सारांश : दिल्ली की राजनीति में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। नई दिल्ली विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को हराने वाले प्रवेश वर्मा को दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के बीच उनके नाम पर सहमति बन गई है। चुनावी जीत के बाद वर्मा ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी, जिसके बाद उनके नाम की संभावनाएं और मजबूत हो गई हैं।


Parvesh Verma बन सकते हैं Delhi के नए CM, BJP और RSS में बनी सहमति


बीजेपी ने तय किया दिल्ली का नया नेतृत्व

दिल्ली में बीजेपी का मुख्यमंत्री चेहरा लगभग तय हो चुका है। पार्टी और आरएसएस के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, प्रवेश वर्मा को राजधानी की कमान सौंपी जा सकती है। नई दिल्ली सीट से अरविंद केजरीवाल को हराने के बाद वर्मा मुख्यमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार बनकर उभरे हैं। उनकी राजनीतिक रणनीति और संगठन में पकड़ को देखते हुए बीजेपी नेतृत्व ने उनके नाम पर मुहर लगाने का मन बना लिया है।


केजरीवाल को हराने का मिला इनाम

सूत्रों के अनुसार, प्रवेश वर्मा की जीत को बीजेपी में एक बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है। अरविंद केजरीवाल को चुनाव में हराने की वजह से पार्टी उन्हें मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंप सकती है। आरएसएस के अंदर भी इस पर आम सहमति बन चुकी है। बीजेपी की रणनीति के तहत वर्मा को आगे कर पार्टी दिल्ली में अपने आधार को मजबूत करना चाहती है।


दिल्ली की राजनीति में ‘जायंट किलर’ के रूप में उभरे

दिल्ली की राजनीति में प्रवेश वर्मा ने अपनी अलग पहचान बनाई है। उन्होंने चुनाव में यमुना सफाई जैसे स्थानीय मुद्दों को प्रमुखता से उठाया और केजरीवाल सरकार पर जमकर निशाना साधा। चुनाव अभियान के दौरान उन्होंने अपनी रणनीति से विपक्ष को घेरते हुए जनता को अपने पक्ष में किया। बीजेपी की प्रत्याशी सूची घोषित होने से पहले ही उन्होंने अपनी तैयारियां शुरू कर दी थीं, जिसका उन्हें पूरा लाभ मिला।


अमित शाह से मुलाकात के बाद बढ़ी संभावनाएं

दिल्ली चुनाव के नतीजों के तुरंत बाद प्रवेश वर्मा ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, इस मुलाकात के बाद ही उनके नाम को लेकर चर्चा तेज हो गई थी। बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने उनकी जीत को संगठन की एक बड़ी उपलब्धि माना और उन्हें आगे बढ़ाने का फैसला किया।


नई दिल्ली सीट पर वर्मा की जीत का विश्लेषण

चुनाव नतीजों के मुताबिक, नई दिल्ली विधानसभा सीट पर प्रवेश वर्मा को कुल 30,088 वोट मिले, जो कुल वोट शेयर का 48.82% था। वहीं, अरविंद केजरीवाल को 25,999 वोट मिले और उनका वोट शेयर 42.18% रहा।

ईवीएम वोटिंग में वर्मा को 29,878 वोट, जबकि पोस्टल बैलेट से 210 वोट मिले। दूसरी ओर, केजरीवाल को ईवीएम से 25,865 वोट और पोस्टल बैलेट से 134 वोट मिले। इस प्रकार, प्रवेश वर्मा ने 4,089 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की।


वर्मा की जीत और भविष्य की रणनीति

प्रवेश वर्मा की जीत को दिल्ली में बीजेपी की नई रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। पार्टी नेतृत्व उन्हें मुख्यमंत्री बनाकर 2025 के विधानसभा चुनावों की तैयारी करना चाहता है। उनका प्रशासनिक अनुभव और जमीनी पकड़ बीजेपी के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है।


निष्कर्ष

दिल्ली की राजनीति में बड़ा बदलाव होने वाला है। बीजेपी और आरएसएस के बीच बनी सहमति के बाद प्रवेश वर्मा के नाम की आधिकारिक घोषणा कभी भी हो सकती है। उनकी जीत न केवल व्यक्तिगत सफलता है, बल्कि दिल्ली में बीजेपी के बढ़ते प्रभाव को भी दर्शाती है। अब देखना यह होगा कि वह मुख्यमंत्री के रूप में राजधानी की राजनीति को किस दिशा में लेकर जाते हैं।

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