सारांश : महाराष्ट्र चुनाव 2024 के बीच उद्धव ठाकरे ने बीजेपी से दोबारा गठबंधन की संभावनाओं पर पूर्ण विराम लगा दिया है। उन्होंने साफ कहा कि जो पार्टी उनकी पार्टी को तोड़ने और उनके परिवार को बदनाम करने की कोशिश कर रही है, वह उसके साथ कभी नहीं जाएंगे। बीजेपी पर सत्ता के लिए 'जिहाद' करने का आरोप लगाते हुए ठाकरे ने कहा कि वह ऐसे लोगों का समर्थन नहीं करेंगे जो महाराष्ट्र को लूटने वालों का साथ दे रहे हैं।

Maharashtra Election 2024 : Uddhav Thackeray का BJP के साथ जाने से इनकार, बोले- 'धोखा देने वालों का साथ नहीं दूंगा'


महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के करीब आते ही राज्य की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। शिवसेना (उद्धव बाला ठाकरे) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बीजेपी के साथ भविष्य में गठबंधन को लेकर अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। ठाकरे ने कहा कि किसी भी स्थिति में वह बीजेपी के साथ वापस नहीं जाएंगे। उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाया कि उसने न केवल उनकी पार्टी को तोड़ने की कोशिश की है, बल्कि उनके परिवार और खुद उनके खिलाफ भी अपमानजनक बातें कहीं हैं।


'बीजेपी ने पहले मुझे छोड़ा'

उद्धव ठाकरे ने अपनी पुरानी यादों को ताजा करते हुए कहा कि 2014 में बीजेपी ने ही उनका साथ छोड़ दिया था। उस समय भी वह हिंदुत्व का पालन कर रहे थे, लेकिन बीजेपी ने धोखा देकर उन्हें अलग कर दिया। उन्होंने 2019 में भी बीजेपी पर उन्हें फंसाने का आरोप लगाया और कहा कि बीजेपी के बार-बार पाला बदलने की प्रवृत्ति को देखते हुए उन्होंने फैसला किया कि वह अब किसी भी कीमत पर बीजेपी के साथ नहीं जाएंगे। ठाकरे ने यह भी कहा कि वह अपनी विचारधारा पर अडिग हैं और बीजेपी द्वारा किए गए धोखे को भूल नहीं सकते।


'बीजेपी करती है सत्ता जिहाद'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लगाए गए 'वोट जिहाद' के आरोप पर उद्धव ठाकरे ने पलटवार करते हुए बीजेपी पर 'सत्ता जिहाद' का आरोप लगाया। ठाकरे का कहना था कि बीजेपी सत्ता के लिए किसी भी हद तक जा सकती है और इसे उन्होंने 'कुर्सी जिहाद' का नाम दिया। ठाकरे ने यह भी कहा कि आज जो भी बीजेपी है, उसमें उनके पिता बाला साहेब ठाकरे का बड़ा योगदान है। ठाकरे का मानना है कि बाला साहेब द्वारा बनाए गए रास्ते पर बीजेपी चल रही है और वही लोग अब सत्ता के लिए उनके परिवार के खिलाफ षड्यंत्र रच रहे हैं।


'गद्दारी का बदला नहीं देंगे समर्थन'

उद्धव ठाकरे ने यह भी सवाल उठाया कि जब बीजेपी ने उन्हें मुख्यमंत्री बनाकर पीछे से धोखा दिया, तो अब बीजेपी को किस बात की परेशानी हो रही है? उन्होंने कहा कि उनके पिता ने बीजेपी को पहचान दी, फिर उनके बेटे के मुख्यमंत्री बनने से बीजेपी को इतनी आपत्ति क्यों है? उन्होंने कहा कि बीजेपी उनके पिता के नाम पर वोट मांग रही है, लेकिन अब उसी के खिलाफ जाकर उनकी पार्टी को कमजोर करने की कोशिश कर रही है। ठाकरे ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि वह सत्ता के लिए उनके परिवार के योगदान को नजरअंदाज कर रही है।


'अमित ठाकरे को समर्थन न देने का कारण'

राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे के चुनाव में भाग लेने पर उद्धव ठाकरे ने खुलकर अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि पहले जब आदित्य ठाकरे चुनाव में आए थे, तब राज ठाकरे ने उनके खिलाफ उम्मीदवार नहीं उतारा था। हालांकि, इस बार उन्होंने अमित ठाकरे को समर्थन न देने का निर्णय लिया। उद्धव ठाकरे ने कहा कि राज ठाकरे की राजनीतिक भूमिका को देखते हुए उन्होंने यह फैसला किया है। उनका कहना है कि जो लोग महाराष्ट्र के हितों के खिलाफ हैं, उनके साथ वह किसी भी कीमत पर खड़े नहीं होंगे।


'परिवार और सम्मान का सवाल'

बीजेपी पर आरोपों की झड़ी लगाते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि बीजेपी ने उनके परिवार को बदनाम करने का कोई मौका नहीं छोड़ा। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी ने उनके बेटे आदित्य ठाकरे को भी गलत आरोपों में घेरने की कोशिश की। ठाकरे ने सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब उस पार्टी के साथ हाथ मिलाएंगे जिसे बीजेपी ने खुद 'नकली' कहकर बदनाम किया है?


उद्धव ठाकरे का कहना है कि बीजेपी ने उनके माता-पिता का भी अपमान किया है। उन्होंने अपने परिवार और पार्टी के सम्मान के लिए बीजेपी से दूरी बनाए रखने का फैसला किया है। ठाकरे ने कहा कि अब वह किसी भी परिस्थिति में बीजेपी के साथ नहीं जाएंगे, चाहे राजनीतिक स्थिति कुछ भी हो।


बीजेपी के खिलाफ अडिग रुख

उद्धव ठाकरे के इस बयान से साफ है कि महाराष्ट्र की राजनीति में शिवसेना (उद्धव बाला ठाकरे) और बीजेपी के बीच की खाई गहरी हो गई है। ठाकरे का यह रुख न केवल उनके व्यक्तिगत आक्रोश को दर्शाता है बल्कि राज्य की राजनीति में उनके अडिग रुख को भी प्रकट करता है। ठाकरे का मानना है कि बीजेपी के साथ जाना उनकी विचारधारा के खिलाफ होगा और वह किसी भी कीमत पर अपनी विचारधारा से समझौता नहीं करेंगे।


महाराष्ट्र चुनाव में बढ़ता तनाव

महाराष्ट्र चुनाव 2024 में यह बयान राजनीतिक गर्मी को और बढ़ा सकता है। बीजेपी और शिवसेना (यूबीटी) के बीच इस तीखे टकराव के कारण चुनावी समीकरणों में बदलाव की संभावना है। ठाकरे के इस बयान से यह स्पष्ट है कि वह महाराष्ट्र में अपनी अलग पहचान बनाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं और बीजेपी से दोबारा कोई तालमेल करने का इरादा नहीं रखते।


निष्कर्ष

उद्धव ठाकरे का यह बयान महाराष्ट्र चुनाव 2024 के परिप्रेक्ष्य में महत्वपूर्ण है। इस बयान से उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं और उनके समर्थकों में एक संदेश गया है कि वह अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं करेंगे। ठाकरे का कहना है कि बीजेपी के साथ उनके रिश्ते में अब कोई गुंजाइश नहीं बची है और उन्होंने इस अध्याय को हमेशा के लिए बंद कर दिया है। यह साफ है कि महाराष्ट्र की राजनीति में आने वाले समय में शिवसेना (यूबीटी) और बीजेपी के बीच यह दरार और भी बढ़ सकती है।

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