सारांश : शुक्रवार सुबह नेपाल, भारत, तिब्बत और पाकिस्तान में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। नेपाल में 6.1 तीव्रता के भूकंप ने लोगों को घरों से बाहर निकलने पर मजबूर कर दिया। भारत के बिहार और सिलीगुड़ी में भी कंपन दर्ज किए गए, वहीं पाकिस्तान में 4.5 तीव्रता का भूकंप आया। फिलहाल किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है, लेकिन विशेषज्ञ आफ्टरशॉक्स की चेतावनी दे रहे हैं।
नेपाल में तेज भूकंप से दहशत
नेपाल में शुक्रवार सुबह 6.1 तीव्रता का भूकंप आया, जिससे पूरे देश में हड़कंप मच गया। राष्ट्रीय भूकंप निगरानी और अनुसंधान केंद्र के अनुसार, भूकंप का केंद्र काठमांडू से लगभग 65 किलोमीटर पूर्व में सिंधुपालचौक जिले के भैरवकुंडा क्षेत्र में था। भूकंप स्थानीय समयानुसार सुबह 2:51 बजे आया, जिससे राजधानी काठमांडू सहित मध्य और पूर्वी नेपाल में दहशत फैल गई।
भूकंप के झटके महसूस होते ही घबराए लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। हालांकि, अब तक किसी बड़े जान-माल के नुकसान की कोई सूचना नहीं मिली है। सरकार और आपदा प्रबंधन एजेंसियां स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।
भारत और तिब्बत में भी महसूस हुए झटके
नेपाल में आए भूकंप का असर भारत और तिब्बत में भी देखने को मिला। बिहार, सिलीगुड़ी और अन्य पड़ोसी राज्यों में भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिससे लोग रात के समय घरों से बाहर आ गए। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में पटना में इमारतों के हिलने और छत के पंखों के झूलने के दृश्य सामने आए हैं।
तिब्बत के सीमावर्ती क्षेत्रों में भी कंपन महसूस किया गया। हालांकि, इन इलाकों से अब तक किसी भी तरह की क्षति की कोई सूचना नहीं है। स्थानीय प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
पाकिस्तान में भी आया भूकंप
नेपाल और भारत के बाद, पाकिस्तान में भी शुक्रवार सुबह 5:14 बजे भूकंप आया। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.5 मापी गई। भूकंप के झटके इस्लामाबाद समेत कई शहरों में महसूस किए गए। हालांकि, वहां से भी किसी जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है। विशेषज्ञों का कहना है कि नेपाल और पाकिस्तान में भूकंप आने के पीछे एक ही टेक्टोनिक प्लेट की हलचल हो सकती है।
नेपाल में भूकंप का इतिहास और खतरा
नेपाल भूकंपीय दृष्टि से दुनिया के सबसे संवेदनशील देशों में से एक है। यहां अक्सर भूकंप आते रहते हैं। 2015 में आए 7.8 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप में 9,000 से अधिक लोग मारे गए थे और लाखों इमारतें क्षतिग्रस्त हो गई थीं। इस बार का भूकंप उस स्तर का नहीं था, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि नेपाल के लिए यह एक चेतावनी हो सकती है।
अधिकारियों ने दी सतर्क रहने की सलाह
भूकंप के बाद नेपाल, भारत और पाकिस्तान में लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। वैज्ञानिकों के अनुसार, भूकंप के बाद आफ्टरशॉक्स आ सकते हैं, जो और भी खतरनाक हो सकते हैं। नेपाल की आपदा प्रबंधन एजेंसियां स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और संभावित आफ्टरशॉक्स के मद्देनजर बचाव दलों को सतर्क कर दिया गया है।
जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंस के अनुसार, भूकंप की तीव्रता 5.6 भी हो सकती है और इसका केंद्र 10 किमी की गहराई में था। इस कारण इसके प्रभाव दूर-दूर तक महसूस किए गए।
निष्कर्ष:
नेपाल, भारत, तिब्बत और पाकिस्तान में आए भूकंप ने एक बार फिर इस क्षेत्र की भूकंपीय संवेदनशीलता को उजागर कर दिया है। फिलहाल जान-माल की क्षति नहीं हुई है, लेकिन लोगों में डर का माहौल है। विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में आफ्टरशॉक्स महसूस किए जा सकते हैं, जिससे और सतर्क रहने की जरूरत है। सरकारें और स्थानीय प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और नागरिकों को सुरक्षित रहने की सलाह दी गई है।
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