दिल्ली में बाढ़ की वजह से कश्मीरी गेट के पास बने निगम बोध घाट पर भी पानी भर गया जिसकी वजह से अस्थियां चुनने आए लोग पानी भरे होने की वजह से अंदर नहीं जा पाए और अस्थियां नहीं चुन सके। कुछ लोगों ने नाव के जरिए अंदर जाने की तैयारी भी की।
| निगम बोध घाट पर भरा बाढ़ का पानी (फोटोः BCCL) |
- निगम बोध घाट पर चारों तरफ पानी भर गया था, श्मशान घाट को करना पड़ा बंद
- पूरा श्मशान घाट बाढ़ के पानी में डूबा हुआ था और बाहर सड़क तक पानी जमा था
- कुछ लोग अंदर जाने के लिए नाव का इंतजाम करने की कोशिश करते दिख रहे थे
नई दिल्ली: बुराड़ी के संत नगर में रहने वाले महेंद्र की बहन का मंगलवार को निधन हो गया था। आईएसबीटी कश्मीरी गेट स्थित निगम बोध श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार किया गया था। पारंपरिक मान्यताओं के चलते बुधवार को परिवार अस्थियां चुनने नहीं आया। गुरुवार की सुबह महेंद्र जब अपने कुछ परिजनों के साथ बहन की अस्थियां चुनने निगम बोध घाट पहुंचे, तो दंग रह गए। पूरा श्मशान घाट बाढ़ के पानी में डूबा हुआ था और बाहर सड़क तक पानी जमा था। ऐसे में परिजनों ने श्मशान घाट के बाहर खड़े होकर ही बाकी के रीति-रिवाज पूरे किए। महेंद्र ने कहा कि अंदर 6-6 फुट पानी भरा हुआ है। हम तो अब यही मानकर चल रहे हैं कि अस्थियां यमुना जी में विसर्जित हो गई होंगी, इसलिए अब हम यहीं बाहर से बाकी के क्रियाकर्म करके चले जाएंगे।
श्मशान के अंदर तक नहीं जा सके
तीस हजारी से आए गोल्डी सिंह ने बताया कि दो दिन पहले उनकी बुआ के लड़के की डेथ हो गई थी। गुरुवार की सुबह जब वे लोग फूल चुनने आए, तो देखा कि बाहर तक पानी भरा हुआ था। उन्होंने फोन पर परिजनों से बात की और फिर पंडित जी के कहे अनुसार बाहर से ही बाकी के क्रियाकर्म पूरे किए। मजनूं का टीला इलाके में रहने वाले रामेश्वर ने कहा कि मैंने अपने 56 साल के जीवन काल में कभी ऐसा होते नहीं देखा था। वह अपने जीजा जी के फूल चुनने आए थे, लेकिन श्मशान घाट के अंदर ही नहीं जा पाए। उन्होंने कहा कि अस्थियां तो अब सब बह गई होंगी और क्रियाकर्म का सामान वापस घर नहीं ले जा सकते, इसलिए अब हम लोग यहीं बाहर से बाकी के विधि विधान पूरे करेंगे।
वोट का इंतजाम करते दिखे लोग
गाजियाबाद के वैशाली से आए पंकज निगम बोध घाट के आस-पास लोगों से बात करके एक बोट का इंतजाम करने की कोशिश रहे थे, ताकि किसी तरह उसके जरिए अंदर जाकर पिताजी की अस्थियां चुन सकें, लेकिन उन्हें कोई सहायता नहीं मिल पा रही थी। उनके पिता का बुधवार को निधन हुआ था। उन्होंने बताया एक पंडित जी से बात हुई है। उन्होंने हमें सुरक्षित तरीके से अंदर तक ले जाने की बात कही है। हम उनके साथ अंदर जाकर अस्थियां चुनने की कोशिश करेंगे। निगम बोध श्मशान घाट के बाहर गुरुवार की सुबह से लगातार ऐसे ही लोग आते जा रहे थे और उन्हें बाहर से ही अंतिम क्रिया कर्म पूरे करके वापस लौटना पड़ रहा था, क्योंकि चारों तरफ बस पानी ही पानी था।
गीता कॉलोनी श्मशान घाट भी बंद किया गया
पुश्ता रोड पर बने गीता कॉलोनी श्मशान घाट के अंदर भी पानी भर गया है। दाह संस्कार के लिए बनाए गए सभी प्लैटफार्म पानी में डूब गए हैं। श्मशान घाट के आचार्य जतिन शर्मा ने बताया कि बुधवार को ही श्मशान घाट के अंदर पानी आ गया था, लेकिन प्लैटफार्म तक पानी नहीं पहुंचा था इसलिए दाह संस्कार में किसी तरह की दिक्कत नहीं आई। रात के समय जब घाट के अंदर पानी तेजी से भरना शुरू हुआ तो जिन लोगों ने दाह संस्कार किए थे रात में ही उन्हें श्मशान घाट पर बुलाकर अपने परिजनों की अस्थियां लेने के लिए कहा गया। उन्होंने बताया कि डीएम के आदेश पर अगले तीन दिन तक गीता कॉलोनी श्मशान घाट को दाह संस्कार के लिए बंद कर दिया गया है। अब यमुनापार के लोग खासकर ईस्ट डिस्ट्रिक्ट में रहने वाले लोग गाजीपुर, कस्तूरबा नगर और सीमापुरी श्मशान घाट पर दाह संस्कार कर सकते हैं।
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