RBI Monetary Policy: आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने आम लोगों को राहत तो दी ही है साथ ही इंडियन इकोनॉमी की ग्रोथ पर भी भरोसा जताया है.

RBI on Indian Economy

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आम लोगों को बड़ी राहत देते हुए ब्याज दरें नहीं बढ़ाने का ऐलान किया है. इससे पहले आरबीआई फरवरी ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी की थी. इसके बाद अप्रैल और जून की मौद्रिक समीक्षा नीति में ब्याज दरें नहीं बढ़ाई गई थी. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने जहां आम लोगों को ईएमआई में बड़ी राहत दी है वहीं इंडियन इकोनॉमी पर भी भरोसा जताया है. भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर ने मॉनिटरी पॉलिसी की घोषणा करते हुए कहा कि भारत की ग्रोथ दुनिया के मुकाबले तेज बनी हई है.

एक ओर जहां ग्लोबल इकोनॉमी में उथल पुथल का दौर चल रहा है. वहीं भारत की बात करें तो ग्लोबल इकोनॉमी की ग्रोथ में इंडिया का योगदान 15 फीसदी के करीब बना हुआ है. यह एक पॉजिटिव संकेत है. शक्तिकांत दास के मुताबिक भारत की ग्रोथ में घरेलू डिमांड का अहम योगदान है.

इंडियन इकोनॉमी में है दम

दुनिया की तमाम दिग्गज रेटिंग एजेंसियों और ब्रोकरेज फर्म पहले की भारत की ग्रोथ पर भरोसा जता चुके है. अब आरबीआई ने भी अपनी स्टेटमेंट में कहा है कि भारत में ग्रोथ की अपार संभावनाएं है. दुनिया के पटल पर इंडियन इकोनॉमी तेजी से उभर रहा है. भारतीय रिजर्व बैंक की स्टेटमेंट में कहा गया है कि भारत का कारपोरेट सेक्टर भी बेहतर स्थिति हैं, हालांकि इसे और बेहतर बनाया जा सकता है. कंपनियों का मुनाफा लगातार बढ रहा है. खासकर बैंकिंग सेक्टर की बात करें तो इंडियन बैंक्स ने बीते तिमाही में शानदार प्रदर्शन किया है.

विदेशी निवेशकों का बढ़ता भरोसा

किसी भी इकोनॉमी पर भरोसा तब होता है जब विदेश निवेशक उस देश पर भरोसा कर रहे हो, और भारत के साथ ये पॉजिटव संकेत देखने को मिल रहे हैं, आरबीआई के मुताबिक भारत में विदेशी निवेश तो बढ़ ही रहा है. साथ ही विदेशी निवेशकों का भरोसा भी भारत पर कायम है. विदेशी मुद्रा भंडार की बात करें तो आरबीआई ने साफ कर दिया है कि भारत बाहरी खतरों से निपटने के लिए पूरी तरह समर्थ है.

बढ़ती महंगाई से चिंता

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर ने माना कि बढ़ती महंगाई चिंता का विषय है. दास के मुताबिक बीते कुछ महीनों से सब्जियों की कीमतों में इजाफा देखा गया है. इसका असर इंफ्लेशन पर देखा जा रहा है. महंगाई पर बोलते हुए शक्तिकांत दास ने कहा कि हमारी नजर ग्लोबल फूड कीमतों पर बनी हुई है. महंगाई को कम करने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे है. बीते कुछ महीनो से सब्जियों खासकर टमाटर के दाम जिस तरह से बढ़े हैं वो वाकई चौकानें वाले है. हालांकि सरकार ने कीमतों पर लगाम लगाने के लिए कई शहरों पर सरकारी दर पर सस्ते टमाटर मुहैया कराए हैं.

क्या कहते हैं जानकार

एलएंडटी फाइनेंस की ग्रुप चीफ इकोनॉमिस्ट डॉ. रूपा रेगे नित्सुरे के मुताबिक भारतीय रिजर्व बैंक की यह सतर्कता के साथ आशावादी मॉनेटरी पॉलिसी है, जो महंगाई के टारगेट पर मजबूती से फोकस करने का संकेत देती है. वहीं 2000 रुपये के नोटों की वापसी से आई इंक्रीमेंटल लिक्विडिटी (तरलता) पर 10 फीसदी का इंक्रीमेंटल सीआरआर (CRR) लगाना, आरबीआई की ओर से किए गए के कुशल प्रबंधन को दर्शाता है.

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