सारांश : लोकसभा चुनाव 2024 के शुरुआती रुझानों के बीच भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों लाल निशान पर खुले, सेंसेक्स 3000 अंक और निफ्टी लगभग 1000 अंक गिरा। मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी गिरावट दर्ज की गई।
आज, 4 जून, भारतीय शेयर बाजार में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली। लोकसभा चुनाव 2024 के शुरुआती रुझानों के बीच, सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ने लाल निशान पर शुरुआत की। सेंसेक्स 1600 अंकों से अधिक गिरकर 76,285.78 पर खुला जबकि NSE निफ्टी 500 अंकों से अधिक गिरकर 23,179.50 पर खुला।
निफ्टी मिडकैप 100 भी बड़ी गिरावट का शिकार हुआ। यह सूचकांक आज 50,667 पर खुलने के बाद 3.31% गिरकर 49,304 पर आ गया। इसी तरह, निफ्टी स्मॉलकैप 100 में 5% से अधिक की गिरावट आई और यह 16,218.20 के निचले स्तर पर बंद हुआ, जबकि इसका पिछले बंद स्तर 17,098.70 था।
सुबह 9:30 बजे के करीब, सेंसेक्स में 2,116.16 अंकों यानी 2.77% की भारी गिरावट दर्ज की गई, जिससे यह 22,603.05 के स्तर पर कारोबार कर रहा था। वहीं, निफ्टी 660.85 अंक (2.84%) गिरकर 22,603.05 पर कारोबार करता नजर आया। शुरुआती कारोबार में, सेंसेक्स 73,659.29 के निचले स्तर पर और निफ्टी 22,389.85 के स्तर पर पहुंच गया था।
बाजार की नजरें पूरी तरह से लोकसभा चुनाव के नतीजों पर टिकी हुई हैं। आज सुबह 8 बजे से चुनावी रुझान आने शुरू हो गए हैं और शुरुआती रुझानों में नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली बीजेपी को बढ़त मिलती दिख रही है। इन रुझानों के कारण प्री-ओपनिंग सेशन में शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिली।
सोमवार को एग्जिट पोल में नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार की वापसी के संकेत मिलने के बाद स्टॉक मार्केट के प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी ने नई ऊंचाई को छुआ था। हालांकि, आज के बाजार में गिरावट का मुख्य कारण चुनावी रुझान बने हैं। ग्लोबल मार्केट से मिल रहे अच्छे संकेतों के बावजूद बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी ने गिरावट के साथ शुरुआत की।
आज के दिन की शुरुआत से ही निवेशकों में चिंता का माहौल बना हुआ है। वैश्विक बाजार के सकारात्मक संकेतों के बावजूद, भारतीय बाजार में गिरावट का मुख्य कारण राजनीतिक अनिश्चितता है। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि निवेशक चुनावी नतीजों का इंतजार कर रहे हैं और जब तक स्पष्ट परिणाम नहीं आ जाते, बाजार में अस्थिरता बनी रह सकती है।
इसके साथ ही, निफ्टी मिडकैप 100 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 सूचकांक भी गिरावट के शिकार हुए। निफ्टी मिडकैप 100 सूचकांक 50,667 पर खुला लेकिन 3.31% गिरकर 49,304 पर आ गया। निफ्टी स्मॉलकैप 100 सूचकांक 17,098.70 से 5.2% गिरकर 16,218.20 के निचले स्तर पर आ गया।
बाजार की इस गिरावट का असर विभिन्न सेक्टरों पर भी देखने को मिला। बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं, आईटी, ऑटोमोबाइल और फार्मास्यूटिकल्स सेक्टर में भारी गिरावट दर्ज की गई। विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार में यह गिरावट अस्थायी हो सकती है और चुनावी परिणामों के स्पष्ट होने के बाद सुधार की उम्मीद की जा सकती है।
विश्लेषकों का कहना है कि निवेशकों को इस समय धैर्य बनाए रखना चाहिए और जल्दबाजी में किसी भी तरह का निवेश या विक्रय नहीं करना चाहिए। बाजार में अस्थिरता के इस दौर में संयम बनाए रखना ही बेहतर रणनीति होगी।
आज के बाजार के रुझान से यह स्पष्ट है कि चुनावी अनिश्चितता का असर बाजार पर सीधा पड़ता है। चुनावी नतीजों के आने तक बाजार में उतार-चढ़ाव बना रह सकता है। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने निवेश पर ध्यान दें और विशेषज्ञों की सलाह के बिना कोई बड़ा निर्णय न लें।
अंत में, यह कहना उचित होगा कि शेयर बाजार की यह गिरावट राजनीतिक घटनाओं और चुनावी रुझानों की प्रत्यक्ष प्रतिक्रिया है। जैसे-जैसे चुनावी नतीजे साफ होंगे, बाजार की दिशा भी स्पष्ट होगी। निवेशकों को इस समय सतर्क रहकर, बाजार के बदलते रुझानों पर निगाह रखते हुए, सूझबूझ से निर्णय लेने की आवश्यकता है।
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