आई फ्लू के कारण नोएडा के निजी और सरकारी स्कूलों के बच्चों को घर भेज दिया जा रहा है। हालांकि कई स्कूलों में लापरवाही की जा रही है। ज्यादातर प्राइमरी और जूनियर विंग के बच्चों की आंख में फ्लू की समस्या सामने आ रही है। जिला अस्पताल में मरीजों की भीड़ बढ़ती जा रही है।
| नोएडा के जिला अस्पताल में लगी मरीजों की भीड़ |
कम्पोजिट स्कूल श्यौराजपुर में कई बच्चों में आई फ्लू के लक्षण मिले हैं। इसी तरह नोएडा कम्पोजिट स्कूल 12-22 में भी आठ बच्चों की आंख में दिक्कत होने और लालपन होने पर घर भेजा गया। सरकारी स्कूल घंघौला में शनिवार तक एक से दो बच्चों में यह फ्लू था। सोमवार को करीब 30 बच्चों को घर भेजा गया। शिक्षकों ने इसकी जानकारी एआरपी को भी दी है। उधर, उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ मेरठ मंडल के अध्यक्ष मेघराज भाटी ने बताया कि कई स्कूलों में बच्चों में आई फ्लू की शिकायत मिली है। तुगलपुर प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूल से करीब 15 से अधिक बच्चे फ्लू की चपेट में आए हैं। उन्होंने बताया कि मामले तेजी से बढ़ रहे है, विभाग अनदेखी कर रहा है। इसके लिए विभाग को जल्द से जल्द संज्ञान लेना चाहिए।
प्राइवेट स्कूल में भी बढ़ रही समस्या
शहर के कई प्राइवेट स्कूलों में भी आई फ्लू के केस मिल रहे हैं। प्रज्ञान स्कूल की प्रिंसिपल रुचिका शर्मा ने बताया कि आई फ्लू के कई केस प्राइमरी और जूनियर विंग में मिले है। ऐसे में बच्चों को एहतियात के तौर पर घर पर ही रहने की सलाह दी है।
अस्पतालों में बढ़ रहे मरीजों की संख्या
शारदा हॉस्पिटल के आई स्पेशलिस्ट डॉ जेएल गोयल ने बताया कि आई फ्लू को मेडिकल भाषा में पिंक आई और कंजंक्टिवाइटिस भी कहा जाता है। एक सप्ताह में 60 से 70 आई फ्लू के मरीज आए। आई फ्लू फैलने कारण गंदे पानी में नहाने या फिर लंबे समय तक पसीने में काम करने से आंखों में इंफेक्शन होता है। इसके लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
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