सारांश : 24 सितंबर को भारतीय शेयर बाजार में सेंसेक्स और निफ्टी ने ऐतिहासिक ऊँचाई को छुआ। शुरुआती गिरावट के बाद, सेंसेक्स ने पहली बार 85,000 का स्तर पार किया, जबकि निफ्टी 25,971 तक पहुँचा। एशियाई बाजारों से मिले सकारात्मक संकेतों ने बाजार को तेजी प्रदान की, जिससे बाजार रिकॉर्ड ऊंचाई पर बंद हुआ।
भारतीय शेयर बाजार की ऐतिहासिक उपलब्धि: सेंसेक्स और निफ्टी ने बनाया नया रिकॉर्ड
भारतीय शेयर बाजार में 24 सितंबर 2024 को एक ऐतिहासिक दिन के रूप में याद किया जाएगा। सेंसेक्स और निफ्टी, दोनों प्रमुख सूचकांकों ने आज नई ऊंचाईयों को छू लिया। सेंसेक्स ने 85,000 का आंकड़ा पहली बार पार किया, जबकि निफ्टी ने भी 25,971 के स्तर पर पहुंचकर नया रिकॉर्ड बनाया। हालांकि, शुरुआती सत्र में बाजार में थोड़ी गिरावट देखी गई थी, लेकिन बाद में इसमें जबरदस्त रिकवरी आई, जिससे यह ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज हुई।
शुरुआती गिरावट और फिर रिकवरी
आज के बाजार सत्र की शुरुआत लाल निशान के साथ हुई। प्री-ओपनिंग सत्र में सेंसेक्स 67.88 अंक की गिरावट के साथ खुला, जबकि निफ्टी में 17.60 अंकों की गिरावट देखी गई। सुबह 9:15 बजे के करीब सेंसेक्स 129.34 अंक गिरकर 84,799.27 पर ट्रेड कर रहा था, और निफ्टी भी 16.35 अंक की गिरावट के साथ 25,922.70 पर था। हालांकि, बाजार में यह गिरावट अधिक देर तक नहीं रही, और जल्द ही बाजार में रिकवरी देखी गई।
सेंसेक्स और निफ्टी ने कैसे किया प्रदर्शन?
बाजार में आई इस तेजी के पीछे मुख्य वजह एशियाई बाजारों से मिले सकारात्मक संकेत रहे। चीन और अन्य एशियाई बाजारों में आई मजबूती ने भारतीय शेयर बाजार को ऊपर खींचा, जिससे सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ने अपनी उच्चतम ऊंचाई को छुआ। सेंसेक्स 85,000 के स्तर से ऊपर पहुंच गया, जबकि निफ्टी ने 25,971 का नया ऑल-टाइम हाई बना लिया।
कौन-कौन से शेयर रहे चर्चा में?
सेंसेक्स पर लिस्टेड 30 कंपनियों में से कुछ ने आज अच्छा प्रदर्शन किया, जबकि कुछ में गिरावट देखी गई। इंफोसिस, बजाज फाइनेंस, कोटक महिंद्रा बैंक, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, इंडसइंड बैंक और अल्ट्राटेक सीमेंट के शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट देखी गई। इन कंपनियों के कमजोर प्रदर्शन के बावजूद बाजार में तेजी बरकरार रही। दूसरी ओर, टाटा स्टील, जेएसडब्ल्यू स्टील, नेस्ले और टाटा मोटर्स जैसे शेयरों ने बढ़िया प्रदर्शन किया और बाजार को ऊपर खींचने में मदद की।
पिछले दिन का प्रदर्शन
इससे एक दिन पहले, यानी 23 सितंबर को भी बाजार में मजबूती देखने को मिली थी। सेंसेक्स 384.30 अंकों की बढ़त के साथ 84,928.61 पर बंद हुआ था, जो उस समय तक इसका सबसे उच्च स्तर था। निफ्टी भी 148.10 अंकों की बढ़त के साथ 25,939.05 के शिखर पर बंद हुआ था। यह बाजार की ताकत और निवेशकों के बढ़ते विश्वास को दर्शाता है।
एशियाई बाजारों से मिले संकेत
आज भारतीय शेयर बाजार को एशियाई बाजारों से मिली मजबूती का पूरा लाभ मिला। चीन और अन्य एशियाई देशों के बाजारों में आई तेजी ने भारतीय निवेशकों के मनोबल को बढ़ाया और इसका असर भारतीय बाजार में भी देखने को मिला। वैश्विक बाजार में स्थिरता और चीन से मिले सकारात्मक आर्थिक आंकड़े बाजार में इस उछाल के प्रमुख कारण रहे।
निवेशकों के लिए मार्गदर्शन
आज की इस ऐतिहासिक उपलब्धि के बाद, बाजार विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले दिनों में बाजार में स्थिरता बनी रह सकती है। हालांकि, वैश्विक आर्थिक स्थितियों, कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतियों जैसे कारकों का प्रभाव भारतीय बाजारों पर पड़ेगा। निवेशकों को अपने निवेश में सावधानी बरतनी होगी, खासकर उन सेक्टर्स में, जहां कंपनियों के स्टॉक्स में गिरावट देखी जा रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि मजबूत कंपनियों के स्टॉक्स में निवेश करना फायदेमंद हो सकता है, खासकर उन कंपनियों में जो मेटल्स, ऑटोमोबाइल और कंज्यूमर गुड्स सेक्टर से संबंधित हैं। टाटा स्टील और टाटा मोटर्स जैसी कंपनियों ने आज अच्छा प्रदर्शन किया है, जो आने वाले समय में भी निवेशकों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
भविष्य की संभावनाएँ
आज सेंसेक्स और निफ्टी की रिकॉर्ड ऊंचाई ने निवेशकों के आत्मविश्वास को बढ़ाया है। यह दर्शाता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में स्थिरता और विकास के संकेत हैं। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे लंबी अवधि के निवेश के प्रति सजग रहें और बाजार की मौजूदा स्थिति का फायदा उठाएं। हालांकि, छोटी अवधि के उतार-चढ़ाव को नज़रअंदाज़ नहीं किया जाना चाहिए, और निवेशकों को सतर्क रहकर अपने पोर्टफोलियो में विविधता बनाए रखनी चाहिए।
निष्कर्ष
भारतीय शेयर बाजार ने आज इतिहास रचा। सेंसेक्स ने पहली बार 85,000 का आंकड़ा पार किया, जबकि निफ्टी ने भी 25,971 का ऑल-टाइम हाई बनाया। यह उपलब्धि भारतीय बाजार के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो निवेशकों के आत्मविश्वास को और मजबूत करेगी। आने वाले समय में बाजार के प्रदर्शन को वैश्विक आर्थिक स्थितियों और अन्य घरेलू कारकों के आधार पर आंका जाएगा, लेकिन फिलहाल निवेशकों के लिए यह एक सकारात्मक संकेत है।
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