सारांश : बदलापुर रेप केस के आरोपी अक्षय शिंदे का एनकाउंटर सोमवार को हुआ, जिसमें उसकी मौत हो गई। पुलिस के साथ 10 मिनट की मुठभेड़ में, अक्षय ने पुलिस की सर्विस रिवॉल्वर छीनकर फायरिंग की, लेकिन जवाबी फायरिंग में मारा गया। इस घटना ने पूरे देश को हिला दिया है और कई सवाल खड़े किए हैं।


बदलापुर एनकाउंटर: अक्षय शिंदे की आखिरी 10 मिनट की कहानी और पुलिस का जवाबी एक्शन


बदलापुर एनकाउंटर: मौत से पहले 10 मिनट की कहानी


महाराष्ट्र के बदलापुर रेप केस के आरोपी अक्षय शिंदे का पुलिस एनकाउंटर सोमवार को हुआ, जिसने पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींचा है। इस मुठभेड़ के दौरान 10 मिनट तक चली गोलीबारी में पुलिस और अक्षय के बीच क्या हुआ, यह जानना बेहद जरूरी है। कैसे आरोपी ने अचानक पुलिस पर हमला किया और कैसे पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की, ये सभी घटनाएं चर्चा का विषय बनी हुई हैं।


अक्षय शिंदे पर लगे आरोप और घटना की शुरुआत


13 अगस्त 2024 को बदलापुर के एक स्कूल में दो बच्चियों के साथ यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया था, जिसने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया। स्कूल के सफाई कर्मचारी अक्षय शिंदे को मुख्य आरोपी बताया गया और उसे पुलिस ने तुरंत गिरफ्तार कर लिया। घटना के बाद जनता में भारी आक्रोश फैल गया था, जिसके चलते 20 अगस्त को भारी भीड़ ने स्कूल और बदलापुर रेलवे स्टेशन पर जमकर प्रदर्शन किया था। लोकल ट्रेन की आवाजाही तक बाधित हुई थी, और हालात इतने बिगड़े कि पुलिस को लाठीचार्ज का सहारा लेना पड़ा था।


पुलिस के साथ अक्षय की मुठभेड़


रेप के मामले में अक्षय शिंदे को जेल से कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे रिमांड पर लिया गया। सोमवार शाम 5 बजे जब पुलिस उसे जेल से थाने ले जा रही थी, तभी अचानक मुंब्रा बायपास के पास अक्षय ने एपीआई नीलेश मोरे की सर्विस रिवॉल्वर छीन ली। अक्षय ने मौके पर ही तीन गोलियां चलाईं, जिनमें से एक गोली नीलेश मोरे के पैर में लगी। दो गोलियां हवा में चली गईं। घायल होने के बावजूद नीलेश मोरे ने जवाबी कार्रवाई करते हुए अक्षय को घायल कर दिया।


कैसे हुई अक्षय की मौत?


मुठभेड़ के वक्त पुलिस वाहन में चार लोग मौजूद थे, जिनमें दो अधिकारी और दो अन्य पुलिसकर्मी शामिल थे। जैसे ही गोलीबारी शुरू हुई, पुलिस इंस्पेक्टर संजय शिंदे ने आत्मरक्षा में अपनी बंदूक निकाली और अक्षय पर फायर किया। गोली सीधी अक्षय के चेहरे पर लगी और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। यह पूरा घटनाक्रम महज 10 मिनट के भीतर घटा, जिसमें अक्षय की जान चली गई।


घटना के बाद बढ़ी राजनीति सरगर्मी


इस एनकाउंटर ने राजनीतिक माहौल को गरम कर दिया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कुछ दिन पहले ही कहा था कि रेप केस की सुनवाई तेजी से हो रही है और दोषियों को सजा दी जाएगी। लेकिन अब अक्षय की मुठभेड़ में हुई मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। कुछ लोगों का मानना है कि यह एनकाउंटर सुनियोजित था और पुलिस ने जानबूझकर अक्षय को मार दिया।


अक्षय शिंदे की मां का बयान


अक्षय की मां ने इस घटना पर गहरा शोक जताया और पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, "मेरे बेटे को जानबूझकर मारा गया। सोमवार को मेरी उससे बात हुई थी और उसने मुझे बताया था कि उसकी चार्जशीट आ गई है। वह जल्द रिहा होने वाला था। वह इतना डरा हुआ था कि पटाखों की आवाज से भी डरता था, फिर वह बंदूक कैसे चला सकता था? पुलिस ने उसे जानबूझकर मारा है।"


सवालों के घेरे में पुलिस का एनकाउंटर


इस घटना के बाद पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए जा रहे हैं। कई लोगों का मानना है कि अक्षय के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हो जाने के बाद पुलिस ने जल्दबाजी में यह कदम उठाया। मुठभेड़ के सही और गलत होने पर बहस छिड़ गई है। कुछ लोग इसे न्याय की त्वरित प्रक्रिया मान रहे हैं, जबकि कुछ इसे सुनियोजित हत्या कह रहे हैं।

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