सारांश: मार्क कार्नी, बैंक ऑफ कनाडा और बैंक ऑफ इंग्लैंड के पूर्व गवर्नर, ने कनाडा के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली है। उन्होंने जस्टिन ट्रूडो की जगह ली है, जिन्होंने हाल ही में लिबरल पार्टी के नेता पद से इस्तीफा दिया था। कार्नी की आर्थिक विशेषज्ञता और अंतर्राष्ट्रीय अनुभव को देखते हुए, उनसे उम्मीद की जा रही है कि वे कनाडा को वर्तमान वैश्विक चुनौतियों से निपटने में सक्षम नेतृत्व प्रदान करेंगे।


मार्क कार्नी बने कनाडा के नए प्रधानमंत्री: आर्थिक विशेषज्ञता से राजनीतिक नेतृत्व तक का सफर



मार्क कार्नी का प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

मार्क कार्नी का जन्म कनाडा के नॉर्थवेस्ट टेरिटरीज में हुआ था, लेकिन उनका बचपन एडमंटन में बीता। उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में स्नातक की डिग्री हासिल की और बाद में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में मास्टर और डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। उनकी शिक्षा ने उन्हें आर्थिक नीतियों और वित्तीय प्रणालियों की गहरी समझ दी, जो उनके भविष्य के करियर में महत्वपूर्ण साबित हुई।


बैंकिंग करियर और उपलब्धियां

कार्नी ने अपने करियर की शुरुआत गोल्डमैन सैक्स में की, जहां उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय बाजारों में काम किया। 
इसके बाद, उन्होंने 2008 में बैंक ऑफ कनाडा के गवर्नर का पद संभाला, जहां उन्होंने वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान कनाडा की अर्थव्यवस्था को स्थिर रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी नेतृत्व क्षमता के कारण, 2013 में उन्हें बैंक ऑफ इंग्लैंड का गवर्नर नियुक्त किया गया, जिससे वे इस पद पर नियुक्त होने वाले पहले गैर-ब्रिटिश नागरिक बने। 


राजनीतिक सफर की शुरुआत

बैंकिंग क्षेत्र में अपनी सफल पारी के बाद, कार्नी ने राजनीति की ओर रुख किया। उन्होंने लिबरल पार्टी के नेता पद के लिए अपनी उम्मीदवारी पेश की और भारी बहुमत से जीत हासिल की। 

 उनकी आर्थिक विशेषज्ञता और अंतर्राष्ट्रीय अनुभव ने उन्हें पार्टी के भीतर और जनता के बीच लोकप्रिय बनाया।


प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी

प्रधानमंत्री के रूप में, कार्नी को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। वर्तमान में, कनाडा और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ रहा है, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कनाडाई उत्पादों पर 25% टैरिफ लगाया गया है। 

 कार्नी ने इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा है कि जब तक अमेरिका कनाडा की आर्थिक संप्रभुता का सम्मान नहीं करता, तब तक वे प्रतिशोधी टैरिफ जारी रखेंगे। 


आर्थिक और सामाजिक नीतियां

कार्नी ने अपने कार्यकाल में वित्तीय जिम्मेदारी और सामाजिक न्याय को प्राथमिकता देने का वादा किया है। वे नई व्यापारिक साझेदारियों की स्थापना और घरेलू नीति सुधारों के माध्यम से कनाडा की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की योजना बना रहे हैं। 
 उनकी नीतियों का मुख्य उद्देश्य आर्थिक विकास के साथ-साथ सामाजिक समानता सुनिश्चित करना है।


अंतर्राष्ट्रीय संबंध और चुनौतियां

अंतर्राष्ट्रीय मंच पर, कार्नी को अमेरिका के साथ बढ़ते तनाव और अन्य वैश्विक चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। उनकी आर्थिक पृष्ठभूमि और कूटनीतिक कौशल से उम्मीद की जाती है कि वे इन मुद्दों का समाधान करने में सक्षम होंगे। 

Post a Comment

और नया पुराने