सारांश : संसद के शीतकालीन सत्र का पहला दिन विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ गया। राहुल गांधी ने अदाणी समूह के खिलाफ जांच और गिरफ्तारी की मांग की, वहीं समाजवादी पार्टी ने संभल की घटना को उठाया। विपक्ष के तीखे सवालों के बीच सदन की कार्यवाही बार-बार स्थगित करनी पड़ी।
शीतकालीन सत्र का आगाज़:
2024 का शीतकालीन सत्र सोमवार को शुरू हुआ, लेकिन पहले ही दिन से संसद में हंगामा छाया रहा। विपक्षी दलों ने अदाणी समूह के विवाद और संभल में हुई हिंसक घटना को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश की। कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी और हंगामा करना शुरू कर दिया।
संविधान दिवस का विशेष आयोजन:
26 नवंबर को संविधान दिवस के अवसर पर संसद में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में संविधान की महत्ता और इसके संरक्षण पर चर्चा की गई। हालांकि, इस आयोजन के कारण उस दिन नियमित कार्यवाही नहीं हो पाई।
अदाणी विवाद पर राहुल गांधी का हमला:
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने संसद में अदाणी समूह पर तीखे आरोप लगाए। उन्होंने अदाणी समूह पर भ्रष्टाचार और आर्थिक अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए कहा कि "देश के संसाधनों का दुरुपयोग किया जा रहा है।" राहुल गांधी ने अदाणी की गिरफ्तारी और निष्पक्ष जांच की मांग की। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार उद्योगपतियों को बचाने में लगी हुई है।
संभल की घटना पर सपा का विरोध:
समाजवादी पार्टी (सपा) ने संभल में हुई हिंसा और सुरक्षा में चूक को लेकर सरकार को घेरा। सपा सांसदों ने इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की और कहा कि यह घटना सरकार की असफलता को दर्शाती है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार जनता के मुद्दों को नजरअंदाज कर रही है।
विपक्ष के हंगामे के कारण कार्यवाही स्थगित:
मंगलवार को सुबह 11 बजे जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई, विपक्षी सांसदों ने अदाणी और संभल के मुद्दे पर नारेबाजी शुरू कर दी। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी सांसदों से शांति बनाए रखने और प्रश्नकाल को सुचारू रूप से चलने देने की अपील की। उन्होंने कहा, "प्रश्नकाल सभी के लिए महत्वपूर्ण है। सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए समय दिया जाएगा।" लेकिन विपक्ष के हंगामे के कारण कार्यवाही को कई बार स्थगित करना पड़ा।
विपक्ष का संगठित विरोध:
कांग्रेस, सपा और अन्य विपक्षी दलों ने संसद के अंदर और बाहर सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है। विपक्ष का कहना है कि अदाणी विवाद और संभल घटना पर जवाबदेही तय होने तक संसद की कार्यवाही नहीं चलने दी जाएगी।
सरकार का जवाब:
सरकार ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वह हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि विपक्ष जानबूझकर संसद की कार्यवाही बाधित कर रहा है। उन्होंने कहा, "हम लोकतांत्रिक प्रक्रिया का सम्मान करते हैं, लेकिन विपक्ष को भी जिम्मेदारी से व्यवहार करना चाहिए।"
राजनीतिक तनाव का माहौल:
संसद का शीतकालीन सत्र विपक्ष और सरकार के बीच टकराव का गवाह बन रहा है। जहां एक ओर विपक्ष अदाणी विवाद और संभल घटना पर सरकार को घेर रहा है, वहीं सरकार अपनी नीतियों और फैसलों का बचाव कर रही है।
भविष्य की चुनौतियां:
विशेषज्ञों का मानना है कि शीतकालीन सत्र में अदाणी विवाद, संभल घटना और अन्य मुद्दों पर सरकार और विपक्ष के बीच तीखा टकराव देखने को मिलेगा। यह सत्र भारतीय राजनीति के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।
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