सारांश : वैश्विक संकेतों से प्रभावित होकर भारतीय शेयर बाजार ने सोमवार को कमजोर शुरुआत की, लेकिन जल्द ही बाजार ने वापसी करते हुए सेंसेक्स 81,200 और निफ्टी 25,300 के स्तर को पार कर लिया। शुरुआत में सेंसेक्स 200 अंकों की गिरावट के साथ खुला, लेकिन एशियन पेंट्स, आईसीआईसीआई बैंक और एचयूएल जैसे शेयरों के मजबूत प्रदर्शन के कारण बाजार तेजी में लौट आया। एशियाई बाजारों में गिरावट के बावजूद घरेलू बाजार ने सकारात्मक रुख बनाए रखा।

Global दबाव के बावजूद Indian Market ने दिखाई मजबूती, शुरुआती गिरावट के बाद तेजी में लौटे Sense और Nifty


भारतीय शेयर बाजार ने सोमवार को वैश्विक दबाव के बावजूद मजबूत प्रदर्शन किया। सप्ताह की शुरुआत में बाजार खुलने से पहले एशियाई बाजारों में भारी गिरावट देखी जा रही थी, जो कि अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों में कमजोरी के कारण उत्पन्न हुई थी। लेकिन भारतीय निवेशकों ने इस दबाव को नजरअंदाज करते हुए बाजार को फिर से सकारात्मक दिशा में मोड़ दिया।


शुरुआती गिरावट के बाद आई रिकवरी

जब भारतीय बाजार खुला, तो बीएसई सेंसेक्स 81,000 अंकों के नीचे गिर गया। शुरुआती आंकड़ों के मुताबिक, 9:15 बजे बाजार खुलने के समय सेंसेक्स करीब 200 अंकों की गिरावट के साथ 80,800 अंकों पर कारोबार कर रहा था। निफ्टी भी लगभग 50 अंकों के घाटे के साथ 25,250 के स्तर पर खुला। हालाँकि, बाजार ने जल्द ही खुद को संभाल लिया। लगभग 9:55 बजे, सेंसेक्स 30 अंकों के फायदे के साथ 81,200 अंकों के ऊपर पहुंच गया, और निफ्टी 20 अंकों के फायदे के साथ 25,300 अंकों के स्तर को पार कर गया।


प्री-ओपन सत्र में गिरावट

प्री-ओपन सत्र में भी बाजार की शुरुआत नकारात्मक रही। सेंसेक्स 200 अंकों से अधिक लुढ़ककर 81,000 अंक के नीचे आ गया था, जबकि निफ्टी भी लगभग 30 अंकों की गिरावट के साथ 24,825 अंकों पर पहुंच गया। इसी तरह, निफ्टी का वायदा भी 86 अंकों की गिरावट के साथ 24,840 अंकों के आसपास कारोबार कर रहा था। इसके साथ ही, निफ्टी विक्स इंडेक्स, जो बाजार की अस्थिरता को दर्शाता है, 7% से ज्यादा बढ़ गया था, जो बाजार में घबराहट का संकेत था।


पिछले सप्ताह की गिरावट

पिछले सप्ताह के अंतिम दिन, शुक्रवार को भी भारतीय शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखी गई थी। सेंसेक्स में 1,017 अंकों (1.24%) की गिरावट आई थी और यह 81,183.93 अंक पर बंद हुआ था। निफ्टी50 भी 292.95 अंकों (1.17%) की गिरावट के साथ 24,852.15 अंक पर बंद हुआ था। पूरे सप्ताह के दौरान सेंसेक्स में 1,181.84 अंक (1.43%) और निफ्टी में 383.75 अंक (1.52%) की गिरावट आई थी।


एशियाई बाजारों का दबाव

सोमवार को वैश्विक बाजारों में भी गिरावट का रुख देखने को मिला। शुक्रवार को अमेरिका में जारी हुए रोजगार और अन्य आर्थिक आंकड़ों के बाद वॉल स्ट्रीट में भारी गिरावट दर्ज की गई थी। डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज में 1% से अधिक की गिरावट आई थी, जबकि एसएंडपी 500 में 1.75% और नास्डैक में ढाई फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई थी। इसका असर सोमवार को एशियाई बाजारों पर भी पड़ा। जापान का निक्की इंडेक्स 3% से ज्यादा गिर गया था, जबकि टॉपिक्स इंडेक्स में 2.67% की गिरावट देखी गई। चीन का शंघाई कंपोजिट 0.58% और हांगकांग का हैंगसेंग इंडेक्स 1.15% गिरावट में रहे।


सेंसेक्स के प्रमुख शेयरों की स्थिति

भारतीय बाजार की रिकवरी में कुछ प्रमुख शेयरों का अहम योगदान रहा। सुबह 9:40 बजे तक बीएसई सेंसेक्स के 30 में से 14 शेयरों में बढ़त देखी गई, जबकि 14 शेयरों में गिरावट दर्ज की गई। सबसे ज्यादा बढ़त एशियन पेंट्स के शेयरों में रही, जबकि आईसीआईसीआई बैंक, इंडसइंड बैंक, एचयूएल, बजाज फिनसर्व और आईटीसी के शेयर भी सकारात्मक रुख के साथ कारोबार कर रहे थे। वहीं, एनटीपीसी, अदाणी, पावरग्रिड, टाटा स्टील, एमएंडएम और टाटा मोटर्स के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई।


निफ्टी के शेयरों का प्रदर्शन

निफ्टी में भी लगभग बराबरी का प्रदर्शन देखा गया। बाजार खुलने के आधे घंटे बाद निफ्टी के 24 शेयरों में तेजी और 26 शेयरों में गिरावट रही। टॉप गेनर्स में एसबीआई लाइफ 1.01% की बढ़त के साथ आगे रहा, जबकि ब्रिटानिया, टाटा कंज्यूमर्स, एशियन पेंट्स और एचडीएफसी लाइफ के शेयर भी सकारात्मक प्रदर्शन कर रहे थे। गिरावट वाले शेयरों में ओएनजीसी, अदाणी पोर्ट्स, एनटीपीसी, हिंडाल्को और टाटा स्टील के शेयरों में 1.34% से 3.08% तक की गिरावट देखी गई।


निवेशकों का रुख

इस उतार-चढ़ाव के बावजूद, निवेशकों ने बाजार में भरोसा बनाए रखा। वैश्विक दबाव के बावजूद भारतीय बाजार ने रिकवरी दिखाई, जो निवेशकों के आत्मविश्वास को दर्शाता है। हालांकि, आने वाले दिनों में वैश्विक आर्थिक आंकड़े और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतियों का असर भारतीय बाजार पर भी देखने को मिल सकता है।


निष्कर्ष

सोमवार की शुरुआत में भले ही बाजार ने नकारात्मक रुख दिखाया हो, लेकिन भारतीय निवेशकों की तेजी से बाजार ने खुद को संभाल लिया। एशियाई बाजारों में गिरावट के बावजूद भारतीय बाजार ने अपनी स्थिति मजबूत की और आने वाले दिनों में भी अगर वैश्विक संकेत स्थिर रहते हैं, तो बाजार में और मजबूती देखने को मिल सकती है।

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