सारांश : साइक्लोन 'दाना' का लैंडफॉल ओडिशा के तट पर हो चुका है, जिससे ओडिशा और पश्चिम बंगाल में भारी बारिश और तेज हवाओं के साथ तबाही का मंजर है। IMD ने ओडिशा के सात जिलों में 'रेड अलर्ट' और पांच जिलों में 'ऑरेंज अलर्ट' जारी किया है। मुख्यमंत्री ने 3-4 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने की पुष्टि की है। तूफान का नाम 'दाना' सऊदी अरब ने दिया है, जिसका अर्थ 'उदारता' होता है।

Cyclone Dana का प्रकोप : Odisha और West Bengal में भारी तबाही, लाखों लोग प्रभावित


ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में साइक्लोन 'दाना' ने जोरदार तबाही मचाई है। शुक्रवार सुबह 12:10 बजे यह भीषण तूफान ओडिशा के तट से टकराया, जिससे दोनों राज्यों में भारी बारिश और तेज हवाएं चलीं। मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, यह तूफान 100-110 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा था, जो कभी-कभी 120 किमी प्रति घंटे की गति तक पहुंचने की संभावना थी।


साइक्लोन दाना ने तटीय इलाकों में पेड़ गिरा दिए, सड़कों को क्षतिग्रस्त कर दिया और बिजली के खंभों को भी गिरा दिया। इससे न केवल यातायात में बाधा आई, बल्कि लोगों का जनजीवन भी बुरी तरह प्रभावित हुआ। मूसलधार बारिश और हवाओं के कारण कई जगहों पर बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। प्रशासन और मौसम विभाग ने पहले ही चेतावनी जारी कर दी थी, लेकिन तबाही की यह तस्वीर सभी को चिंतित कर रही है।


प्रभावित क्षेत्र और अलर्ट:

भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने ओडिशा के सात जिलों में 'रेड अलर्ट' जारी किया है, जो सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। इनमें मयूरभंज, कटक, जाजपुर, बालासोर, भद्रक, केंद्रपाड़ा और जगतसिंहपुर शामिल हैं। इन क्षेत्रों में भारी से बहुत भारी बारिश हो रही है, जिससे कई स्थानों पर जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है।


इसके साथ ही, पुरी, खुर्दा, नयागढ़ और ढेंकनाल जिलों के लिए 'ऑरेंज अलर्ट' जारी किया गया है, जहां भी भारी बारिश और हवाओं की संभावना जताई जा रही है। प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में एनडीआरएफ की टीमों को तैनात किया है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने की प्रक्रिया जारी है। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने राज्य सरकार की तैयारियों की समीक्षा की और बताया कि बुधवार तक 30 प्रतिशत लोगों को खतरे वाले क्षेत्रों से निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा चुका था। लगभग 3-4 लाख लोग इस राहत अभियान में शामिल हैं।


राहत और बचाव कार्य:

राज्य सरकार और प्रशासन ने पहले से ही राहत और बचाव कार्यों की तैयारी कर ली थी। इसके तहत तटीय इलाकों में अस्थायी आश्रय स्थल बनाए गए हैं, जहां प्रभावित लोगों को शरण दी जा रही है। सरकारी स्कूलों, सामुदायिक केंद्रों और अन्य सार्वजनिक स्थलों को राहत शिविरों में बदला गया है। यहां लोगों को भोजन, पानी और अन्य आवश्यक चीजें मुहैया कराई जा रही हैं।


मुख्यमंत्री ने प्रशासन को निर्देश दिया है कि वे राहत कार्यों में तेजी लाएं और लोगों को हर संभव मदद पहुंचाएं। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और सुरक्षित स्थानों पर रहें। मछुआरों को समुद्र में न जाने की सख्त चेतावनी दी गई है, क्योंकि समुद्र की लहरें ऊंची हो रही हैं और स्थिति खतरनाक बनी हुई है।


साइक्लोन 'दाना' का नामकरण:

इस चक्रवात का नाम 'दाना' सऊदी अरब द्वारा दिया गया है, जिसका अर्थ 'उदारता' होता है। जब किसी तूफान की गति 62 किमी प्रति घंटे से अधिक हो जाती है, तो उसे नाम दिया जाता है। यदि हवा की गति 137 किमी प्रति घंटे तक पहुंच जाती है, तो इसे एक चक्रवाती तूफान माना जाता है। साइक्लोन 'दाना' ने अपने नाम के विपरीत, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में विनाशकारी असर छोड़ा है।


जनजीवन पर प्रभाव:

साइक्लोन 'दाना' के कारण दोनों राज्यों में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। कई जगहों पर जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिससे यातायात ठप हो गया है। कई क्षेत्रों में बिजली के खंभे गिर गए हैं, जिससे बिजली आपूर्ति बाधित हो गई है। संचार सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं, जिससे ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में लोगों को संपर्क में मुश्किलें हो रही हैं।


गांवों और तटीय क्षेत्रों में लोग अपने घरों में कैद हो गए हैं। प्रशासन ने आश्रय स्थलों में लोगों को पहुंचाने के लिए विशेष इंतजाम किए हैं। इन राहत केंद्रों में पीड़ितों को खाने-पीने का सामान, पानी और जरूरी दवाएं दी जा रही हैं। जिन क्षेत्रों में राहत कार्य नहीं पहुंच पाया है, वहां सरकार जल्द ही मदद पहुंचाने की योजना बना रही है।


मौसम विभाग की भविष्यवाणी:

मौसम विभाग का कहना है कि अगले 24 घंटों में तूफान का असर कुछ हद तक कम हो सकता है, लेकिन बारिश और तेज हवाओं का सिलसिला जारी रहेगा। तूफान के कमजोर होने की संभावना जताई जा रही है, लेकिन लोगों को अभी भी सतर्क रहने की सलाह दी गई है।


विशेषज्ञों का कहना है कि ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में अगले कुछ दिनों तक मौसम खराब रहेगा। इसलिए प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अनावश्यक रूप से घरों से बाहर न निकलें और सुरक्षित स्थानों पर रहें।


निष्कर्ष:

साइक्लोन 'दाना' ने ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में भारी तबाही मचाई है। तेज हवाएं, मूसलधार बारिश और समुद्र में उथल-पुथल ने इन क्षेत्रों में जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। राहत और बचाव कार्य जारी हैं, लेकिन चुनौतीपूर्ण स्थिति बनी हुई है। प्रशासन और स्थानीय लोगों की सतर्कता ही इस संकट से निपटने में मददगार साबित हो सकती है।


आशा है कि जल्द ही स्थिति नियंत्रण में आ जाएगी और प्रभावित लोगों को राहत मिलेगी। इस दौरान, लोगों को प्रशासन के निर्देशों का पालन करना चाहिए और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत राहत कार्यों का सहारा लेना चाहिए।

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