आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (AePS) एक भारतीय भुगतान प्रणाली है जिसे यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) द्वारा विकसित किया गया है। यह प्रणाली आधार कार्ड धारकों को बैंकिंग सेवाओं तक पहुँच प्रदान करती है, जिसमें उनके आधार संख्या और बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण (जैसे फिंगरप्रिंट) के माध्यम से लेन-देन की अनुमति दी जाती है। AePS का मुख्य उद्देश्य बैंकिंग सेवाओं को ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में सरल और सुलभ बनाना है, जहाँ पारंपरिक बैंकिंग सेवाओं की पहुँच सीमित हो सकती है।
इतिहास: AePS की शुरुआत भारत में 2016 में की गई थी, जिसका उद्देश्य डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना और वित्तीय समावेशन को सशक्त बनाना था। यह प्रणाली भारतीय सरकार की "डिजिटल इंडिया" पहल का एक हिस्सा है, जो देश के नागरिकों को डिजिटल वित्तीय सेवाओं तक पहुँच प्रदान करने के उद्देश्य से बनाई गई थी।
कार्यप्रणाली: AePS के तहत, किसी भी बैंक खाताधारक को आधार संख्या और बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण (आमतौर पर फिंगरप्रिंट) का उपयोग करके बैंकिंग सेवाओं का लाभ उठाने की सुविधा मिलती है। यह सेवा बैंक के व्यापार संवाददाताओं (Banking Correspondents) के माध्यम से उपलब्ध कराई जाती है, जो मोबाइल उपकरणों पर बायोमेट्रिक डिवाइस का उपयोग करके लेन-देन की पुष्टि करते हैं।
AePS के माध्यम से निम्नलिखित सेवाएँ प्रदान की जाती हैं:
- नकद निकासी (Cash Withdrawal)
- नकद जमा (Cash Deposit)
- बैलेंस जांच (Balance Enquiry)
- मिनी स्टेटमेंट (Mini Statement)
- आधार से आधार ट्रांसफर (Aadhaar to Aadhaar Fund Transfer)
उपयोग: AePS का उपयोग मुख्य रूप से उन क्षेत्रों में किया जाता है जहाँ पारंपरिक बैंकिंग सुविधाएँ सीमित हैं। यह प्रणाली किसानों, मजदूरों, और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए बेहद उपयोगी है, क्योंकि इसके माध्यम से उन्हें बिना बैंक शाखा जाए बैंकिंग सेवाएँ प्राप्त होती हैं।
सुरक्षा चिंताएँ: हालांकि AePS ने बैंकिंग सेवाओं को सुलभ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, लेकिन इसके साथ ही सुरक्षा संबंधित चिंताएँ भी उत्पन्न हुई हैं। हाल ही में, कुछ स्कैमर्स ने फिंगरप्रिंट की नकल कर और आधार जानकारी का दुरुपयोग कर बैंक खातों से पैसे निकालने के लिए AePS का दुरुपयोग किया है। इसके कारण, आधार और बायोमेट्रिक डेटा की सुरक्षा को लेकर सावधानी बरतने की आवश्यकता बढ़ गई है। यूजर्स को अपनी आधार डिटेल्स को सुरक्षित रखने और किसी भी अनजान व्यक्ति के साथ साझा न करने की सलाह दी जाती है।