सारांश: महाराष्ट्र के ठाणे जिले के भिवंडी इलाके में गणेश विसर्जन के दौरान तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो गई। अराजकतत्वों द्वारा गणेश विसर्जन जुलूस पर पत्थरबाजी की गई, जिससे गणेश प्रतिमा खंडित हो गई। इस घटना के बाद दोनों पक्षों में तनाव बढ़ गया और हंगामा होने लगा। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज किया और कई लोगों को हिरासत में लिया। ज्वाइंट कमिश्नर डॉक्टर ज्ञानेश्वर चव्हाण ने सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।


महाराष्ट्र में गणेश विसर्जन जुलूस पर पत्थरबाजी, मूर्ति खंडित, पुलिस ने किया लाठीचार्ज


महाराष्ट्र के ठाणे जिले में भिवंडी का शांतिपूर्ण माहौल गणेश विसर्जन के दौरान अचानक तनावपूर्ण हो गया। हर साल की तरह इस साल भी गणेशोत्सव के दौरान भव्य जुलूस निकाला जा रहा था। मंगलवार की रात, जब भक्त गणपति बप्पा की मूर्ति को विसर्जन के लिए ले जा रहे थे, तभी अचानक वंजरपट्टी नाका के पास यह घटना घटित हुई। विसर्जन के लिए भक्तों का समूह जब हिन्दुस्तानी मस्जिद के पास से गुजर रहा था, तभी अराजक तत्वों ने जुलूस पर पत्थर फेंकने शुरू कर दिए।


इस पत्थरबाजी से गणेश प्रतिमा खंडित हो गई, जिससे जुलूस में शामिल लोगों में आक्रोश फैल गया। भक्तों ने आरोप लगाया कि जानबूझकर गणेश प्रतिमा को निशाना बनाया गया। इसके बाद तनाव इतना बढ़ गया कि जुलूस में शामिल लोग हंगामा करने लगे। देखते ही देखते भीड़ ने पत्थर फेंकने वाले कुछ लड़कों को पकड़ लिया और उनमें से एक की जमकर पिटाई कर दी। इसी बीच सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची और युवक को भीड़ के चंगुल से छुड़ाया।


इस घटना के बाद इलाके में तनाव और बढ़ गया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल मौके पर तैनात किया गया। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए कुछ लोगों को हिरासत में लिया और जुलूस को आगे बढ़ाने की कोशिश की। लेकिन जुलूस में शामिल लोग पत्थरबाजों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर गणेश विसर्जन से मना करने लगे।


भीड़ का गुस्सा तब और बढ़ गया जब उन्होंने देखा कि पुलिस की ओर से कार्रवाई में देरी हो रही है। इसके चलते हंगामा और बढ़ गया और भीड़ को शांत करने के प्रयास विफल होते दिखे। पुलिस और भीड़ के बीच धक्का-मुक्की शुरू हो गई, जिससे स्थिति और बिगड़ने लगी। इसे देखते हुए डीसीपी और एसीपी स्तर के अधिकारी मौके पर पहुंचे और हालात को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज का सहारा लिया गया।


लाठीचार्ज के दौरान कई लोगों को चोटें आईं, जबकि भीड़ की ओर से भी पुलिस पर हमला हुआ, जिसमें कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हुए। घटना के बाद इलाके में तनाव फैल गया और दोनों पक्षों के लोग भारी संख्या में जुटने लगे। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया। ज्वाइंट कमिश्नर डॉक्टर ज्ञानेश्वर चव्हाण ने कहा कि घटना की पूरी जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।


घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय भाजपा विधायक महेश चौघुले अपने समर्थकों के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और पुलिस से आरोपियों की तुरंत गिरफ्तारी की मांग की। विधायक चौघुले ने शिवाजी चौक पर इकट्ठा होकर पुलिस पर दबाव बनाया कि पत्थरबाजी में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए।


इस घटना से एक बार फिर यह सवाल खड़ा हो गया है कि धार्मिक त्योहारों के दौरान इस तरह की हिंसक घटनाएं क्यों होती हैं और प्रशासन इसे रोकने में असफल क्यों साबित होता है। गणेश विसर्जन जैसा शुभ अवसर, जिसमें लोग श्रद्धा और भक्ति से हिस्सा लेते हैं, कुछ असामाजिक तत्वों की वजह से हिंसा का शिकार हो गया। धार्मिक आयोजनों के दौरान शांति बनाए रखना सभी की जिम्मेदारी है, लेकिन इस घटना ने धार्मिक सद्भाव और सहिष्णुता पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया है।


ठाणे की इस घटना ने न केवल स्थानीय प्रशासन को सतर्क किया है, बल्कि राज्य सरकार भी इस पर गंभीरता से विचार कर रही है। घटना के बाद पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में लिया है और दोषियों की पहचान की जा रही है। प्रशासन का कहना है कि दोषियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा और उन पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।


भिवंडी का यह इलाका पहले भी सांप्रदायिक तनाव का शिकार रहा है, इसलिए इस बार प्रशासन अतिरिक्त सतर्कता बरत रहा है। विसर्जन के दौरान ऐसी घटनाओं से बचने के लिए पुलिस बल की तैनाती पहले से बढ़ा दी गई थी, लेकिन फिर भी इस घटना ने प्रशासन की तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।


वहीं दूसरी ओर, शहर के गणेश मंडलों ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की है और प्रशासन से मांग की है कि दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। इस घटना से गणेश उत्सव की खुशियों में खलल पड़ गया है, लेकिन उम्मीद है कि प्रशासन की सख्त कार्रवाई से आगे ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं होगी।

Post a Comment

और नया पुराने