ISIS के निशाने पर गुजरात के अहमदाबाद और गांधी नगर थे, उसकी साजिश यहां बड़े बम धमाकों की थी. इसके अलावा मुंबई के नरीमन हाउस और गेटवे ऑफ इंडिया पर भी ISIS की बड़े आतंकी हमले करने की साजिश थी. यही नहीं, भारत के कुछ महत्वपूर्ण सैन्य ठिकाने भी ISIS के निशाने पर थे.
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| आईएसआईएस के गिरफ्तार एक आतंकी के कबूलनामे से खुलासा हुआ है कि उनकी साजिश देश के दो बड़े शहरों में बड़े आतंकी धमाके करने की थी. (रॉयटर्स फाइल फोटो) |
आईएसआईएस के गिरफ्तार एक आतंकी ने बताया कि भारत के महत्वपूर्ण सैन्य ठिकानों की बाकायदा रेकी की गई और वहां की तस्वीरों को पाकिस्तान और सीरिया भेजा गया था. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के कुछ छात्रों की भूमिका संदिग्ध पायी गई है और वे सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर हैं.
कौन है आईएसआईएस का गिरफ्तार आतंकी…
नाम- शाहनवाज आलम
आईएसआईएस ऑपरेटिव
उम्र- 31 साल
पता- हजारी बाग
पेशा- फ्रीलांस जॉब
एजुकेशन- NIT नागपुर से B tech
शाहनवाज के मुताबिक उसकी पत्नी एक हिंदू थी, जिसे उसने इस्लाम धर्म कबूल करवा कर मुस्लिम बनाया. दोनों की मुलाकात अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) में हुई और उसकी पत्नी भी आतंकी गतिविधियों में शामिल हो गई. शाहनवाज ने बताया कि उसने अपनी आर्थिक हालत ठीक करने के लिए हजारीबाग में करीब 7-8 आपराधिक वारदातों को अंजाम दिया और उसके बाद वो जेहाद के लिए तैयार होने लगा.
शाहनवाज का गुरु अनवर अवलाकी था. वो अल कायदा का टॉप मोस्ट आतंकी था जो US की आर्मी स्ट्राइक में मारा गया था. शाहनवाज पर अनवर अवलाकी से प्रभावित होकर आतंकी बनने का जुनून सवार हुआ. फिर वो ऑनलाइन साइट्स पर रेडिक्लाइज मुस्लिम के ग्रुप्स औऱ ISIS के हैंडलर से जुड़ गया.
हिज्ब उल ताहिर उकसा रहा नौजवानों को!
2016 से जामिया में रह रहे शाहनवाज ने बताया कि वो मुस्लिम संगठन हिज्ब उल ताहिर से जुड़ गया था और यहां उसको कई ऐसे नौजवान मिले जो जेहादी सोच रखते थे. बता दे कि कई मुल्कों में यह एक प्रतिबंधित संगठन की श्रेणी में आता है और हाल में देश में इसके ठिकानों पर NIA ने रेड की थी. शाहनवाज के मुताबिक आईएसआईएस का एक फरार आतंकी रिजवान अली दरियागंज में रहता था और उससे हिज्ब उल ताहिर की मीटिंग में मुलाकात हुई थी. इतना ही नहीं हिज्ब उल ताहिर की मीटिंग में एएमयू के कई छात्रों ने भी कई बार हिस्सा लिया था. शाहनवाज अपने साथियों के साथ सीरिया जाना चाहता था जहां वह आईएसआईएस के टॉप लीडर से ट्रेनिंग लेना चाहता था. हवाला के जरिये पुणे में बाकायदा समय-समय पर सभी आतंकियों को पैसा पहुंचाया जाता था, जिसका इस्तेमाल ये बम बनाने और ट्रेनिंग कैंप में इस्तेमाल करते थे.

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