Ambareesh Murty Death: पेपरफ्राई के को-फाउंडर अंबरीश मूर्ति का लेह में निधन हो गया है, वो 51 साल के थे और हार्ट अटैक के चलते उनकी मृत्यु हो गई.
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| अंबरीश मूर्ति (Image Source : @Ambareesh Murthy/Twitter) |
आशीष सिंह ने अपने ट्वीट में लिखा कि "यह बताते हुए बेहद दुख हो रहा है कि मेरे दोस्त, गुरु, भाई, आत्मीय साथी अंबरीश मूर्ति अब नहीं रहे. कल रात लेह में दिल का दौरा पड़ने से उन्हें खो दिया. कृपया उनके लिए प्रार्थना करें और उनके परिवार और करीबियों को शक्ति प्रदान करें.
अंबरीश मूर्ति को लोग दे रहे श्रद्धांजलि
अंबरीश मूर्ति की मौत की खबर के बाद ट्विटर पर उन्हें श्रद्धांजलि देने वालो का तांता लग गया, गौरतलब है कि अंबरीश मूर्ति एक दक्ष बाइकर भी थे जो कि मुंबई से लेह बाइक के जरिए जा चुके थे.
अंबरीश मूर्ति का कारोबारी सफर
अंबरीश मूर्ति ने कारोबारी जगत में एंट्री 1996 में ली थी जब उन्होंने कैडबरी के साथ सेल्स और मार्केटिंग प्रोफेशनल के रूप में काम करना शुरू किया. मशहूर चॉकलेट निर्माता कंपनी में अंबरीश मूर्ति ने साढ़े पांच साल काम किया. इसके बाद अंबरीश मूर्ति ने फाइनेंशियल सेक्टर में प्रवेश किया और प्रूडेंशियल आईसीआईसीआई एएमसी (अब आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल) को अपने अनुभव से समृद्ध किया. इस कंपनी में उन्होंने मार्केटिंग और कस्टमर सर्विस के वाइस प्रेसिडेंट के रूप में करीब 2 साल काम किया था.
कब शुरू की थी पेपरफ्राई
इसके बाद उनका Levis में पांच महीने का संक्षिप्त कार्यकाल रहा और इसी दौरान उन्होंने अपना खुद का वेंचर, ओरिजिन रिसोर्सेज शुरू किया. यह पोर्टल, भारतीय म्यूचुअल फंड कंपनियों की मदद के लिए तैयार किया गया था. उन्होंने 2005 में ये स्टार्ट-अप बंद कर दिया और मार्केटिंग मैनेजर के रूप में ब्रिटानिया में शामिल हो गए. इसके सात महीने बाद, अंबरीश मूर्ति ईबे इंडिया में शामिल हो गए और इस कंपनी में वो फिलीपींस, मलेशिया और भारत के लिए कंट्री मैनेजर थे. छह साल बाद, मूर्ति ने आशीष शाह के साथ जून 2011 में पेपरफ्राई कंपनी शुरू की.

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