाँ और उसकी विचारधारा प्रमुख रूप से सामने आईं।


निष्कर्ष

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भारत का एक प्रभावशाली संगठन है, जो हिंदुत्व, राष्ट्रीयता और सामाजिक सुधार के मुद्दों पर काम करता है। यह संगठन भारतीय समाज में एकता, अनुशासन और राष्ट्रीय भावना को बढ़ावा देने की दिशा में कार्यरत है। आरएसएस का भारतीय राजनीति, समाज और संस्कृति पर गहरा प्रभाव है, और इसका योगदान विभिन्न सामाजिक सेवाओं के माध्यम से भी देखा जा सकता है।