सारांश: आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में मूसलाधार बारिश ने बाढ़ की स्थिति उत्पन्न कर दी है, जिसमें 24 लोगों की मौत हो चुकी है। 17,000 से अधिक लोग सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए गए हैं, जबकि 140 ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में और अधिक बारिश की चेतावनी दी है, जिससे स्थिति और गंभीर हो सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात की और हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। राहत और बचाव कार्यों के लिए NDRF की 26 टीमें तैनात की गई हैं।
आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है। बाढ़ की विकराल स्थिति के चलते इन राज्यों में 24 लोगों की जान चली गई है। आंध्र प्रदेश में 15 और तेलंगाना में 9 लोगों की मौत हुई है। बारिश के कारण नदियां उफान पर हैं और कई क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति विकट हो गई है। बाढ़ के चलते कई लोग अभी भी लापता हैं, जिससे मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है। स्थानीय प्रशासन ने राहत और बचाव कार्यों के लिए कमर कस ली है और आपदा प्रबंधन बल की टीमें लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में जुटी हैं।
तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में बारिश की वजह से 140 ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं, जबकि 97 ट्रेनों के मार्ग को बदल दिया गया है। दक्षिण मध्य रेलवे ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए यह कदम उठाया है। रेलवे स्टेशनों पर फंसे लगभग 6,000 यात्री इस अचानक आई समस्या से परेशान हैं। वहीं, विजयवाड़ा जैसे शहरों में बाढ़ का प्रभाव सबसे ज्यादा देखा जा रहा है, जहां करीब 2.76 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। अधिकारियों ने लगातार बढ़ते जल स्तर के मद्देनजर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के निर्देश जारी किए हैं।
हैदराबाद में भी बारिश ने लोगों को बेहाल कर दिया है। शहर के कई इलाकों में जलभराव हो गया है, जिससे सामान्य जनजीवन ठप हो गया है। बढ़ते जल स्तर और आगामी बारिश के पूर्वानुमान को देखते हुए हैदराबाद के सभी स्कूलों को 2 सितंबर तक बंद कर दिया गया है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकलें। जलभराव की स्थिति में प्रशासन ने नावों और राहत सामग्री की आपूर्ति सुनिश्चित की है, ताकि प्रभावित लोगों को सहायता मिल सके।
प्राकृतिक आपदा के इस मुश्किल समय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी से बात की है। प्रधानमंत्री ने स्थिति की जानकारी लेते हुए केंद्र की ओर से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है। दोनों मुख्यमंत्रियों ने प्रधानमंत्री को राज्य में बाढ़ से उत्पन्न स्थिति से अवगत कराया और राहत कार्यों में हो रही कठिनाइयों की जानकारी दी। केंद्र सरकार ने राज्यों को तुरंत सहायता के लिए वित्तीय सहायता और आवश्यक संसाधन भेजने की बात कही है।
मौसम विभाग के अनुसार, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में आने वाले दिनों में और अधिक बारिश की संभावना है। विभाग ने 2 से 5 सितंबर तक दोनों राज्यों के कुछ हिस्सों में गरज और बिजली गिरने के साथ भारी बारिश का अनुमान जताया है। इससे बाढ़ की स्थिति और बिगड़ने की आशंका है। प्रशासन ने पहले से ही निचले इलाकों में रह रहे लोगों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है। राहत और बचाव कार्यों के लिए NDRF की 26 टीमें तैनात कर दी गई हैं, जो लगातार प्रभावित क्षेत्रों में काम कर रही हैं।
आंध्र प्रदेश में बाढ़ से प्रभावित इलाकों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम तेजी से चल रहा है। अब तक 17,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है। प्रशासन ने विभिन्न राहत शिविरों की स्थापना की है, जहां प्रभावित लोगों को भोजन, पानी और अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति की जा रही है। तेलंगाना में भी प्रशासन ने राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाई है, जहां एक व्यक्ति लापता है और उसके तलाश अभियान जारी हैं। दोनों राज्यों में स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
इस आपदा ने न केवल लोगों की जान-माल को प्रभावित किया है, बल्कि अर्थव्यवस्था पर भी गहरा असर डाला है। व्यापारिक गतिविधियां ठप हो गई हैं और परिवहन व्यवस्था चरमरा गई है। 140 ट्रेनों के रद्द होने से न केवल यात्रियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, बल्कि उद्योगों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। सड़कें जलमग्न हो गई हैं, जिससे यातायात व्यवस्था पूरी तरह से बाधित हो गई है। ऐसे में प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती सामान्य जनजीवन को पुनः पटरी पर लाने की है।
तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में राहत कार्यों को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए स्थानीय प्रशासन के साथ-साथ केंद्र सरकार भी पूरी तरह से जुटी हुई है। राहत सामग्रियों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए केंद्र ने विभिन्न एजेंसियों को निर्देश दिए हैं। इस आपदा से निपटने के लिए सरकार ने आम जनता से धैर्य बनाए रखने की अपील की है। साथ ही लोगों को सतर्क रहने और अफवाहों से बचने की सलाह दी गई है। इस प्राकृतिक आपदा ने दोनों राज्यों में जीवन को बुरी तरह से प्रभावित किया है, और अब सबकी निगाहें राहत और पुनर्वास के कार्यों पर टिकी हैं।
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