सारांश: सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को झारखंड में दर्ज मानहानि मामले में अंतरिम राहत दी है। अदालत ने ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगाते हुए झारखंड सरकार और शिकायतकर्ता बीजेपी कार्यकर्ता नवीन झा को नोटिस जारी किया है। मामला 2018 में अमित शाह के खिलाफ दिए गए बयान से जुड़ा है। राहुल गांधी ने झारखंड हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी।


राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से राहत: मानहानि मामले में ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर अंतरिम रोक

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मानहानि मामले में सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को झारखंड में दर्ज इस मामले में ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगाते हुए अगले आदेश तक कार्रवाई स्थगित कर दी। यह मामला केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ राहुल गांधी द्वारा 2018 में दिए गए बयान से जुड़ा है।


सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप

सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई करते हुए झारखंड सरकार और शिकायतकर्ता नवीन झा को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने उनसे इस मामले में जवाब मांगा है। राहुल गांधी की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट को बताया कि यह शिकायत एक तीसरे पक्ष द्वारा दर्ज कराई गई है, जो कानूनी दृष्टि से मान्य नहीं है।


क्या है मामला?

बीजेपी कार्यकर्ता नवीन झा ने राहुल गांधी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि गांधी ने 18 मार्च 2018 को अपने भाषण में बीजेपी और अमित शाह पर अपमानजनक टिप्पणी की थी। झा ने कहा कि गांधी ने अमित शाह पर हत्या के मामलों में शामिल होने का आरोप लगाया।


शुरुआत में रांची की मजिस्ट्रेट अदालत ने शिकायत को खारिज कर दिया था। लेकिन नवीन झा ने इस फैसले को रांची के न्यायिक आयुक्त के सामने चुनौती दी। 15 सितंबर 2018 को न्यायिक आयुक्त ने इस मामले को मजिस्ट्रेट कोर्ट में फिर से जांच के लिए भेज दिया।


ट्रायल कोर्ट और हाई कोर्ट का रुख

न्यायिक आयुक्त के निर्देश के बाद, मजिस्ट्रेट कोर्ट ने 28 नवंबर 2018 को राहुल गांधी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 500 के तहत प्रथम दृष्टया मामला पाया। इसके बाद राहुल गांधी को समन जारी किया गया।


राहुल गांधी ने इसके खिलाफ झारखंड हाई कोर्ट में अपील की। लेकिन हाई कोर्ट ने 22 फरवरी 2024 को उनकी याचिका खारिज कर दी। हाई कोर्ट ने पाया कि गांधी के बयान प्रथम दृष्टया अपमानजनक हैं और उन्हें धारा 499 और 500 के तहत मानहानि का मामला बनाया जा सकता है।


सुप्रीम कोर्ट में अपील

हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट ने मामले को सुनवाई के लिए स्वीकार करते हुए ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगा दी। साथ ही झारखंड सरकार और शिकायतकर्ता को नोटिस जारी कर याचिका पर जवाब मांगा है।


कानूनी प्रश्न

राहुल गांधी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट के समक्ष यह सवाल उठाया कि मानहानि का मामला केवल पीड़ित व्यक्ति द्वारा दायर किया जा सकता है। उन्होंने पूछा कि क्या किसी तीसरे पक्ष को इस तरह का मामला दर्ज करने का अधिकार है?


क्या आगे होगा?

सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई तक ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही स्थगित रहेगी। इस दौरान झारखंड सरकार और शिकायतकर्ता से उनके जवाब का इंतजार किया जाएगा। यह मामला राजनीतिक और कानूनी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण बन गया है, क्योंकि यह एक बड़े राजनीतिक नेता के बयान और उसकी कानूनी सीमा का परीक्षण करता है।

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