सारांश : बुधवार को घरेलू शेयर बाजार ने शुरुआती बढ़त के बाद गिरावट दर्ज की। सेंसेक्स ऊपरी स्तरों से 700 अंक फिसलकर 75,781.81 पर आ गया, जबकि निफ्टी 22,900 के नीचे चला गया। मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी गिरावट देखी गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे के दौरान हुए समझौतों से बाजार ने शुरुआत में सकारात्मक प्रतिक्रिया दी थी, लेकिन बाद में बिकवाली हावी हो गई।



Stock Market में उतार-चढ़ाव: शुरुआती बढ़त के बाद गिरावट, Sensex 700 अंक टूटा, Nifty 22,900 से नीचे


बाजार की शुरुआत सकारात्मक, लेकिन बिकवाली के दबाव में गिरावट

बुधवार को भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत मजबूती के साथ हुई। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 344 अंक की तेजी के साथ 76,483.06 तक पहुंच गया था, जबकि निफ्टी 23,133.70 अंक तक चढ़ा। लेकिन दोपहर बाद बिकवाली बढ़ने से बाजार में गिरावट आई। सुबह 11:14 बजे सेंसेक्स 357 अंक लुढ़ककर 75,781.81 पर और निफ्टी 135 अंक गिरकर 22,895.65 पर आ गया।


मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी गिरावट

बाजार में बड़ी कंपनियों के साथ-साथ मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी गिरावट देखी गई। दोनों ही इंडेक्स में करीब 2% तक की गिरावट रही। इससे निवेशकों को भारी नुकसान हुआ और बाजार की धारणा कमजोर हुई।


अमेरिका-भारत समझौतों का शुरुआती असर, लेकिन बाद में बिकवाली हावी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे के दौरान हुए समझौतों का सकारात्मक असर बाजार पर दिखा। निवेशकों ने शुरुआत में इस खबर को अच्छे संकेत के रूप में लिया, लेकिन दिन के दूसरे हिस्से में मुनाफावसूली और वैश्विक दबाव के चलते बाजार में गिरावट आई।


विदेशी निवेशकों की बिकवाली ने बढ़ाई गिरावट

बाजार के गिरने की एक बड़ी वजह विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की भारी बिकवाली रही। बीते दिन एफआईआई ने 2,789.91 करोड़ रुपये के शेयर बेच दिए। इससे बाजार में बिकवाली का दबाव बढ़ा और नकारात्मक रुख दिखा।


सेंसेक्स के 30 शेयरों का प्रदर्शन

बढ़त वाले शेयर: आईटीसी, टाटा मोटर्स, एचडीएफसी बैंक, भारती एयरटेल जैसे कुछ शेयरों में खरीदारी देखी गई।

गिरावट वाले शेयर: रिलायंस इंडस्ट्रीज, टाइटन, मारुति, टीसीएस और एशियन पेंट्स जैसी कंपनियों में गिरावट रही।


निफ्टी के टॉप गेनर्स और लूजर्स

टॉप गेनर्स: टाटा मोटर्स, एचडीएफसी बैंक, भारती एयरटेल

टॉप लूजर्स: रिलायंस, मारुति, टाइटन, एशियन पेंट्स


रुपये में हल्की मजबूती, लेकिन डॉलर के मुकाबले कमजोर स्थिति बरकरार

अमेरिकी मुद्रा में कमजोरी और घरेलू बाजार में सकारात्मक रुख के चलते रुपये में मामूली बढ़त देखी गई। शुक्रवार को रुपया 8 पैसे मजबूत होकर 86.85 पर पहुंच गया। हालांकि, डॉलर के मुकाबले यह अब भी दबाव में बना हुआ है।


क्या निवेशकों को अब सतर्क रहना चाहिए?

विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार में उतार-चढ़ाव जारी रहेगा। वैश्विक कारकों, विदेशी निवेशकों की गतिविधियों और घरेलू आर्थिक संकेतकों को ध्यान में रखते हुए निवेशकों को सतर्क रहने की जरूरत है।



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