सारांश: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मंकीपॉक्स वायरस के खिलाफ बवेरियन नॉर्डिक द्वारा विकसित MV-BN वैक्सीन को मंजूरी दे दी है। यह वैक्सीन मंकीपॉक्स के संक्रमण को 80% तक कम करने में सक्षम है। कई देशों ने इस वैक्सीन को स्वीकार किया है, और यह अफ्रीका सहित अन्य क्षेत्रों में इस वायरस से लड़ने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। वैक्सीन की प्रभावशीलता, खुराक और इसके स्टोरेज की जानकारी के साथ इस महामारी को नियंत्रित करने की दिशा में यह एक बड़ी कामयाबी है।


WHO ने मंकीपॉक्स के खिलाफ दी राहत की सौगात, बवेरियन नॉर्डिक की पहली वैक्सीन को हरी झंडी


मंकीपॉक्स के खिलाफ पहला बड़ा कदम

मंकीपॉक्स वायरस, जो पिछले कुछ वर्षों में दुनिया के विभिन्न हिस्सों में गंभीर स्वास्थ्य आपातकाल का कारण बना, अब नियंत्रित होने की उम्मीद है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हाल ही में मंकीपॉक्स के लिए बवेरियन नॉर्डिक द्वारा निर्मित MV-BN वैक्सीन को मंजूरी दी है। इस वैक्सीन की मंजूरी एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है, क्योंकि यह वायरस के खिलाफ लड़ाई में 80% तक प्रभावी साबित हुई है।


मंकीपॉक्स की वैश्विक चिंता को देखते हुए इस वैक्सीन की मंजूरी एक बड़ी राहत है, खासकर उन देशों के लिए जहां इस वायरस ने अधिक कहर बरपाया है। WHO के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस एडनॉम ने इस वैक्सीन को अफ्रीकी देशों में मंकीपॉक्स के संक्रमण को कम करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया है।


बवेरियन नॉर्डिक की MV-BN वैक्सीन: एक प्रभावी समाधान

MV-BN वैक्सीन को 18 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों को दी जा सकती है। यह वैक्सीन दो खुराकों में दी जाती है, जिसमें चार सप्ताह का अंतर होता है। इस वैक्सीन को 2 से 8 डिग्री सेल्सियस पर 8 हफ्तों तक सुरक्षित रखा जा सकता है। वैक्सीन की पहली खुराक 76% सुरक्षा प्रदान करती है, जबकि दूसरी खुराक लेने के बाद यह सुरक्षा 80% तक बढ़ जाती है। यह वैक्सीन न केवल अफ्रीका, बल्कि अमेरिका, सिंगापुर, स्विट्जरलैंड, कनाडा, और यूनाइटेड किंगडम जैसे देशों में भी स्वीकृत हो चुकी है।


मंकीपॉक्स का प्रभाव और इसके खिलाफ वैश्विक कदम

मंकीपॉक्स के लक्षण पहली बार 1970 में अफ्रीकी देश कांगो में देखे गए थे। तब से यह वायरस विभिन्न अफ्रीकी देशों में फैलता गया और बाद में एशिया के कुछ हिस्सों में भी देखा गया। मंकीपॉक्स वायरस मुख्य रूप से बंदरों से फैला, जिससे इसका नाम 'मंकीपॉक्स' पड़ा। इस वायरस के लक्षणों में बुखार, शरीर पर दाने, सिरदर्द, और मांसपेशियों में दर्द शामिल हैं।


हाल ही में, WHO ने मंकीपॉक्स को एक वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया था, जिसके बाद इस वायरस के खिलाफ तेज़ी से वैक्सीन विकसित करने की आवश्यकता महसूस की गई। बवेरियन नॉर्डिक की यह वैक्सीन इसी दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे उन देशों को काफी राहत मिलेगी जो इस वायरस से प्रभावित हैं।


भविष्य की दिशा और चुनौतियां

हालांकि वैक्सीन की मंजूरी एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन इसके सफल वितरण और प्रशासन में कई चुनौतियां हो सकती हैं। अफ्रीकी देशों और अन्य विकासशील देशों में वैक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित करना आवश्यक है। साथ ही, वैक्सीन के प्रभाव की मॉनिटरिंग और इसका सही उपयोग भी महत्वपूर्ण होगा। WHO इस वैक्सीन के वितरण और उपयोग को लेकर संबंधित देशों के साथ मिलकर काम कर रहा है ताकि इसे जल्द से जल्द उन क्षेत्रों तक पहुंचाया जा सके जहां इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है।


मंकीपॉक्स के मामलों में तेजी से वृद्धि के कारण, यह वैक्सीन उन लोगों के लिए एक नई उम्मीद है जो इस बीमारी से जूझ रहे हैं। WHO के अनुसार, वैक्सीन की जल्द से जल्द आपूर्ति शुरू की जाएगी और इससे वैश्विक स्तर पर मंकीपॉक्स की गंभीरता को कम करने में मदद मिलेगी।

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