इन दिनों पूरे देश के हिस्सों में बारिश हो रही है और इससे डेंगू का प्रकोप बढ़ गया है, यह जानलेवा बीमारी है इसलिए आपको किसी भी लक्षण को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
मानसून का मौसम जारी है और दिल्ली में पिछले कई दिनों से बारिश हो रही है। राजधानी की नदी, नाले और सड़कें पानी से जलमग्न हैं। यमुना नदी में पानी उफान पर है जिससे बाढ़ का खतरा बना हुआ है। अधिक जमा पानी जमा होने से डेंगू जैसी कई मच्छर जनित बीमारियों के मामलों की संख्या बढ़ गई है। TOI की रिपोर्ट के अनुसार, इस साल 8 जुलाई तक दिल्ली में डेंगू के 136 मामले दर्ज किए गए हैं।
डेंगू एक वायरल बीमारी है, जो एडीज एजिप्टी नामक एक विशेष मच्छर के काटने से फैलती है। डेंगू दो तरह का होता है एक है क्लासिकल डेंगू बुखार, जिसे 'हड्डी तोड़' बुखार भी कहा जाता है और दूसरा है डेंगू हेमरेजिक फीवर (डीएचएफ) जो जानलेवा है। डेंगू के संक्रमित मादा मच्छर दिन के समय (सुबह से शाम तक) घर के अंदर और बाहर दोनों जगह लोगों को संक्रमित कर सकते हैं। चलिए जानते हैं डेंगू के क्या लक्षण हैं और आपको इससे निपटने के लिए क्या कदम उठाने चाहिए।
डेंगू के शुरुआती संकेत और लक्षण
डेंगू के प्रारंभिक लक्षण मच्छर काटे जाने के 5-6 दिनों के बाद विकसित होते हैं, इन लक्षणों में शामिल हैं-
- अचानक तेज बुखार आना
- पीठ के पीछे दर्द
- आंखें, मांसपेशियों, जोड़ों और हड्डियों में दर्द
- गंभीर सिरदर्द
- पेट में बेचैनी होना
- त्वचा पर लाल धब्बे होना
अगर डेंगू हो जाए तो क्या करें
- डेंगू होने पर आपको पानी और तरल पदार्थों का सेवन बढ़ा देना चाहिए
- हल्का भोजन करें
- खूब आराम करें
डेंगू का इलाज
डेंगू के उपचार में बुखार के लिए पेरासिटामोल, मतली के लिए एंटीएमेटिक की सलाह दी जाती है। उपचार के साथ-साथ तरल पदार्थों के सेवन की सलाह दी जाती है। ध्यान रहे कि डेंगू के लिए कोई एंटीवायरल उपचार उपलब्ध नहीं है और एंटीबायोटिक दवाओं की कोई भूमिका नहीं है।
डेंगू से ठीक होने में कितना समय लगता है
डेंगू के अवधि दो से सात दिनों की होती है और चौथा व पांचवा दिन काफी घातक होते हैं क्योंकि इस दौरान प्लेटलेट काउंट गिर जाता है और तब आपको बहुत सावधान रहना होगा। इस दौरान त्वचा के दानों पर तुम्हें दाने नहीं होने चाहिए। यदि आपको तीसरे, चौथे या पांचवें दिन दाने निकलते हैं तो आपको अपना प्लेटलेट काउंट की जांच करानी चाहिए।
डेंगू से बचने के लिए क्या करें
- डेंगू से बचने के लिए आपको बुनियादी सावधानियों का पालन करना चाहिए।
- इससे अस्पताल में भर्ती होने और जटिलताओं को रोकने में काफी मदद मिलती है।
- घर के आसपास और पानी के टंकी सफाई करें
- घर के दरवाजे और खिड़की पर पर्दे लगाकर रखें
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