सारांश : चुनाव परिणाम 2024 में हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के चुनावी रुझानों ने बड़े राजनीतिक संकेत दिए हैं। हरियाणा में बीजेपी तीसरी बार सरकार बनाती दिख रही है, जबकि जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) और कांग्रेस का गठबंधन बहुमत का आंकड़ा पार कर चुका है। इस बीच, कांग्रेस को हरियाणा में बड़ा झटका लगा है और महबूबा मुफ्ती की पीडीपी जम्मू-कश्मीर में कमजोर स्थिति में नजर आ रही है।
चुनाव परिणाम 2024 ने भारतीय राजनीति के दो महत्वपूर्ण राज्यों – हरियाणा और जम्मू-कश्मीर – में बड़े बदलावों का संकेत दिया है। मतगणना के रुझानों से यह स्पष्ट हो गया है कि हरियाणा में बीजेपी एक बार फिर सत्ता में लौट रही है, जबकि जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) और कांग्रेस का गठबंधन बहुमत के साथ सरकार बनाता नजर आ रहा है।
हरियाणा में बीजेपी की हैट्रिक की तैयारी
हरियाणा में बीजेपी के लिए यह चुनाव एक बड़ी जीत साबित हो सकता है। सुबह 11:31 बजे तक के रुझानों के अनुसार, बीजेपी 50 सीटों पर आगे चल रही थी, जबकि कांग्रेस 34 सीटों पर थी। यह स्पष्ट संकेत है कि बीजेपी तीसरी बार हरियाणा में अपनी सरकार बना सकती है। बीजेपी की लगातार बढ़त ने विपक्ष को चौंका दिया है, खासकर कांग्रेस को, जिसे हरियाणा की सत्ता की उम्मीद थी।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा, जो इस चुनाव में अपनी पार्टी की जीत को लेकर आश्वस्त थे, अब कमजोर स्थिति में हैं। चुनावी रुझानों से ऐसा लग रहा है कि हरियाणा में कांग्रेस की सत्ता में वापसी की उम्मीदें धूमिल होती जा रही हैं। वहीं, आम आदमी पार्टी (AAP) और जननायक जनता पार्टी (JJP) के लिए यह चुनावी परिणाम निराशाजनक साबित हो रहे हैं। दोनों पार्टियां एक भी सीट पर बढ़त नहीं बना पाई हैं, और उनका खाता अब तक खुला नहीं है।
बीजेपी के नेता और सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने चुनावी रुझानों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जनता ने हरियाणा में बीजेपी को ऐतिहासिक जनादेश देने का मन बना लिया है। उन्होंने कहा कि अंतिम परिणाम का इंतजार जरूर करना चाहिए, लेकिन अब तक के रुझान बीजेपी के पक्ष में जा रहे हैं। बीजेपी को उम्मीद है कि वे तीसरी बार हरियाणा में अपनी सरकार बनाएंगे और जनता उनके काम को समर्थन दे रही है।
जम्मू-कश्मीर में NC-कांग्रेस गठबंधन की जीत
जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस का गठबंधन बहुमत की ओर बढ़ रहा है। 90 सीटों वाली विधानसभा में एनसी और कांग्रेस गठबंधन ने 50 से अधिक सीटों पर बढ़त बना ली है, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि राज्य में यह गठबंधन सरकार बनाएगा। इस चुनाव में बीजेपी ने भी मजबूत प्रदर्शन किया है और 26 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। जम्मू-कश्मीर में बीजेपी का यह प्रदर्शन एक महत्वपूर्ण संकेत है, जो राज्य की राजनीति में उनकी बढ़ती भूमिका को दर्शाता है।
जम्मू-कश्मीर के रुझानों में सबसे बड़ा झटका महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी को लगा है। पीडीपी केवल 4 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है, जो कि पार्टी के लिए एक बहुत बड़ा धक्का है। पीडीपी के कमजोर प्रदर्शन से यह साफ हो गया है कि राज्य की राजनीति में अब बदलाव की बयार चल रही है। महबूबा मुफ्ती की पीडीपी का यह कमजोर प्रदर्शन जम्मू-कश्मीर की राजनीति में नए गठबंधनों और समीकरणों की ओर इशारा कर रहा है।
वहीं, अन्य छोटे दल और निर्दलीय उम्मीदवार भी 8 सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं, जो राज्य की राजनीति में नए मोड़ का संकेत दे रहे हैं। इन निर्दलीय उम्मीदवारों और छोटे दलों का बढ़ता प्रभाव राज्य की राजनीति में नई चुनौतियों का संकेत दे सकता है।
एग्जिट पोल्स के अनुमान हुए गलत
हरियाणा के चुनाव परिणामों को लेकर एग्जिट पोल्स ने कांग्रेस की जीत का अनुमान लगाया था। अधिकांश सर्वेक्षणों में कांग्रेस को बहुमत के साथ सरकार बनाने की उम्मीद जताई गई थी, लेकिन अब तक के रुझानों से यह साफ है कि बीजेपी बहुमत के साथ सरकार बना रही है। यह चुनाव परिणाम न केवल कांग्रेस के लिए, बल्कि राजनीतिक विश्लेषकों के लिए भी एक बड़ा उलटफेर साबित हो रहा है। हरियाणा में बीजेपी की यह हैट्रिक निश्चित रूप से मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व और पार्टी की नीतियों की लोकप्रियता को दर्शाती है।
जम्मू-कश्मीर के लिए भी एग्जिट पोल्स ने एनसी और कांग्रेस गठबंधन की जीत की भविष्यवाणी की थी, और रुझानों से यह भविष्यवाणी सही साबित हो रही है। एनसी और कांग्रेस गठबंधन ने राज्य में बहुमत हासिल कर लिया है, जो राज्य की राजनीति में एक नए युग की शुरुआत कर सकता है। यह गठबंधन जम्मू-कश्मीर की राजनीति में एक स्थिर सरकार बनाने की ओर अग्रसर है, जबकि बीजेपी की भी मजबूत उपस्थिति बनी हुई है।
निष्कर्ष
चुनाव परिणाम 2024 ने भारतीय राजनीति में कुछ महत्वपूर्ण संदेश दिए हैं। हरियाणा में बीजेपी की तीसरी बार जीत इस बात का प्रमाण है कि राज्य में उनकी पकड़ मजबूत है और कांग्रेस को एक बार फिर से हार का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, जम्मू-कश्मीर में एनसी और कांग्रेस का गठबंधन बहुमत के साथ सरकार बना रहा है, जबकि बीजेपी ने भी अपनी स्थिति मजबूत की है।
महबूबा मुफ्ती की पीडीपी के कमजोर प्रदर्शन ने राज्य की राजनीति में एक नए दौर की शुरुआत का संकेत दिया है। राज्य की राजनीति में अब नए गठबंधनों और समीकरणों की संभावना बढ़ गई है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इन चुनाव परिणामों का प्रभाव दोनों राज्यों की राजनीति और आने वाले चुनावों पर किस प्रकार पड़ेगा।
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