सारांश : इटली में आयोजित G7 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कूटनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सफलता हासिल की। इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी के सहयोग से मोदी ने अमेरिका और कनाडा के साथ संबंधों में सुधार किया और खालिस्तानी मुद्दों पर चर्चा की।

G7 शिखर सम्मेलन में Modi की कूटनीति: Meloni का सहयोग और India की विजय


G7 शिखर सम्मेलन में भारत की प्रमुखता

इटली में आयोजित G7 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों से मुलाकात की। इनमें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के साथ उनकी बैठकें खास चर्चा में रहीं। इस सम्मेलन के दौरान फैमिली फोटो में पीएम मोदी को बीच में रखा गया, जो भारत की बढ़ती वैश्विक स्थिति का संकेत है।


मोदी की कूटनीति और मेलोनी का समर्थन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इटली में आयोजित G7 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के बाद भारत लौट आए हैं। उनकी इस यात्रा को कूटनीतिक दृष्टिकोण से बहुत सफल माना जा रहा है। भारत G7 का सदस्य नहीं है, फिर भी मेजबान इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने पीएम मोदी को इस सम्मेलन में शामिल होने का निमंत्रण भेजा।


द्विपक्षीय बैठकें: वैश्विक नेताओं के साथ संवाद

G7 कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की, इतालवी प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी और जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं। इसके अतिरिक्त, उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो, जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला और यूएई के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान से भी मुलाकात की।


G7 में मोदी की प्रमुखता: एक महत्वपूर्ण संकेत

मेलोनी ने G7 के कार्यक्रमों में पीएम मोदी को प्रमुख स्थान दिया और मोदी ने इस मौके का पूरा फायदा उठाया। इसका सबसे बड़ा उदाहरण G7 सम्मेलन के दौरान लिया गया ग्रुप फोटो है, जिसमें पीएम मोदी बीच में खड़े नजर आ रहे हैं। इसे किसी भी गैर सदस्य देश के लिए बड़े सम्मान के रूप में देखा जाता है।


अमेरिका और कनाडा के साथ संबंध सुधारने की कोशिश

पीएम मोदी ने इस मंच का उपयोग कूटनीतिक बढ़त के रूप में करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन और कनाडाई प्रधानमंत्री ट्रूडो से मुलाकात की। इन दोनों देशों ने भारत पर उनके नागरिकों की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया था, जिससे भारत के राजनयिक संबंध कनाडा के साथ काफी बिगड़ गए थे।


खालिस्तानी मुद्दों पर चर्चा

कनाडा ने भारत पर खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप लगाया, जबकि अमेरिका ने खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया। भारत ने आमतौर पर दोनों आरोपों को खारिज किया है, हालांकि अमेरिका के आरोपों की जांच के लिए एक कमेटी भी बनाई गई है।


वैश्विक मंच पर भारत की भूमिका

शिखर सम्मेलन में मोदी का निमंत्रण G7 और उसके प्रतिद्वंद्वियों, विशेष रूप से चीन के बीच उभरती आर्थिक दौड़ में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका का संकेत है। मेलोनी की मदद से मोदी ने अमेरिका और कनाडा के साथ संबंध सुधारने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए।


निष्कर्ष

G7 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति और इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी के सहयोग से भारत ने अमेरिका और कनाडा के साथ अपने कूटनीतिक संबंधों को सुधारने में महत्वपूर्ण सफलता पाई। मोदी की कूटनीतिक सक्रियता और मेलोनी की मदद से भारत ने वैश्विक मंच पर अपनी स्थिति को और मजबूत किया है।

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