कम उम्र में घुटनों या जोड़ों से आवाज आना आजकल कॉमन प्रॉब्लम हो गई है. घुटनों में कट-कट की आवाज को नजरअंदाज करने के बजाय इसे नेचुरली बढ़ाने पर फोकस करना चाहिए. जानें कुछ कारगर तरीकों के बारे में...

30 की उम्र में ही घुटनों से आने लगी है कट-कट की आवाज, इसे ऐसे करें दूर
उम्र बढ़ने के साथ शरीर में कई हेल्थ प्रॉब्लम्स होने लगती हैं. ऐसा होना आम है पर कभी-कभी ये समस्याएं छोटी उम्र में भी प्रभावित कर सकती हैं. बीते कुछ सालों में भारत में लोगों को छोटी उम्र में हार्ट अटैक जैसी समस्याएं ज्यादा प्रभावित कर रही हैं. इसके अलावा 30 की उम्र में घुटनों में दर्द या कट-कट की आवाज तक आने लगती है. इसे नॉर्मल समझकर नजरअंदाज करना आगे चलकर बहुत भारी पड़ सकता है. छोटी उम्र में हड्डियों में इस तरह की दिक्कत बेहद चौंकाने वाली है. चलिए आपको बताते हैं कि आप घुटनों में कम हो चुकी ग्रीस को नेचुरली किस तरह बढ़ा सकते हैं.

क्यों आती है घुटनों से आवाज

एक समय पर बुजुर्गों के घुटनों या जोड़ों में दर्द की शिकायत हुआ करती थी. पर अब ये युवाओं को भी परेशान करने लगी है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि घुटनों में ग्रीस के कम होने पर दर्द या कट-कट की आवाज आने लगती है. शरीर में कैल्शियम की कमी के चलते ऐसा होता है. ग्रीस के कम होने पर न सिर्फ आवाज बल्कि बैठने-उठने या लेटने तक में परेशानी तक होने लगती है. ग्रीस को बढ़ाने के लिए लोग दवा या इंजेक्शन तक की मदद लेते हैं. लेकिन इसे नेचुरली भी बढ़ाया जा सकता है.

हेल्दी डाइट में ये चीजें करें शामिल

हेल्दी रहने के लिए खानपान का खास ख्याल रखना जरूरी है. हेल्दी डाइट के रूटीन को फॉलो करें लेकिन इसमें सभी मिनरल्स या विटामिन शामिल हो ये जरूरी नहीं है. ओमैगा-3 फैटी एसिड वाली चीजों को खाने की आदत डालें. इस पोषक तत्व के अलावा एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन भी करें. घुटनों में ग्रीस बढ़ाने के लिए आप अखरोट खा सकते हैं. लेकिन इसे भी लिमिट में ही खाएं.

कैल्शियम का इंटेक

शरीर में कैल्शियम की कमी अगर एक बार हो जाए तो फिर इसे पूरा बहुत मुश्किल हो जाता है. नेचुरली कैल्शियम की पूर्ति के लिए डेयरी प्रोडक्ट्स खाएं पर ध्यान रहे कि आपको फुल क्रीम से बनी चीजों का सेवन ज्यादा नहीं करना है. इसके अलावा विटामिन डी के इंटेक के लिए कुछ देर धूप में भी जरूर बैठें.

सप्लीमेंट्स से लें मदद

अगर आपके पास समय नहीं है तो आप डॉक्टर की सलाह पर सप्लीमेंट्स भी ले सकते हैं. ओमेगा-3 फैटी एसिड, कोलेजन और अमीनो एसिड वाले सप्लीमेंट्स को रूटीन में शामिल किया जा सकता है. इनकी मदद लेने से पहले डॉक्टर या एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.

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