India GDP Growth : भारतीय अर्थव्यवस्था के आगे बढ़ने का रास्ता और भी साफ हो गया है. जापान की ग्रोथ रेट सुस्त पड़ने से जीडीपी का आकार भी गिर रहा है और चौथे पायदान पर आ गई है. अब साफ हो गया है कि भारत जल्द ही तीसरे पायदान पर पहुंच जाएगा.
हाइलाइट्स
- जापान की विकास दर अभी 1.2 फीसदी है.
- पिछले साल तक निगेटिव में जा रही थी.
- डॉलर टर्म में अर्थव्यवस्था जर्मनी से पीछे है.
नई दिल्ली. एक की नाकामी दूसरे की सफलता के रास्ते खोलती है. ऐसा ही कुछ जापान के साथ भी हुआ है. ‘बूढ़ी’ हो रही जापानी अर्थव्यवस्था की रफ्तार सुस्त पड़ गई है, जिसका फायदा भारत को मिलने वाला है. हालिया आंकड़े बताते हैं कि जापान की अर्थव्यवस्था अब चौथे पायदान पर सरक गई है, जहां पहले जर्मनी काबिज था. इसका सीधा मतलब हुआ कि अब जर्मनी तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया और जापान चौथी. लेकिन, भारत की रफ्तार इन दोनों से ही ज्यादा है और जल्द ही वह दोनों देशों को पीछे छोड़ तीसरे पायदान पर पहुंच जाएगा.
ब्लूमबर्ग के मुताबिक, जापान की विकास दर अभी 1.2 फीसदी है, जो पिछले साल तक निगेटिव में जा रही थी. अगर डॉलर के टर्म में देखी जाए तो इसकी अर्थव्यवस्था जर्मनी से पीछे चली गई है. इसकी सबसे बड़ी वजह जापानी मुद्रा येन में गिरावट और तेजी से बूढ़ी होती जनसंख्या को बताया जा रहा है. ऐसे में विशेषज्ञों का अनुमान और पुख्ता हो गया है कि जल्द ही भारत दोनों देशों को पीछे छोड़ तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन जाएगा.
क्या कहते हैं आंकड़े
एक समय जापान दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की तरफ जा रहा था. जब साल 2010 में चीन ने जापान की अर्थव्यवस्था को पीछे छोड़ा और दूसरे पायदान पर आ गया. आज चीन की इकनॉमी जापान के मुकाबले 4 गुना बढ़ चुकी है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की मानें तो जापान की इकनॉमी अभी 4.2 लाख करोड़ डॉलर की है, जो 2012 में 6.3 लाख करोड़ डॉलर की थी. इस दौरान जापानी मुद्रा येन भी डॉलर के मुकाबले 80 से गिरकर 141 पहुंच गई है.
इसके मुकाबले अगर जर्मनी की जीडीपी देखी जाए तो IMF आंकड़ों के अनुसार, यह अभी करीब 5 लाख करोड़ डॉलर है. जापान की जीडीपी जहां सुस्त रफ्तार से आगे बढ़ रही है, वहीं जर्मनी की ग्रोथ स्थिर बनी हुई है. IMF और विश्व बैंक के आंकड़े बताते हैं कि साल 2028 तक जापान 5 लाख करोड़ डॉलर के आसपास रहेगा तो जर्मनी इससे थोड़ा ऊपर पहुंच सकता है.
भारत कब निकलेगा आगे
अगर भारत से तुलना की जाए तो दोनों ही देशों के तमाम ग्रोथ आंकड़े काफी सुस्त नजर आ रहे हैं. IMF के आंकड़े भी साफ बता रहे हैं कि भारत की ग्रोथ इन दोनों के मुकाबले कहीं ज्यादा है. लिहाजा साल 2026 में पहले जापान को पीछे छोड़ हम चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था बनेंगे और फिर 2027 में जर्मनी को पछाड़कर तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे. तब भारतीय जीडीपी का आकार करीब 5.5 लाख करोड़ डॉलर पहुंच जाएगा.
क्या है भारत के बढ़ने की वजह
भारत तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा, इसकी सबसे बड़ी वजह उसके युवाओं की ताकत है. एक तरफ जर्मनी और जापान में जहां वर्किंग पॉपुलेशन यानी काम करने लायक जनसंख्या में तेजी से गिरावट आ रही, वहीं भारत में इसके आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं. ऑर्गेनाइजेशन फॉर इकनॉमिक को-ऑपरेशन एंड डेवलपमेंट के अनुसार, साल 2022 तक जापान में वर्किंग पॉपुलेशन जहां 58 फीसदी के आसपास रह गई, वहीं जर्मनी में यह आंकड़ा 63 फीसदी के आसपास रहा, जो लगातार घटता ही जा रहा है. इसके मुकाबले भारत में वर्किंग पॉपुलेशन 67 फीसदी पहुंच गई, जो अभी बढ़ती ही जा रही.
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