क्रीमिया कांगो हेमोरेज फीवर (CCHF)

क्रीमिया कांगो हेमोरेज फीवर (Crimean Congo Hemorrhagic Fever या CCHF) एक गंभीर वायरल बीमारी है, जो नायर वायरस (Nairovirus) के कारण होती है। यह वायरस प्रायः हायलोमा प्रजाति के टिक (Ticks) द्वारा फैलता है, जो जानवरों से चिपके रहते हैं। इस बीमारी का नाम 1944 में क्रीमिया प्रायद्वीप में पहली बार पहचाने जाने के बाद और 1956 में कांगो में इसके मामलों के सामने आने के बाद रखा गया। यह बीमारी मुख्य रूप से अफ्रीका, एशिया, पूर्वी यूरोप और मध्य पूर्व के देशों में पाई जाती है।


क्रीमिया कांगो हेमोरेज फीवर (CCHF)


संक्रमण का स्रोत और प्रसार:

CCHF वायरस का मुख्य स्रोत टिक (टिक्स) होते हैं, जो संक्रमित जानवरों, विशेषकर मवेशी, बकरी, भेड़ और जंगली जानवरों में वायरस को फैलाते हैं। यह वायरस जानवरों से इंसानों में टिक के काटने से फैलता है। इसके अतिरिक्त, संक्रमित जानवरों के खून, मांस या अन्य शरीर के तरल पदार्थों के संपर्क में आने से भी इंसान इस वायरस से संक्रमित हो सकता है। यह संक्रमण अस्पतालों में संक्रमित व्यक्तियों से मेडिकल स्टाफ में भी फैल सकता है।


लक्षण:

CCHF के लक्षण संक्रमण के 1 से 3 दिन बाद दिखाई देने लगते हैं, हालांकि कुछ मामलों में यह अवधि 9 दिन तक हो सकती है। प्रारंभिक लक्षणों में तेज बुखार, मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द, पेट दर्द, और उल्टी शामिल हैं। जैसे-जैसे बीमारी बढ़ती है, व्यक्ति में निम्नलिखित गंभीर लक्षण दिखाई दे सकते हैं:

  • आंखों से खून आना (Eye bleeding)
  • नाक, मसूड़े और त्वचा से खून निकलना
  • अंगों का फेल्योर (Organ failure)
  • चक्कर आना और कमजोरी
  • लाइट सेंसिटिविटी (रोशनी के प्रति संवेदनशीलता)
  • गंभीर मामलों में, इस बीमारी से मृत्यु की संभावना 30-50% तक हो सकती है।


निदान और उपचार:

CCHF का निदान रक्त परीक्षण के माध्यम से किया जाता है, जिसमें वायरस की उपस्थिति का पता लगाया जाता है। वायरस की पुष्टि के लिए RT-PCR (रियल-टाइम पॉलिमरेज़ चेन रिएक्शन) और एंटीबॉडी परीक्षण का उपयोग किया जा सकता है।


इस बीमारी का कोई विशिष्ट उपचार या टीका उपलब्ध नहीं है। उपचार में मुख्य रूप से लक्षणों का प्रबंधन और संक्रमण को नियंत्रित करना शामिल है। गंभीर मामलों में, मरीजों को अस्पताल में आइसोलेट कर इलाज किया जाता है, जहां उनकी स्थिति की निगरानी और सपोर्टिव केयर दी जाती है। डॉक्टर एंटीवायरल दवाओं का उपयोग कर सकते हैं, लेकिन इसका प्रभाव सीमित होता है।


बचाव:

CCHF से बचाव के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:

  • संक्रमित जानवरों से दूर रहें और उनकी देखभाल करते समय उचित सावधानियां बरतें।
  • टिक (Ticks) से बचने के लिए सुरक्षात्मक कपड़े पहनें और कीटनाशक का उपयोग करें।
  • संक्रमित व्यक्तियों से सीधे संपर्क में आने से बचें, विशेषकर उनके शरीर के तरल पदार्थों से।
  • संक्रमित क्षेत्रों में यात्रा करने से पहले स्वास्थ्य निर्देशों का पालन करें।


महत्व:

CCHF एक गंभीर स्वास्थ्य संकट बन सकता है, विशेष रूप से उन क्षेत्रों में जहां इसकी जानकारी और प्रबंधन की कमी है। इस बीमारी की मृत्यु दर उच्च है, और इसका प्रसार तेजी से हो सकता है, इसलिए समय पर निदान और उचित सावधानी बरतना अत्यंत महत्वपूर्ण है। वैश्विक स्वास्थ्य संगठनों, जैसे WHO, द्वारा इस बीमारी की निगरानी और नियंत्रण के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।