सारांश : 1 सितंबर को बंगाल की खाड़ी में 5.1 तीव्रता का भूकंप आया। हालांकि, इससे किसी प्रकार की जान-माल की हानि की सूचना नहीं है, लेकिन इस क्षेत्र में भूकंप के लगातार आने की प्रवृत्ति को देखते हुए सतर्कता जरूरी है।
रविवार, 1 सितंबर की सुबह बंगाल की खाड़ी में एक और भूकंप का जोरदार झटका महसूस किया गया। इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.1 मापी गई, जो इस क्षेत्र में आमतौर पर दर्ज किए जाने वाले भूकंपों में से एक था। सुबह 9:12 बजे आए इस भूकंप का केंद्र अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह के पास स्थित परका गांव से लगभग 135 किलोमीटर दूर, समुद्र तल से 10 किलोमीटर की गहराई में था।
भूकंप के झटके समुद्र तल में होने के कारण, इसका असर सतह पर महसूस नहीं हुआ और अब तक किसी प्रकार के जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं आई है। अमेरिका के 'यूनाइटेड स्टेट जियोलॉजिकल सर्वे' (यूएसजीएस) ने भी इस भूकंप के 'ऑफ्टर शॉक' की कोई सूचना नहीं दी है। हालांकि, अंडमान निकोबार के आस-पास के क्षेत्र में इस भूकंप के झटके महसूस किए जाने की संभावना है, जिससे क्षेत्रीय निवासियों के बीच कुछ समय के लिए चिंता उत्पन्न हुई है।
यह ध्यान देने वाली बात है कि बंगाल की खाड़ी और उसके आस-पास के क्षेत्र भूकंपीय गतिविधियों के लिए जाने जाते हैं। अप्रैल 2024 में भी इसी क्षेत्र में 4.2 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसकी गहराई भी 10 किलोमीटर थी। हालांकि, तब भी किसी प्रकार की हानि नहीं हुई थी। इस क्षेत्र में लगभग हर महीने छोटे या मध्यम तीव्रता के भूकंप दर्ज किए जाते रहे हैं। जब भी भूकंप की तीव्रता अधिक होती है, तो इसके झटके पश्चिम बंगाल, ओडिशा, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के तटीय इलाकों में भी महसूस किए जाते हैं।
भूकंप की तीव्रता का माप और उसका प्रभाव
रिक्टर स्केल वह मापदंड है, जिसके माध्यम से भूकंप की तीव्रता का आकलन किया जाता है। इस स्केल की रेंज 1 (सबसे छोटे) से लेकर 10 (सबसे बड़े) तक होती है। उदाहरण के लिए, अगर किसी भूकंप की तीव्रता 5.1 मापी गई है, तो यह एक मध्यम तीव्रता का भूकंप माना जाता है।
अगर किसी भूकंप की तीव्रता 1.0 से 2.9 के बीच हो, तो उसे बहुत कम तीव्रता वाला भूकंप माना जाता है, जो सतह पर शायद ही महसूस होता है। 3.0 से 3.9 तीव्रता वाला भूकंप छोटा, 4.0 से 4.9 तीव्रता वाला हल्का, 5.0 से 5.9 तीव्रता वाला गंभीर, 6.0 से 6.9 तीव्रता वाला जबरदस्त, 7.0 से 7.9 तीव्रता वाला बहुत जबरदस्त, और 8.0 या उससे अधिक तीव्रता वाला भूकंप बड़े झटके के रूप में मापा जाता है।
भूकंप के जोखिम और सतर्कता
समुद्र के नीचे आने वाले भूकंप विशेष रूप से खतरनाक हो सकते हैं, क्योंकि इनसे उत्पन्न होने वाली ऊंची लहरें तटीय इलाकों में सुनामी का कारण बन सकती हैं। हालांकि, इस बार बंगाल की खाड़ी में भूकंप के बाद किसी प्रकार का सुनामी अलर्ट जारी नहीं किया गया है, फिर भी इस क्षेत्र के निवासियों और प्रशासन को सतर्क रहना चाहिए।
भविष्य में संभावित भूकंपों को ध्यान में रखते हुए, संबंधित एजेंसियों को आपदा प्रबंधन के लिए उचित तैयारी करनी चाहिए। इससे न केवल जान-माल की हानि को कम किया जा सकता है, बल्कि नागरिकों को भी समय रहते सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा सकता है।
निष्कर्ष:
बंगाल की खाड़ी में आए 5.1 तीव्रता के इस भूकंप से किसी प्रकार की हानि नहीं हुई है, जो राहत की बात है। लेकिन, इस घटना ने एक बार फिर इस क्षेत्र में भूगर्भीय सक्रियता और संभावित खतरों की ओर ध्यान आकर्षित किया है। सतर्कता और आपदा प्रबंधन के उचित उपायों से इस तरह की घटनाओं से होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है।
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