सारांश: हिमाचल प्रदेश में पिछले तीन दिनों से लगातार भारी बारिश और बर्फबारी से जनजीवन प्रभावित हो गया है। कुल्लू और कांगड़ा में बादल फटने जैसे हालात बन गए हैं, जिससे बाढ़ आई और कई वाहन बह गए। लाहौल-स्पीति, चंबा और किन्नौर में भारी बर्फबारी के कारण सड़कें बंद हो गई हैं। भुंतर सब्जी मंडी जलमग्न हो गई है, जबकि कई इलाकों में स्कूल बंद कर दिए गए हैं। मौसम विभाग ने कुछ जिलों में भारी बारिश और बर्फबारी को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।


हिमाचल में कुदरत का कहर: कुल्लू और कांगड़ा में बादल फटने से बाढ़, बर्फबारी से कई इलाके ठप


हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और बर्फबारी से हाहाकार


हिमाचल प्रदेश में बीते तीन दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश और बर्फबारी ने आम जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। खासकर ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी और निचले क्षेत्रों में मूसलाधार बारिश से सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं। कुल्लू और कांगड़ा जिलों में बादल फटने जैसी स्थिति बनी हुई है, जिससे नदी-नाले उफान पर हैं और कई वाहन बाढ़ की चपेट में आ गए हैं।


बादल फटने से कुल्लू-कांगड़ा में भारी तबाही


कुल्लू और कांगड़ा जिलों में बादल फटने जैसी स्थिति उत्पन्न हुई है, जिससे भारी नुकसान की खबरें आ रही हैं। कुल्लू में भारी बारिश के कारण भुंतर सब्जी मंडी पूरी तरह जलमग्न हो गई, जिससे व्यापारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा। भुतनाथ पुल के पास कुछ वाहन नाले में बह गए, जबकि लारजी डैम और बरोट डैम के गेट खोलने पड़े। बड़ा बंगाल क्षेत्र में बादल फटने से भी कई गाड़ियां बहने की खबर है।


भारी बारिश से जनजीवन प्रभावित, कई सड़कें बंद


प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी और निचले इलाकों में बारिश के कारण लाहौल-स्पीति, चंबा, किन्नौर और कुल्लू जिलों में सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं। इससे इन क्षेत्रों का अन्य हिस्सों से संपर्क कट गया है। कुल्लू और मंडी जिलों में नदी-नाले उफान पर हैं, जिससे यातायात प्रभावित हुआ है। कई इलाकों में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए प्रशासन द्वारा राहत कार्य चलाया जा रहा है।


किन इलाकों में हुई कितनी बारिश और बर्फबारी?


मौसम विभाग के अनुसार, कुल्लू के सेऊबाग में 116.6 मिमी, भुंतर में 113.2 मिमी, बंजार में 112.4 मिमी बारिश दर्ज की गई है। मंडी के जोगिंदरनगर में 112.0 मिमी, चंबा के सलूणी में 109.3 मिमी, पालमपुर में 99.2 मिमी और शिमला के रामपुर में 95.6 मिमी बारिश हुई है।


वहीं, बर्फबारी की बात करें तो मनाली के कोठी में 5 फीट (130 सेंटीमीटर), खदराला में 115 सेंटीमीटर, केलांग में 75 सेंटीमीटर, कल्पा में 46 सेंटीमीटर, कुकुम सेरी में 38.8 सेंटीमीटर और सांगला में 23.5 सेंटीमीटर बर्फबारी दर्ज की गई है।


स्कूलों में अवकाश घोषित


भारी बारिश और बर्फबारी को देखते हुए प्रशासन ने कुल्लू, चंबा, किन्नौर और लाहौल-स्पीति जिलों के सभी सरकारी और निजी स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया है। HP, ICSE और CBSE बोर्ड के तहत संचालित स्कूल भी बंद रहेंगे। हालांकि, जिन स्कूलों में बोर्ड परीक्षाएं चल रही हैं, वहां परीक्षाएं तय समय पर ही होंगी।


रोहतांग दर्रा में तीन फीट से अधिक बर्फबारी


लाहौल-स्पीति के कई इलाकों में तीन फीट से ज्यादा बर्फ गिर चुकी है। रोहतांग दर्रा में चार फीट से अधिक बर्फबारी दर्ज की गई है। कोकसर और अटल टनल के नॉर्थ पोर्टल पर ढाई फीट, जबकि साउथ पोर्टल पर दो फीट बर्फ गिरी है। पांगी क्षेत्र में भी डेढ़ फीट तक बर्फबारी हो चुकी है। बर्फबारी के चलते प्रदेश में 250 से अधिक सड़कें और 350 से ज्यादा बिजली ट्रांसफार्मर ठप हो गए हैं।


मौसम विभाग का अलर्ट


मौसम विज्ञान केंद्र, शिमला के वैज्ञानिक संदीप शर्मा ने बताया कि किन्नौर और लाहौल-स्पीति में भारी बर्फबारी के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, मंडी, शिमला, कांगड़ा, कुल्लू और सिरमौर जिलों में बारिश की चेतावनी दी गई है। हालांकि, आगामी दिनों में पश्चिमी विक्षोभ कमजोर पड़ सकता है, लेकिन 3 मार्च को एक बार फिर भारी बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई गई है।


पर्यटन और खेती पर असर


भारी बर्फबारी के कारण प्रदेश में पर्यटन गतिविधियां प्रभावित हुई हैं। मनाली, रोहतांग और किन्नौर जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों तक पहुंचना मुश्किल हो गया है, जिससे होटल व्यवसायियों और टूर ऑपरेटर्स को नुकसान उठाना पड़ रहा है। वहीं, बागवानों और किसानों के लिए यह बर्फबारी किसी वरदान से कम नहीं है, क्योंकि इससे फसलों और बागवानी को फायदा होने की उम्मीद है।

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