सारांश : मार्क कार्नी ने कनाडा के 24वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की धमकियों को खारिज किया और कनाडा की स्वतंत्रता और संप्रभुता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि कनाडा कभी भी अमेरिका का हिस्सा नहीं बनेगा और देश की सुरक्षा और व्यापारिक हितों की रक्षा के लिए कदम उठाए जाएंगे।
कनाडा के राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन हुआ है। पूर्व केंद्रीय बैंकर मार्क कार्नी ने शुक्रवार को देश के 24वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली, जिससे कनाडा की राजनीति में एक नया अध्याय शुरू हुआ है। कार्नी ने जस्टिन ट्रूडो की जगह ली, जिन्होंने जनवरी में अपने इस्तीफे की घोषणा की थी। लिबरल पार्टी द्वारा नया नेता चुने जाने तक ट्रूडो सत्ता में बने रहे।
शपथ ग्रहण समारोह और प्रारंभिक वक्तव्य
शपथ ग्रहण समारोह में, प्रधानमंत्री कार्नी ने अपने उद्घाटन भाषण में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की धमकियों का सीधे तौर पर जवाब दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि कनाडा कभी भी, किसी भी परिस्थिति में, अमेरिका का हिस्सा नहीं बनेगा। कार्नी ने कहा, "अमेरिका, कनाडा नहीं है। हम मूल रूप से एक अलग देश हैं।"
अमेरिका-कनाडा संबंधों में तनाव
डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में लौटने के बाद से अमेरिका और कनाडा के बीच संबंधों में तनाव बढ़ गया है। ट्रंप ने कनाडा के इस्पात और एल्युमीनियम पर 25 प्रतिशत शुल्क लगा दिया है और दो अप्रैल से सभी कनाडाई उत्पादों पर भारी शुल्क लगाने की घोषणा की है। इसके अलावा, ट्रंप ने कनाडा को 51वें अमेरिकी राज्य के रूप में मिलाने की चेतावनी भी दी है, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है।
कार्नी की प्राथमिकताएं और अंतर्राष्ट्रीय संबंध
प्रधानमंत्री कार्नी ने अपनी प्राथमिकताओं में कहा कि उनकी सरकार वाशिंगटन के साथ मिलकर दोनों देशों के हितों को आगे बढ़ाएगी। उन्होंने यह भी घोषणा की कि वह आने वाले दिनों में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री केअर स्टार्मर से मिलने के लिए दोनों देशों की यात्रा करेंगे। कार्नी ने कहा, "हमें अपने व्यापार भागीदारों में विविधता लानी चाहिए और ऐसा करते हुए अपनी सुरक्षा को मजबूत करना होगा।"
आगामी चुनाव और लिबरल पार्टी की स्थिति
इस साल संभावित चुनाव में सत्तारूढ़ लिबरल पार्टी पर हार का संकट मंडरा रहा था, लेकिन ट्रंप ने शुल्क के रूप में "आर्थिक युद्ध" की घोषणा कर दी और पूरे देश को 51वें प्रांत के रूप में अमेरिका में मिलाने की चेतावनी दी। अब इन बदले समीकरण के चलते लिबरल पार्टी को चुनाव में बढ़त मिलने के दावे किए जा रहे हैं।
नया मंत्रिमंडल और कार्नी का अनुभव
कार्नी सरकार के नए मंत्रिमंडल को भी शपथ दिलाई गई है। एफ. फिलिप शैम्पेन कनाडा के नए वित्त मंत्री बन गए हैं। मेलानी जोली को विदेश मंत्री के रूप में बरकरार रखा गया है। क्रिस्टिया फ्रीलैंड को परिवहन और आंतरिक व्यापार मंत्री बनाया गया है। फ्रीलैंड पूर्व उप प्रधानमंत्री हैं, जो लिबरल पार्टी के नेतृत्व की दौड़ में कार्नी से पिछड़ गई थीं।
कार्नी का व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन
मार्क कार्नी का जन्म 16 मार्च, 1965 को फोर्ट स्मिथ में हुआ था और उनका पालन-पोषण एडमॉन्टन, अल्बर्टा में हुआ। कार्नी ने 2008 से 2013 तक बैंक ऑफ कनाडा और 2013 से 2020 तक बैंक ऑफ इंग्लैंड का नेतृत्व किया। वर्ष 2008 के वित्तीय संकट के सबसे बुरे प्रभावों से निपटने में कनाडा की मदद करने के बाद कार्नी को बैंक ऑफ इंग्लैंड की कमान सौंपी गई। 1694 में बैंक ऑफ इंग्लैंड की स्थापना के बाद से ऐसा पहली बार हुआ जब किसी गैर-ब्रिटिश व्यक्ति को इसका नेतृत्व सौंपा गया। कार्नी ने वर्ष 2020 में जलवायु कार्रवाई एवं वित्त के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत के रूप में काम करना शुरू किया। 2003 में बैंक ऑफ कनाडा के डिप्टी गवर्नर नियुक्त होने से पहले कार्नी ने लंदन, टोक्यो, न्यूयॉर्क और टोरंटो में 13 साल तक काम किया। हालांकि, उन्हें राजनीति का कोई अनुभव नहीं है।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री के रूप में मार्क कार्नी का कार्यकाल कनाडा के लिए महत्वपूर्ण मोड़ पर आया है। अमेरिका के साथ बढ़ते तनाव, व्यापारिक चुनौतियों और आगामी चुनावों के बीच, कार्नी के नेतृत्व में कनाडा अपनी स्वतंत्रता और संप्रभुता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। उनका अनुभव और दृष्टिकोण देश को इन चुनौतियों से निपटने में सहायता करेगा।
एक टिप्पणी भेजें