सारांश : रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच तनाव एक बार फिर बढ़ गया है। अमेरिका द्वारा B-52 बॉम्बर भेजे जाने के जवाब में रूस ने परमाणु क्षमता से लैस Tu-95MS बॉम्बर तैनात किए, जिससे नाटो में हड़कंप मच गया। रूस ने यूक्रेन पर भीषण हवाई हमला किया, जिससे यूरोप में दहशत का माहौल है। इस बीच, यूक्रेनी राष्ट्रपति ने पुतिन की अगली रणनीति को लेकर चेतावनी दी है।
अमेरिका-रूस की नई टकराहट से बढ़ा यूरोप में तनाव
रूस-यूक्रेन युद्ध अपने तीसरे वर्ष में प्रवेश कर चुका है, लेकिन संघर्ष खत्म होने के बजाय और गंभीर होता जा रहा है। अमेरिका द्वारा रूस की सीमा के पास B-52 बॉम्बर उड़ाने के जवाब में रूस ने परमाणु क्षमता से लैस Tu-95MS बॉम्बर तैनात कर दिए, जिससे नाटो देशों में हड़कंप मच गया।
रूस ने इस जवाबी कार्रवाई के तहत यूक्रेन पर भीषण हवाई हमला कर दिया, जिससे राजधानी कीव समेत कई शहरों में धमाकों की आवाजें गूंज उठीं। यह हमला तब हुआ जब अमेरिका ने एस्टोनिया के स्वतंत्रता दिवस के दिन रूसी सीमा से महज 80 किमी दूर अपने बॉम्बर उड़ाए थे। रूस की इस प्रतिक्रिया के बाद पश्चिमी देशों की चिंता बढ़ गई है।
यूक्रेनी राष्ट्रपति की चेतावनी – 'अगला निशाना कौन?'
अमेरिका की इस कार्रवाई के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने चेतावनी दी कि रूस की सैन्य रणनीति अब केवल यूक्रेन तक सीमित नहीं है। उन्होंने कहा कि एस्टोनिया भी अब पुतिन के संभावित हमलों की सूची में शामिल हो सकता है।
जेलेंस्की के अनुसार, जिन देशों में रूसी मूल के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं या जो पहले सोवियत संघ का हिस्सा रह चुके हैं, वे सभी खतरे में हैं। इसमें पोलैंड, स्लोवाकिया, लातविया, एस्टोनिया और मोल्दोवा शामिल हैं। उनका कहना है कि अगर रूस को रोका नहीं गया, तो यह टकराव और व्यापक हो सकता है।
हालांकि, रूस ने इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया, लेकिन इसके तुरंत बाद उसने यूक्रेन पर बड़ा हमला कर दिया, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई।
रूस का पलटवार – परमाणु बॉम्बर से फैली दहशत
रूस ने अपनी जवाबी कार्रवाई में Tu-95MS बॉम्बर तैनात किए, जो परमाणु हमले में सक्षम हैं। जैसे ही ये बॉम्बर यूक्रेन के हवाई क्षेत्र में पहुंचे, राजधानी कीव समेत झाइटॉमिर, सुमी और चेर्कासी में तेज धमाकों की आवाज सुनाई देने लगी।
रूस ने ड्रोन हमलों का भी सहारा लिया, जिससे कई नागरिक घायल हो गए। इस हमले के बाद नाटो पूरी तरह सतर्क हो गया और पोलैंड ने अपनी वायुसेना को अलर्ट पर डाल दिया।
ब्रिटिश मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रूस के लंबी दूरी तक मार करने वाले विमानों के कारण पोलैंड ने भी अपने लड़ाकू विमानों को तैनात कर दिया। इस पूरे घटनाक्रम ने पश्चिमी देशों में चिंता बढ़ा दी है।
शांति वार्ता के बीच भी रूस की आक्रामकता जारी
रूस की यह सैन्य कार्रवाई तब हुई जब राष्ट्रपति पुतिन लगातार शांति वार्ता की बात कर रहे हैं। रूस और अमेरिका के बीच इस युद्ध को खत्म करने को लेकर बातचीत चल रही थी, लेकिन इसके बावजूद भी रूस का आक्रामक रुख बना हुआ है।
युद्ध के तीन साल पूरे होने पर रूस ने यूक्रेन पर बड़ा हमला किया। 48 घंटे के भीतर 450 से अधिक बम गिराए गए, जिससे यूक्रेन में हालात और बिगड़ गए।
रूस ने आर्कटिक स्थित ओलेन्या एयर बेस से दो Tu-95MS बॉम्बर रवाना किए, जिससे नाटो देशों की चिंता और बढ़ गई। इस घटना से स्पष्ट है कि रूस और अमेरिका के बीच शक्ति प्रदर्शन की यह लड़ाई जल्द खत्म होती नहीं दिख रही।
युद्ध का भविष्य – क्या टकराव और बढ़ेगा?
विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना वैश्विक राजनीति को बड़े स्तर पर प्रभावित कर सकती है। रूस और अमेरिका दोनों अपनी-अपनी ताकत का प्रदर्शन कर रहे हैं, जिससे यूरोप में तनाव लगातार बढ़ रहा है।
अगर रूस और नाटो देशों के बीच यह संघर्ष और बढ़ता है, तो यह युद्ध एक नए मोड़ पर पहुंच सकता है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या यह केवल शक्ति प्रदर्शन है या आने वाले दिनों में कोई बड़ा सैन्य टकराव देखने को मिलेगा?
निष्कर्ष:
रूस और अमेरिका के बीच यह शक्ति संतुलन की लड़ाई अब परमाणु बॉम्बर की तैनाती तक पहुंच गई है। जहां एक ओर अमेरिका ने अपनी सैन्य ताकत दिखाई, वहीं रूस ने भी इसका करारा जवाब दिया।
इस टकराव का सीधा असर यूक्रेन पर पड़ा है, जहां हालात पहले से ही भयावह बने हुए हैं। नाटो देशों ने अलर्ट जारी कर दिया है, जिससे यह साफ हो जाता है कि आने वाले समय में वैश्विक राजनीति में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
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