सारांश : उत्तराखंड के अल्मोड़ा में एक बड़ा सड़क हादसा हुआ जिसमें यात्रियों से भरी बस खाई में गिर गई। इस दर्दनाक दुर्घटना में 38 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हादसे की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं और पीड़ितों के लिए मुआवजे की घोषणा की है। राहत और बचाव कार्य तेजी से जारी है।
उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के मार्चुला क्षेत्र में सोमवार को एक बड़ा सड़क हादसा हुआ, जिसमें यात्रियों से भरी बस खाई में गिर गई। यह बस नैनीडांडा के किनाथ से रामनगर की ओर जा रही थी और सारड बैंड के पास अचानक खाई में गिर गई। इस दुर्घटना के दौरान बस में 55 से अधिक यात्री सवार थे, जिसमें से 38 लोगों की जान चली गई, जबकि अन्य कई यात्री घायल हो गए। जैसे ही हादसे की जानकारी मिली, पुलिस और प्रशासन ने तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू किया।
घटनास्थल पर मची चीख-पुकार:
बस के खाई में गिरते ही मौके पर चीख-पुकार मच गई। कई यात्री खाई में गिरने के कारण मौके पर ही दम तोड़ बैठे, जबकि कुछ लोग बस से छिटककर नीचे जा गिरे। स्थानीय लोगों और बचे हुए घायलों ने खुद ही पुलिस और प्रशासन को हादसे की जानकारी दी, जिसके बाद राहत एवं बचाव कार्य तेज कर दिया गया। घटना की भयावहता इतनी थी कि वहां पहुंचे हर व्यक्ति का दिल दहल उठा। एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमों ने भी रेस्क्यू ऑपरेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
अस्पतालों में घायलों का उपचार जारी:
घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद स्थानीय अस्पतालों में भर्ती कराया गया। कुछ गंभीर रूप से घायल लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधाओं के लिए देहरादून के बड़े अस्पतालों में भेजने की तैयारी भी की जा रही है। राज्य सरकार ने गंभीर रूप से घायल यात्रियों के लिए एयरलिफ्ट की सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं ताकि उनका उपचार शीघ्र शुरू किया जा सके और उनकी जान बचाई जा सके।
बस में ओवरलोडिंग बनी हादसे का कारण:
इस दुर्घटना के बाद यह जानकारी सामने आई है कि 40 सीटर बस में 55 से अधिक यात्री सवार थे। इस ओवरलोडिंग ने भी दुर्घटना को गंभीर बना दिया, जिससे हादसे की गंभीरता में इजाफा हुआ। आपदा प्रबंधन अधिकारी विनीत पाल ने बताया कि मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है, क्योंकि कई यात्री अब भी गंभीर रूप से घायल हैं। यह हादसा राज्य में यातायात सुरक्षा और नियमों के पालन पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
मुख्यमंत्री ने की मुआवजे की घोषणा:
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया है और प्रभावित परिवारों के लिए मुआवजे की घोषणा की है। उन्होंने मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये और घायलों को 1-1 लाख रुपये की सहायता राशि देने का ऐलान किया है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने पौड़ी और अल्मोड़ा के संबंधित क्षेत्र के एआरटीओ (प्रवर्तन) को निलंबित करने का आदेश दिया है। उन्होंने घटना की मजिस्ट्रेट जांच के निर्देश दिए हैं ताकि इस दुर्घटना के कारणों का पता लगाया जा सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
रेस्क्यू ऑपरेशन की देखरेख:
इस हादसे के बाद प्रशासन ने रेस्क्यू ऑपरेशन की निगरानी के लिए देहरादून के डीएम को विशेष रूप से घटनास्थल पर भेजा है। वहां एसडीआरएफ के साथ एनडीआरएफ की टीम भी बचाव कार्य में जुटी हुई है। मुख्यमंत्री ने सचिव आपदा प्रबंधन, आयुक्त कुमाऊं मंडल, और डीएम अल्मोड़ा से भी फोन पर चर्चा की और बचाव कार्य को तेज करने के निर्देश दिए। हादसे की भयावहता को देखते हुए हर संभव प्रयास किया जा रहा है कि अधिक से अधिक घायलों को तत्काल चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई जाए।
परिवहन नियमों पर कठोरता का निर्देश:
इस हादसे के बाद मुख्यमंत्री धामी ने राज्य के सभी परिवहन अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि यातायात सुरक्षा के नियमों का सख्ती से पालन किया जाए। बसों में ओवरलोडिंग पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया जाए और बसों की नियमित जांच की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। साथ ही, बस चालकों को भी निर्देश दिए जाएं कि वह यातायात के नियमों का पूरी तरह पालन करें ताकि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
जनता में गहरी नाराजगी और शोक:
इस हादसे से जनता में गहरी नाराजगी और शोक व्याप्त है। लोगों का कहना है कि यातायात नियमों की अनदेखी और प्रशासनिक लापरवाही ने इस दर्दनाक हादसे को और गंभीर बना दिया। प्रशासन को सख्ती से इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। राज्य सरकार से उम्मीद की जा रही है कि वह इस हादसे से सीख लेकर यातायात व्यवस्था में सुधार करेगी और यात्रियों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाएगी।
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