सारांश : रतन टाटा की संपत्ति का बंटवारा उनके परिवार, करीबियों और समाज के हित में किया गया है। टाटा समूह में उनकी हिस्सेदारी रतन टाटा एंडोमेंट फाउंडेशन (RTEF) को दी जाएगी। उनके पास मौजूद बंगलों, कार कलेक्शन और उनके सहायक शांतनु नायडू के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं।
रतन टाटा की संपत्ति का समाज में योगदान का संकल्प
रतन टाटा ने अपने जीवन के सिद्धांतों और परंपरा का पालन करते हुए अपनी संपत्ति का बड़ा हिस्सा दान करने का फैसला लिया है। टाटा समूह की कंपनियों में उनकी हिस्सेदारी रतन टाटा एंडोमेंट फाउंडेशन (RTEF) को ट्रांसफर की जाएगी। इससे ग्रुप की चैरिटी व पारंपरिक सिद्धांत को बनाए रखने में मदद मिलेगी। यह ट्रस्ट टाटा समूह की चैरिटेबल ट्रस्ट्स की परंपरा को आगे बढ़ाएगा, जिसमें एन. चंद्रशेखरन को इसकी अध्यक्षता का कार्य सौंपा जा सकता है।
हलेकाई और अन्य प्रॉपर्टीज का भविष्य
कोलाबा स्थित हलेकाई हाउस, जहाँ रतन टाटा अंतिम समय तक रहे, और अलीबाग का बंगला दोनों ही टाटा संस के अंतर्गत आने वाली ईवार्ट इन्वेस्टमेंट कंपनी के स्वामित्व में हैं। इनका भविष्य ईवार्ट द्वारा निर्धारित किया जाएगा। उनके परिवार को उनके पिता नवल टाटा की संपत्ति के रूप में मिला जुहू का घर भी लंबे समय से खाली पड़ा है और इसे बेचने की योजना भी कई वर्षों से विचाराधीन है।
समाज को समर्पित कार कलेक्शन
रतन टाटा के पास लगभग 20-30 कारों का अनोखा कलेक्शन था, जिसे हलेकाई हाउस और कोलाबा में संरक्षित रखा गया है। इस कलेक्शन को या तो पुणे संग्रहालय में प्रदर्शित करने की योजना है या फिर नीलाम किया जा सकता है ताकि इस आय का उपयोग समाज के हित में हो सके। टाटा समूह भी इसे अधिग्रहित कर सकता है।
सहायक शांतनु नायडू के लिए विशेष व्यवस्था
रतन टाटा के बेहद करीबी और सहायक शांतनु नायडू के लिए उनकी वसीयत में खास इंतजाम किए गए हैं। रतन टाटा ने शांतनु नायडू के स्टार्टअप गुडफेलोज़ में अपनी हिस्सेदारी छोड़ दी और नायडू के लिए विदेशी शिक्षा हेतु लिया गया व्यक्तिगत ऋण माफ कर दिया। शांतनु टाटा के प्रति सम्मान और भरोसे का प्रतीक बनकर इस दायित्व को आगे ले जाने में जुटे हैं।
समाज के प्रति टाटा की महान परंपरा
रतन टाटा का संपत्ति बंटवारा केवल उनके परिवार और करीबियों तक सीमित नहीं है; इसमें समाज के प्रति उनकी वचनबद्धता भी झलकती है।
एक टिप्पणी भेजें