सारांश : संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण के पहले दिन, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान द्वारा तमिलनाडु सरकार को 'बेईमान' कहने पर डीएमके सांसदों ने जोरदार विरोध किया, जिससे लोकसभा की कार्यवाही लगभग 30 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी। प्रधान ने तमिलनाडु सरकार पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को लागू न करने और पीएमश्री योजना से पीछे हटने का आरोप लगाया, जिसे डीएमके ने अस्वीकार किया।


Parliament Session में हंगामा : Dharmendra Pradhan के 'बेईमान' बयान पर DMK सांसदों का विरोध, Lok Sabha स्थगित


विस्तृत विवरण:


संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरुआत सोमवार, 10 मार्च 2025 को हुई, जो 4 अप्रैल तक चलेगा। पहले ही दिन, लोकसभा में तीव्र हंगामा देखा गया, जिसका केंद्र बिंदु राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) और पीएमश्री योजना था।


एनईपी और पीएमश्री योजना पर विवाद:


तमिलनाडु से डीएमके सांसद टी. सुमति ने प्रश्नकाल के दौरान आरोप लगाया कि एनईपी को स्वीकार न करने के कारण तमिलनाडु को पीएमश्री योजना के तहत मिलने वाले 2,000 करोड़ रुपये की केंद्रीय राशि अन्य राज्यों को हस्तांतरित कर दी गई है। उन्होंने पूछा कि क्या केंद्र सरकार स्कूली छात्रों की शिक्षा के लिए निर्धारित धनराशि का उपयोग राज्यों के खिलाफ बदले के उपकरण के रूप में कर रही है।


धर्मेंद्र प्रधान की प्रतिक्रिया:

इसके जवाब में, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि तमिलनाडु सरकार ने पहले एनईपी को लागू करने के लिए केंद्र के साथ समझौता किया था, लेकिन अब अपने रुख से पीछे हट गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि तमिलनाडु सरकार छात्रों के भविष्य के साथ राजनीति कर रही है और उन्हें 'बेईमान' कहा। प्रधान ने यह भी कहा कि कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश और पंजाब जैसे गैर-भाजपा शासित राज्य भी पीएमश्री योजना को स्वीकार कर रहे हैं।


डीएमके सांसदों का विरोध:


प्रधान की 'बेईमान' टिप्पणी पर डीएमके सांसदों ने कड़ा ऐतराज जताया और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रदर्शन कर रहे सदस्यों से अपनी सीटों पर लौटने और सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलने देने की अपील की, लेकिन डीएमके सांसदों ने उनकी अपील को नजरअंदाज किया और अपना विरोध जारी रखा। परिणामस्वरूप, लोकसभा की कार्यवाही लगभग 30 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।


विपक्ष के अन्य मुद्दे:


इसके अलावा, विपक्ष ने मणिपुर में ताजा हिंसा, अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप द्वारा पारस्परिक शुल्क लगाने की धमकी, संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन पर राजनीतिक हंगामा जैसे मुद्दों को भी संसद में उठाने की योजना बनाई है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि विपक्षी I.N.D.I.A. गठबंधन के नेता वक्फ विधेयक का संयुक्त रूप से विरोध करने के लिए 'व्यापक विचार-विमर्श' करेंगे।


मणिपुर का बजट और राष्ट्रपति शासन:


गृह मंत्री अमित शाह मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की घोषणा के लिए संसद की मंजूरी लेने के लिए एक वैधानिक प्रस्ताव पेश कर सकते हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सोमवार को मणिपुर का बजट भी पेश करेंगी। एन. बीरेन सिंह के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के बाद 13 फरवरी से मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू है।


वक्फ संशोधन विधेयक:


सरकार के लिए वक्फ संशोधन विधेयक को शीघ्र पारित कराना प्राथमिकता है। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने पिछले सप्ताह कहा था कि सरकार वक्फ संशोधन विधेयक को शीघ्र पारित कराने की इच्छुक है, क्योंकि इससे मुस्लिम समुदाय के कई मुद्दे सुलझेंगे।


निष्कर्ष:


बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरुआत हंगामेदार रही, जिसमें एनईपी, पीएमश्री योजना, मणिपुर में राष्ट्रपति शासन और वक्फ संशोधन विधेयक जैसे मुद्दों पर सरकार और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई। आने वाले दिनों में इन मुद्दों पर और चर्चा होने की संभावना है, जिससे संसद की कार्यवाही प्रभावित हो सकती है।

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